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वैशाली: गंगा और गंडक का जलस्तर बढ़ा, ग्रामीणों को सता रहा बाढ़ का डर

गंगा नदी के साथ अब गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से इजाफा हुआ है. सोनपुर प्रखण्ड की 23 पंचायतों में से लगभग आधा दर्जन पंचायतें कटाव से प्रभावित हो रही हैं. क्षेत्र में पानी भरने के कारण कोई अनहोनी न हो इसके चलते कुछ सरकारी स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है.

वैशाली
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Published : Sep 20, 2019, 4:39 PM IST

वैशाली: जिले में पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण गंगा और गंडक नदी का जलस्तर बढ़ गया है. इस कारण सोनपुर प्रखण्ड की आधा दर्जन से ज्यादा पंचायतों में इन दोनों नदियों के जरिए तेजी से कटाव हो रहा है. इस कारण ग्रामीणों के जन-जीवन पर इसका गहरा असर देखने को मिल रहा है.

गंगा नदी के साथ ही अब गंडक नदी के जलस्तर में काफी तेजी से इजाफा हुआ है. सोनपुर प्रखण्ड की 23 पंचायतों में से लगभग आधा दर्जन पंचायतें कटाव से प्रभावित हो रही हैं. क्षेत्र में पानी भरने के कारण कोई अनहोनी न हो इसके चलते कुछ सरकारी स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है.

गंगा और गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा

पलायन कर रहे ग्रामीण
बुधवार को ईटीवी भारत ने प्रखण्ड के सब्बलपुर की चार पंचायतों की पड़ताल थी. इन पंचायतों के हजारों लोग गंगा के कटाव से प्रभावित थे. वहीं, गुरुवार को इन क्षेत्रों में बाढ़ के पानी में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. जिसके चलते ग्रामीण घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर पलायन करने को मजबूर हैं.

Vaishali
खेतों में भरा पानी

रिंग बांध का निर्माण पेंडिंग
प्रखण्ड के जहांगीरपुर पंचायत में गंडक और गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण यहां के लोग भयभीत हैं. जहांगीरपुर, जैतीया, शाहपुर, गंगाजल, पहलेजा, राहर दियरा जैसे इलाके भी गंगा के कटाव से प्रभावित हो रहें हैं. क्षेत्र की जनता की मानें तो जहांगीरपुर, शाहपुर, जैतीया जैसे गांवों में 2 से 3 फिट पानी बह रहा है. ग्रामीणों का कहना है बारिश के मौसम में यहां हर साल यह मंजर देखने को मिलता है. वहीं, एक किसान ने बताया कि इन क्षेत्रो में सरकार की उदासीनता के चलते गंगा, गंडक नदी के किनारे रिंग बांध का निर्माण पेंडिंग पड़ा हुआ है.

Vaishali
भरे पानी के बीच से बाइक निकालता युवक

लाखों की सब्जियां बर्बाद
एक ग्रामीण ने बताया कि अभी तक बाढ़ के पानी से हमारी लाखों का हरी-साग-सब्जियां डूबकर नष्ट हो गई हैं. क्षेत्र में ज्यादातर लोग गरीब हैं. ये सभी के जीविकोपार्जन के लिये फसल और हरी साग-सब्जी पर निर्भर होते हैं. गंगा के कटाव से हम लोगों की सारी मेहनत मिट्टी में मिल गई है. खेतों में पानी भरने के कारण लाखों की पूंजी बर्बाद हो चुकी है.

Vaishali
इलाके में भरा पानी

2016 में भी आयी थी बाढ़
ग्रामीणों ने बताया कि तीन वर्ष पहले 2016 में भी बाढ़ आई थी. जिसे वो अभी तक नहीं भूले हैं. एक ग्रामीण ने बताया कि पहले आई बाढ़ में जहांगीरपुर पंचायत के सभी वार्ड गंगा की चपेट में आ गए थे. सैकड़ों घरों में 5 से 6 फिट तक पानी घुस गया था. जिस कारण जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था.

