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वैशाली: गंगा घाट पर लगा गंदगी का अंबार, 10 नवम्बर से शुरू होगा सोनपुर मेला - Sonepur fair

पहलेजा के गंगा घाट पर कचरे का अंबार लगा हुआ है. बता दें कि 10 नवम्बर से सोनपुर मेला शुरू हो जाएगा. वहीं, कार्तिक पूर्णिमा को लेकर लोग गंगा में स्नान करते हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक गंगा घाटों की सफाई नहीं किया गया है.

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Published : Nov 9, 2019, 10:50 AM IST

वैशाली: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला 10 नवम्बर से शुरू हो जाएगा. इसको लेकर प्रशासन की ओर से जिले के सभी महत्वपूर्ण गंगा घाटों की साफ-सफाई करने की बात कही गई थी, लेकिन जिले के प्रमुख पहलेजा घाट पर गंदगी फैली हुई है. वहीं, शुक्रवार को प्रदेश के कई गंगा घाटों पर महिला श्रद्धालुओं ने एकादशी को लेकर स्नान और पूजा अर्चना की.

प्रशासन की ओर नहीं किया गया व्यवस्था
बता दें कि सोनपुर के हरिहर क्षेत्र पशु मेला का आगाज 10 नवम्बर
से होगा. साथ ही इसके ठीक दो दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा भी पड़ रहा है, जिसको लेकर जिला प्रशासन ने दावा किया था कि घाटों पर साफ-सफाई, वाच टॉवर, लाइटिंग, शौचालय, चेंजिंग रूम जैसी जरूरी व्यवस्था की जाएगी. वहीं, ईटीवी भारत की पड़ताल में यहां कचरे का ढेर पाया गया और प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं किया गया है.

गंगा घाट पर लगा
10 नवम्बर से शुरु होगा सोनपुर मेला

गंगा स्नान करते है लोग
मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा हिंदुओ का खास त्यौहार माना जाता है. इसकी तैयारी एक महीना पहले से ही शुरू हो जाती है. बताया जाता है कि इस मौके पर लोग दूर-दूर से आकर पहलेजा घाट पर स्नान करते है. वहीं, घाट परिसर समतल नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का समाना करना पड़ता है.

गंगा स्नान का है खास महत्व
बताया जाता है कि पहलेजा घाट पर गंगा का उतर दिशा से आगमन होता है और दक्षिण दिशा में बहती है. इसलिए इसका बहुत महत्व है. इसे उत्तरायणी गंगा के नाम से भी जाना जाता है और इसको देवभूमि भी कहा जाता हैं. यहां आयी एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि कार्तिक महीने में गंगा स्नान करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है.

गंगा घाट पर लगा है कचरे का अंबार

दस लाख श्रद्धालु करते है गंगा स्नान
जानकारी के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा 12 नवम्बर को है. इसको लेकर 11 नवम्बर के दोपहर से लोगों का आना शुरु हो जाता है. बता दें कि 11 नवम्बर
की रात को यहां आठ से दस लाख की संख्या में श्रद्धालुओं गंगा में स्नान और पूजा अर्चना करते है.

वैशाली: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला 10 नवम्बर से शुरू हो जाएगा. इसको लेकर प्रशासन की ओर से जिले के सभी महत्वपूर्ण गंगा घाटों की साफ-सफाई करने की बात कही गई थी, लेकिन जिले के प्रमुख पहलेजा घाट पर गंदगी फैली हुई है. वहीं, शुक्रवार को प्रदेश के कई गंगा घाटों पर महिला श्रद्धालुओं ने एकादशी को लेकर स्नान और पूजा अर्चना की.

प्रशासन की ओर नहीं किया गया व्यवस्था
बता दें कि सोनपुर के हरिहर क्षेत्र पशु मेला का आगाज 10 नवम्बर
से होगा. साथ ही इसके ठीक दो दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा भी पड़ रहा है, जिसको लेकर जिला प्रशासन ने दावा किया था कि घाटों पर साफ-सफाई, वाच टॉवर, लाइटिंग, शौचालय, चेंजिंग रूम जैसी जरूरी व्यवस्था की जाएगी. वहीं, ईटीवी भारत की पड़ताल में यहां कचरे का ढेर पाया गया और प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं किया गया है.

