वैशाली: जिले का लाल-भारतीय सेना का जवान जय किशोर सिंह भारत-चीन सेना की झड़प में शहीद हो गए हैं. जय किशोर सिंह की शहादत की खबर पहुंचते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया. वहीं, घटना की सूचना से गांव में मातम का माहौल है.
जवान के शहादत की खबर जैसे ही उनके पैतृक गांव चकफतेह पहुंची. ग्रामीणों के बीच मातमी सन्नाटा पसर गया. शहीद जवान जय किशोर सिंह के गांव वाले उन पर काफी गर्व महसूस कर रहे हैं. साथ ही लोगों में चीन के खिलाफ काफी गुस्सा है. वहीं, स्थानीय लोगों ने भारत सरकार से चीन पर जल्द कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी कर रहे हैं. शहीद के पिता का कहना है कि मुझे मेरे बेटे पर गर्व है, देश की सेवा के लिए मेरे दो और बेटे तैयार हैं, मैं उन्हें भी सीमा पर भेजूंगा.
चीन पर कड़ी कार्रवाई की मांग
लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर मंगलवार की झड़प में जंदाहा थानां क्षेत्र के चकफतेह गांव निवासी जय किशोर सिंह शाहिद हो गए. जय किशोर सिंह एक बहन और चार भाईयों में दूसरे नंबर पर थे. उनके बड़े भाई नंद किशोर सिंह भी भारतीय सेना में जवान हैं. वहीं, दो छोटे भाई और एक बहन अभी पढ़ाई कर रहे हैं. उनके पिता राज कपूर सिंह किसान और माता गृहणी हैं.
पार्थिव शरीर का इंतजार
परिजनों ने बताया की जय किशोर सिंह 2018 में सेना में बहाल हुए थे. साथ ही शहीद जय किशोर सिंह अभी अविवाहित थे. बहारहाल वैशाली के लाल जय किशोर सिंह की शहादत पर आज पूरा जिला को गर्व हैं. वहीं, स्थानीय लोग शहीद के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं.
'शहादत का चीन से लिया जाए बदला'
गौरतलब है कि भारत चीन-सीमा पर हुए झड़प में शहीद हुए पटना के सुनील नायक का पार्थिव शरीर बुधवार को पटना एयरपोर्ट पर पहुंचा. एयरपोर्ट पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित कई नेताओं ने माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. पटना एयरपोर्ट पर सुनील नायक का 10 साल का बेटा आयुष राज भी पहुंचा. मौके पर शहीद के परिजनों ने कहा कि चीन से शहादत का बदला लिया जाए.