Vaishali
समस्या बताते ग्रामीण

कीड़े-मकोड़ों ने ली शरण
ग्रामीणों ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में जल जमाव से कीड़े-मकोड़े, सांप और बिच्छु दिखाई देने लगे हैं. इस कारण कहीं भी घूमना मुश्किल हो रहा है. वहीं, जल जमाव वाले क्षेत्रों में डेंगू मच्छर पैदा होने की संभावना बढ़ती जा रही है. प्रशासन की ओर से अभी तक बलीचिंग पाउडर और दवा की व्यवस्था नहीं किये जाने से लोगों में सरकार के लिए काफी नाराजगी देखी जा रही है.

Vaishali
एसडीओ शंभुशरण पांडेय

नहीं आते अधिकारी
अनुमंडल के एसडीओ शंभुशरण पांडेय ने बताया कि गंगा के कटाव वाले क्षेत्रों में लगातार सर्वेक्षण का काम चल रहा है. कार्यपालक अभियंता खुद कटाव वाले क्षेत्रों में जाकर कार्य करवा रहे हैं. वहीं, इलाके के ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की ओर से इस क्षेत्र में कोई सकारात्मक कार्य नहीं किये गये हैं. ग्रामीण ने बताया कि बीडीओ और सीओ साहब भी निरिक्षण करने नहीं आए हैं.

वैशाली: जिले में पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण गंगा और गंडक नदी का जलस्तर बढ़ गया है. इस कारण सोनपुर प्रखण्ड की आधा दर्जन से ज्यादा पंचायतों में इन दोनों नदियों के जरिए तेजी से कटाव हो रहा है. इस कारण ग्रामीणों के जन-जीवन पर इसका गहरा असर देखने को मिल रहा है.

गंगा नदी के साथ ही अब गंडक नदी के जलस्तर में काफी तेजी से इजाफा हुआ है. सोनपुर प्रखण्ड की 23 पंचायतों में से लगभग आधा दर्जन पंचायतें कटाव से प्रभावित हो रही हैं. क्षेत्र में पानी भरने के कारण कोई अनहोनी न हो इसके चलते कुछ सरकारी स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है.

गंगा और गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा

पलायन कर रहे ग्रामीण
बुधवार को ईटीवी भारत ने प्रखण्ड के सब्बलपुर की चार पंचायतों की पड़ताल थी. इन पंचायतों के हजारों लोग गंगा के कटाव से प्रभावित थे. वहीं, गुरुवार को इन क्षेत्रों में बाढ़ के पानी में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. जिसके चलते ग्रामीण घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर पलायन करने को मजबूर हैं.

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खेतों में भरा पानी

रिंग बांध का निर्माण पेंडिंग
प्रखण्ड के जहांगीरपुर पंचायत में गंडक और गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण यहां के लोग भयभीत हैं. जहांगीरपुर, जैतीया, शाहपुर, गंगाजल, पहलेजा, राहर दियरा जैसे इलाके भी गंगा के कटाव से प्रभावित हो रहें हैं. क्षेत्र की जनता की मानें तो जहांगीरपुर, शाहपुर, जैतीया जैसे गांवों में 2 से 3 फिट पानी बह रहा है. ग्रामीणों का कहना है बारिश के मौसम में यहां हर साल यह मंजर देखने को मिलता है. वहीं, एक किसान ने बताया कि इन क्षेत्रो में सरकार की उदासीनता के चलते गंगा, गंडक नदी के किनारे रिंग बांध का निर्माण पेंडिंग पड़ा हुआ है.

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भरे पानी के बीच से बाइक निकालता युवक

लाखों की सब्जियां बर्बाद
एक ग्रामीण ने बताया कि अभी तक बाढ़ के पानी से हमारी लाखों का हरी-साग-सब्जियां डूबकर नष्ट हो गई हैं. क्षेत्र में ज्यादातर लोग गरीब हैं. ये सभी के जीविकोपार्जन के लिये फसल और हरी साग-सब्जी पर निर्भर होते हैं. गंगा के कटाव से हम लोगों की सारी मेहनत मिट्टी में मिल गई है. खेतों में पानी भरने के कारण लाखों की पूंजी बर्बाद हो चुकी है.