गंगा घाट पर लगा
10 नवम्बर से शुरु होगा सोनपुर मेला

गंगा स्नान करते है लोग
मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा हिंदुओ का खास त्यौहार माना जाता है. इसकी तैयारी एक महीना पहले से ही शुरू हो जाती है. बताया जाता है कि इस मौके पर लोग दूर-दूर से आकर पहलेजा घाट पर स्नान करते है. वहीं, घाट परिसर समतल नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का समाना करना पड़ता है.

गंगा स्नान का है खास महत्व
बताया जाता है कि पहलेजा घाट पर गंगा का उतर दिशा से आगमन होता है और दक्षिण दिशा में बहती है. इसलिए इसका बहुत महत्व है. इसे उत्तरायणी गंगा के नाम से भी जाना जाता है और इसको देवभूमि भी कहा जाता हैं. यहां आयी एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि कार्तिक महीने में गंगा स्नान करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है.

गंगा घाट पर लगा है कचरे का अंबार

दस लाख श्रद्धालु करते है गंगा स्नान
जानकारी के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा 12 नवम्बर को है. इसको लेकर 11 नवम्बर के दोपहर से लोगों का आना शुरु हो जाता है. बता दें कि 11 नवम्बर
की रात को यहां आठ से दस लाख की संख्या में श्रद्धालुओं गंगा में स्नान और पूजा अर्चना करते है.

Intro:लोकेशन: वैशाली।
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा ।

विश्व प्रसिद्ध सोंनपुर मेला के उद्घाटन दस नवम्बर को हो रहा हैं। इसके ठीक दो दिन के बाद कार्तिक पूर्णिमा हैं। इसको लेकर प्रशासन द्वारा सोंनपुर के सभी महत्वपूर्ण गंगा घाटों की साफ-सफाई की व्यवस्था की बात कही थी । Etv भारत द्वारा यहा के सबसे प्राचीनतम पहलेजा घाट की पड़ताल करने पर पाया गया कि यहा घाट परिसर में गंदगी ही गंदगी फैली हुई हैं ।अभी तक इसे हटाया नही गया था। शुक्रवार को प्रदेश के कई जगहों से सैकड़ों की संख्या में महिला श्रद्धालुओं द्वारा एकादशी को लेकर स्नान एवं पूजा करने पहुँची थी ।


Body:विश्व प्रसिद्ध सोंनपुर के हरिहर क्षेत्र पशु मेला की आगाज दस नवम्बर से होना सुनिश्चित हुआ हैं। इसके ठीक दो दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा भी पड़ रहा हैं। इसको लेकर जिला प्रशासन हाल ही में बड़ा दावा किया था कि घाटों पर साफ - सफाई, वाच टॉवर, लाइटिंग, शौचालय, चेंजिंग रूम जैसे जरूरी व्यवस्था की बात कही थी ।

शनिवार को ETV भारत द्वारा सोंनपुर के सबसे प्राचीनतम माने जाने वाले पहलेजा घाट की पड़ताल करने पर पाया कि यहा प्रशासन के द्वारा घाट पर फैली गंदगी - कूड़ा- कचड़े को अभी तक हटाया नहीं गया था । बतादें वर्ष का सबसे पवित्र कार्तिक महीनें में गंगा- स्नान करने के लिये रोजाना प्रदेश के अलग - अलग ठिकानों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का पहुँचना जारी हैं। हमारे द्वारा घाट पर महिला श्रद्धालुओं से ये सवाल पूछने पर की प्रशासन की ओर से यहा व्यवस्था क्या किया गया हैं ..? तो इस पर सभी ने अपनी जबाब में बताया कि यहा कोई खास व्यवस्था नहीं किया गया हैं।

