वैशाली: जिले में पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण गंगा और गंडक नदी का जलस्तर बढ़ गया है. इस कारण सोनपुर प्रखण्ड की आधा दर्जन से ज्यादा पंचायतों में इन दोनों नदियों के जरिए तेजी से कटाव हो रहा है. इस कारण ग्रामीणों के जन-जीवन पर इसका गहरा असर देखने को मिल रहा है.
गंगा नदी के साथ ही अब गंडक नदी के जलस्तर में काफी तेजी से इजाफा हुआ है. सोनपुर प्रखण्ड की 23 पंचायतों में से लगभग आधा दर्जन पंचायतें कटाव से प्रभावित हो रही हैं. क्षेत्र में पानी भरने के कारण कोई अनहोनी न हो इसके चलते कुछ सरकारी स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है.
पलायन कर रहे ग्रामीण
बुधवार को ईटीवी भारत ने प्रखण्ड के सब्बलपुर की चार पंचायतों की पड़ताल थी. इन पंचायतों के हजारों लोग गंगा के कटाव से प्रभावित थे. वहीं, गुरुवार को इन क्षेत्रों में बाढ़ के पानी में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. जिसके चलते ग्रामीण घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर पलायन करने को मजबूर हैं.
रिंग बांध का निर्माण पेंडिंग
प्रखण्ड के जहांगीरपुर पंचायत में गंडक और गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण यहां के लोग भयभीत हैं. जहांगीरपुर, जैतीया, शाहपुर, गंगाजल, पहलेजा, राहर दियरा जैसे इलाके भी गंगा के कटाव से प्रभावित हो रहें हैं. क्षेत्र की जनता की मानें तो जहांगीरपुर, शाहपुर, जैतीया जैसे गांवों में 2 से 3 फिट पानी बह रहा है. ग्रामीणों का कहना है बारिश के मौसम में यहां हर साल यह मंजर देखने को मिलता है. वहीं, एक किसान ने बताया कि इन क्षेत्रो में सरकार की उदासीनता के चलते गंगा, गंडक नदी के किनारे रिंग बांध का निर्माण पेंडिंग पड़ा हुआ है.
लाखों की सब्जियां बर्बाद
एक ग्रामीण ने बताया कि अभी तक बाढ़ के पानी से हमारी लाखों का हरी-साग-सब्जियां डूबकर नष्ट हो गई हैं. क्षेत्र में ज्यादातर लोग गरीब हैं. ये सभी के जीविकोपार्जन के लिये फसल और हरी साग-सब्जी पर निर्भर होते हैं. गंगा के कटाव से हम लोगों की सारी मेहनत मिट्टी में मिल गई है. खेतों में पानी भरने के कारण लाखों की पूंजी बर्बाद हो चुकी है.
2016 में भी आयी थी बाढ़
ग्रामीणों ने बताया कि तीन वर्ष पहले 2016 में भी बाढ़ आई थी. जिसे वो अभी तक नहीं भूले हैं. एक ग्रामीण ने बताया कि पहले आई बाढ़ में जहांगीरपुर पंचायत के सभी वार्ड गंगा की चपेट में आ गए थे. सैकड़ों घरों में 5 से 6 फिट तक पानी घुस गया था. जिस कारण जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था.
कीड़े-मकोड़ों ने ली शरण
ग्रामीणों ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में जल जमाव से कीड़े-मकोड़े, सांप और बिच्छु दिखाई देने लगे हैं. इस कारण कहीं भी घूमना मुश्किल हो रहा है. वहीं, जल जमाव वाले क्षेत्रों में डेंगू मच्छर पैदा होने की संभावना बढ़ती जा रही है. प्रशासन की ओर से अभी तक बलीचिंग पाउडर और दवा की व्यवस्था नहीं किये जाने से लोगों में सरकार के लिए काफी नाराजगी देखी जा रही है.
नहीं आते अधिकारी
अनुमंडल के एसडीओ शंभुशरण पांडेय ने बताया कि गंगा के कटाव वाले क्षेत्रों में लगातार सर्वेक्षण का काम चल रहा है. कार्यपालक अभियंता खुद कटाव वाले क्षेत्रों में जाकर कार्य करवा रहे हैं. वहीं, इलाके के ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की ओर से इस क्षेत्र में कोई सकारात्मक कार्य नहीं किये गये हैं. ग्रामीण ने बताया कि बीडीओ और सीओ साहब भी निरिक्षण करने नहीं आए हैं.