Vaishali
इलाके में भरा पानी

2016 में भी आयी थी बाढ़
ग्रामीणों ने बताया कि तीन वर्ष पहले 2016 में भी बाढ़ आई थी. जिसे वो अभी तक नहीं भूले हैं. एक ग्रामीण ने बताया कि पहले आई बाढ़ में जहांगीरपुर पंचायत के सभी वार्ड गंगा की चपेट में आ गए थे. सैकड़ों घरों में 5 से 6 फिट तक पानी घुस गया था. जिस कारण जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था.

Vaishali
समस्या बताते ग्रामीण

कीड़े-मकोड़ों ने ली शरण
ग्रामीणों ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में जल जमाव से कीड़े-मकोड़े, सांप और बिच्छु दिखाई देने लगे हैं. इस कारण कहीं भी घूमना मुश्किल हो रहा है. वहीं, जल जमाव वाले क्षेत्रों में डेंगू मच्छर पैदा होने की संभावना बढ़ती जा रही है. प्रशासन की ओर से अभी तक बलीचिंग पाउडर और दवा की व्यवस्था नहीं किये जाने से लोगों में सरकार के लिए काफी नाराजगी देखी जा रही है.

Vaishali
एसडीओ शंभुशरण पांडेय

नहीं आते अधिकारी
अनुमंडल के एसडीओ शंभुशरण पांडेय ने बताया कि गंगा के कटाव वाले क्षेत्रों में लगातार सर्वेक्षण का काम चल रहा है. कार्यपालक अभियंता खुद कटाव वाले क्षेत्रों में जाकर कार्य करवा रहे हैं. वहीं, इलाके के ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की ओर से इस क्षेत्र में कोई सकारात्मक कार्य नहीं किये गये हैं. ग्रामीण ने बताया कि बीडीओ और सीओ साहब भी निरिक्षण करने नहीं आए हैं.

Intro:लोकेशन: वैशाली
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा ।

: दो दिनों से मूसलाधार वारिस ने गंगा सहित कई नदियों के जल स्तर में काफी हद तक वृद्धि कर दिया हैं ।यही वजह हैं कि गंगा और गंडक नदियों द्वारा रौद्ररूप दिखाने शुरू कर दी हैं। सोनपुर प्रखण्ड के आधे दर्जन से ज्यादा पंचायत में इन दोनों नदियों द्वारा तेजी से कटाव होने से यहा का जन- जीवन पर गहरा असर पड़ रहा हैं।


Body:गंगा नदी के साथ साथ अब गंडक नदी के जल स्तर में काफी तेजी से इजाफा हुआ हैं ।सोनपुर प्रखण्ड के 23 पंचायतों में से लगभग आधे दर्जन पंचतयत कटाव से प्रभावित हो रहा हैं ।

बुद्धवार को Etv भारत द्वारा प्रखण्ड के सब्बलपुर के चार पंचायतों का पड़ताल किया था ।यहा हजार लोग गंगा के कटाव से प्रभावित थे ।गुरुवार को इन क्षेत्रों में कल दिन बुद्धवार के उपेक्षा गुरुवार को बाढ़ के पानी मे काफी बढ़ोतरी हुई हैं। इसके चलते ग्रामीण जनता घर से बाहर निकल कर उच्चे स्थान पर समय बिताते देखे गए ।

प्रखण्ड के जहाँगीरपुर पंचायत में गंडक और गंगा दोनों नदी के जल स्तर बढ़ने से यहा के लोग भयभीत हैं ।
Etv भारत द्वारा पड़ताल करने पर पता चला कि जहाँगीरपुर , जैतीया , शाहपुर , गंगाजल, पहलेजा, राहर दियरा जैसे इलाक़े भी गंगा की कटाव से प्रभावित हो रहें हैं ।क्षेत्र की जनता की मानें तो जहाँगीरपुर, शाहपुर, जैतीया जैसे गाव में 2 से 3 फिट पानी बह रहा हैं। ग्रामीण की मानें तो यहा हरेक वर्ष वारिस के मौसम में यह मंजर दिखाई देता हैं । वहीं एक किसान ने बताया कि यहा क्षेत्रो में सरकार के उदासीनता के चलते गंगा, गंडक नदी के किनारे रिंग बांध की निर्माण पेंडिंग में हैं ।