यहा घाट पर वैशाली ,मुजफ्फरपुर, मोतिहारी जिले से आये श्रधालुओ की मानें तो घाट पर गंदगी पसरी हुई हैं। मुजफ्फरपुर जिले से एक महीने से यहा आयी एक महिला ने बताया कि यहा प्रशासन की कोई गतिविधिया तक नहीं रहीं हैं। उंसने बताया कि यहा ठहरने, स्नान के बाद चेंजिंग रूम,पहुँच रोड की स्थिति खास्ता हाल हैं ।

मालूम हो कि आज से चार दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन के ठीक एक दिन पहले से ही यहा घाट पर आठ से दस लाख श्रद्धालु का पहुँचने की संभावनाएं हैं। पर इसको लेकर अभी तक प्रशासन उदासीन रवैया अख्तियार कर रहा हैं।

कार्तिक पूर्णिमा पूरे वर्ष में हिंदुओ का खास त्यौहार माना जाता हैं। इसकी तैयारी एक महीने से शुरू हो जाती हैं। दूर दूर क्षेत्रों से यहा लोग इस पहलेजा गंगा घाट पर स्नान करने पहुँचते हैं ।घाट परिसर समतल नहीं होने के चलते जगह जगह गढ़े नुमा बने हुए हैं। वही कुछ जगह तो गहराई भी ज्यादा हैं।

लोगों का प्रशासन पर आरोप हैं कि प्रशासन अंतिम समय मे खाना- पूर्ति के लिये जेवीसी मशीन घुमा रही हैं। जो कुछ दिन पूर्व कार्य कराने चाहिए था।

पहलेजा घाट पर गंगा उतर दिशा से आती हैं और दक्षिण दिशा में बहती हैं। इसलिये इसका बहुत महत्व हैं। इसे उत्तरायणी गंगा नदी से भी नवाजा गया हैं। यह देवभूमि भी कहा जाता हैं। यहा आयी एक महिला श्रद्धालु महिला ने बताया कि कार्तिक महीने में गंगा स्नान करने से भगवान विष्णु का आशिर्वाद मिलता हैं।

घाट पर शौचालय नाम मात्र का हैं ।इससे भी लोगों को भारी परेशानी का सामना करते हुए देखा गया था । स्वछता अभियान का पोल भी खुलता हैं ।

कार्तिक पूर्णिमा 12 नवम्बर को होने के चलते यहा एक दिन पूर्व यानी कि 11 नवम्बर को ही दोपहर से लोग पहुचना शुरू हो जाएंगे । बतादें कि 11 नवम्बर की रात को यहा आठ सर दस लाख की संख्या में भग्क्त- श्रद्धालुओं की जमावड़ा होती हैं ।सभी के सभी घाट परिसर पर ही रात में सोएंगे ।फिर अहले सुबह गंगा- स्नान के लिये उठेंगे। फिर घाट की विधिवत पूजा कर यहा से 7 से 8 किलोमीटर दूर सोंनपुर मेला घूमने , खरीदारी, खाने पीने, बच्चों के लिये खिलौने की खरीदारी कर दोपहर 12 बजे तक वापस अपने गंतव्य स्थान चले जायेंगे ।




Conclusion:बहरहाल, प्रशासन इस मामले में बाकी कद कुछ दिन में क्या करता हैं ।इससे लोगों को मतलब नहीं हैं। लोगो ने बताया कि यहा चेंजिंग रूम, लाइट व्यवस्था, घाट परिसर में बने गढ़े को भरना, गंदगी की साफ सफाई करवाना, पीने के लिये शुद्ध जल की व्यवस्था , सुरक्षा करवादे ।यही लोग प्रशासन से गुहार लगाते नजर आये।

सोंनपुर के प्रमुख घाटों में कालीघाट, नारायणी घाट, पहलेजा , पुराना गंडक घाट, वैशाली जिले कद कौनहारा घाट प्रमुख घाट हैं। जहां 20 लाख से कही ज्यादा भग्क्त- श्रद्धालुओं की जमावड़ा स्नान के लिये होता हैं।

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OPEN PTC संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
बाईट्स: भग्क्त - श्रद्धालुओं का ।
CLOSE PTC संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
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