वैशाली: बिहार के हाजीपुर स्थित होटल मैनेजमेंट की छात्रा ने सुसाइड कर लिया था. आज उसका सुसाइड नोट पुलिस को हाथ लगा है. इस सुसाइड नोट में उसने अपनी मां के लिए बेहद ही मार्मिक लेटर लिखा है. मृत छात्रा अनीशा कुमारी (20 वर्ष) ने मौत की वजह हार्ड कोर्स को बताया है. उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह घर आना चाहती है लेकिन पैसा बहुत खर्च हो गया है. इसलिए, पापा से नजर नहीं मिला पाएगी.
''मां ये कोर्स बहुत हार्ड है मुझसे नहीं हो पा रहा है. मैं घर आना चाहती थी लेकिन पापा का पैसा बहुत पैसा खर्च हो चुका है. मैं घर आऊंगी तो पापा से नजर नहीं मिला पाउंगी. मेरी आखिरी इच्छा है कि मेरी मौत का ब्लेम किसी पर नहीं लगाया जाए'' - अनीशा के सुसाइड नोट का हिस्सा
छात्रा का मिला सुसाइड नोट : मां को संबोधित कर सुसाइड नोट में छात्रा ने यह भी लिखा है कि ''उसकी आखिरी इच्छा है कि उसकी हत्या का ब्लेम किसी पर नहीं लगाया जाए.'' वहीं, पुलिस ने मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए हॉस्टल सहित कई जगहों के रजिस्टर और कागजात जप्त किए हैं. साथ ही पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं. हालांकि पुलिस प्रथम दृष्टया इस बात को मान रही है कि यह मामला सुसाइड का है. बावजूद इसके पुलिस इस केस में उन पहलुओं की तफ्तीश करने में जुट गई है.
"होटल मैनेजमेंट के हॉस्टल में छात्र का शव टंगा हुआ मिला था. प्रथम दृष्टया जांच में यह मामला सुसाइड का प्रतीत हो रहा है. मौके से पुलिस ने एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है जिसमें लिखा है कि वह अपनी इच्छा से आत्महत्या कर रही है क्योंकि कोर्स बहुत हार्ड है. कॉलेज का डायरी रजिस्टर वगैरह जप्त कर पुलिस मामले की जांच कर रही है" - ओम प्रकाश, एसडीपीओ सदर हाजीपुर.
क्या है मामला? : बता दें कि बुधवार की शाम सदर थाना पुलिस को सूचित कर बताया गया था कि होटल मैनेजमेंट हाजीपुर के कैंपस में स्थित हॉस्टल के एक कमरे में छात्रा का शव लटका हुआ है. इसके बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया था. छात्रों का शव सारी के फंदे से लटका पाया गया था. छात्रा 20 वर्षीय अनिशा कुमारी पटना के रहने वाले जमेंद्र कुमार झा की पुत्री थी जो झारखंड पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद कर कार्यरत है. 7 महीने पहले अनिशा का नामांक हुआ था जिसके बाद से वह हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी.
"हम लोगों को कोई खबर नहीं दिया गया. बच्ची के पिताजी हजारीबाग में नौकरी करते हैं अगस्त 2022 से वह यहां पढ़ाई कर रही थी. 20 फरवरी को इसकी खाना का शिकायत आया था उसके बाद उसका तबीयत खराब हुआ था. बोला गया कि इसको फूड प्वाइजनिंग हुआ है उसको दबा दिया जिसका जिसके बाद यहां का मैनेजमेंट पिता को फोन नहीं किया चाचा को फोन कर रहा है कि आपके बच्ची मर गई है. हम लोग वहां से आए हैं लेकिन मैनेजमेंट की तरफ से कोई यहां नहीं है. इसको मार करके टांग दिया गया है. अपना पाप छिपाने के लिए आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है'' - मिहिर कुमार झा. मृतका के चाचा.
बच्चों की क्षमता को नजरअंदाज न करें : लड़की की मौत का सुसाइड लेटर उन लोगों के लिए चेतावनी है जो अपने सपनों को अपने बेटे-बेटियों के माध्यम से पूरा करने की सोचते हैं. ऐसे परिजन ये नहीं समझना चाहते कि उनके बच्चे को क्या पसंद है? उसकी क्या क्षमता है? गार्जियन अपनी पसंद, नापसंद बच्चों पर थोप देते हैं. इसका नतीजा काफी दुखांतक होता है. जीवन चुनौतियों का ही नाम है. हर कदम पर चुनौतियां आतीं हैं लेकिन उससे लड़ना ही जिंदगी है. अनीशा को भी चुनौती का डंटकर सामना करना चाहिए था. ऐसे में जरूरी है कि माता पिता अपने बच्चों को समझें.