एक ग्रामीण ने बताया कि अभी तक बाढ़ के पानी से हमारा लाखों का हरा- साग- सब्जियां डूबकर नष्ट हो रहीं हैं। उंसने आगे बताया कि क्षेत्र में ज्यादातर लोग गरीब हैं। और ये सभी के सभी जीविका- पार्जन के लिये फसल और हरा साग सब्जी पर निर्भर होते हैं। पर गंगा के कटाव ने हमलोगों के मेहनत किया हुआ सब गड़बड़ कर दिया ।इसके चलते हमारा लाखों की पूंजी बर्बाद हो ग़यी ।

इस बाबत अनुमंडल के एसडीओ शंभुशरण पांडेय ने बताया कि गंगा के कटाव वाले क्षेत्र पर हमलोगो के द्वारा लगातार सर्वेक्षण का काम चल रहा हैं। साथ ही कार्यपालक अभियंता कटाव वाले क्षेत्र पर जाकर कार्य भी करवा रहे हैं।

इलकके सैकडों ग्रामीण जनता की मानें तो प्रशासन की ओर से इस क्षेत्र में कोई सकरात्मक कार्य नहीं हुआ हैं ।हमने ग्रामीण से सवालिया लहजे ने पूछा कि क्षेत्र में अंचल पदाधिकारी से लेकर कार्यपालक अभियंता निरीक्षण करने पहुच रहें हैं न...? तो इस पर ग्रामीण काफी आक्रोशित लहजे में जबाब दिया कि अभी तक यहा न बीडीओ आये हैं न ही सीओ साहब ही ।

क्षेत्र में जल के बढ़ोतरी होने पर कुछ सरकारी स्कूल को बन्द कर दिया गया हैं। ताकि छोटे बच्चें एवं बच्चियां किसी हादसे की शिकार नहीं हो जाये ।

ग्रामीणों की मानें तो आज से तीन वर्ष पूर्व 2016 में आयी बाढ़ को वे अभी तक नहीं भूले हैं ।एक ग्रामीण ने बताया कि जहाँगीरपुर पंचायत के सभी 13 वार्ड गंगा के चपेट में आया था ।सैकड़ों घरों में 5 से 6 फिट तक पानी घुस गया था ।इसके चलते यहा का जन - जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गई थी ।हनक मवेशियों को उच्चे स्थान पर पहुचाया गया था ।उनके खाने के लिये चारा तक नहीं था ।प्रशासन द्वारा थोड़ा बहुत मदद नाम मात्र का किया गया था ।आप उसे सरकार का एक कोरम की प्रक्रिया की उपाधि समझ सकते हैं।
क्षेत्र में दर्जनों नाव प्राइवेट और सरकारी तौर पर चलाये जा रहें थे ।

गंगा नदी के जल स्तर में कमोवेश वृद्धि जारी हैं ।प्रभावित क्षेत्र में जल जमाव होने से कीड़े - मकोड़े, सांप और बिच्छु दिखाई देने लगे हैं।
इससे रात से लेकर दिन में कही घूमना मुश्किल हो रहा हैं ।वही जल जमाव वाले क्षेत्र में डेंगू का मच्छर का पैदा होने की आसार बढ़ती जा रही हैं ।प्रशासन कि ओर से अभी तक बलीचिंग पावडर और दवा की व्यवस्था नही किये जाने से लोगो मे सरकार के प्रति खासी नाराजगी देखी जा रही हैं।


Conclusion:बहरहाल, क्षेत्र में महामारी की आशंका भी काफी हद तक बढ़ गई हैं ।

VO: स्टोरी
ओपन PTC: संवाददाता, राजीव , वैशाली ।
बाइट: स्थानीय जनता : संख्या : 4
मिडिल PTC: संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
VO: संवाददाता, राजीव
बाइट: शंभुशरण पांडेय , एसडीओ , सोनपुर अनुमंडल ।

VO: स्टोरी का ।
PTC: संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
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