वैशाली: भारत माता की जयकारे, देशभक्ति गीत और वाहन पर सवार सैकड़ों की भीड़. यह नजारा था शहीद जवान लालबाबू शाह (Martyred Jawan Lal Babu Shah) के अंतिम संस्कार यात्रा का. वे राजस्थान के जैसलमेर बॉर्डर पर तैनात थे. अचानक तबीयत बिगड़ने से उनकी मौत हो गयी. शव को पूरे सम्मान के साथ शहीद जवान के गृहनगर हाजीपुर के अरड़ा धरहरा गांव पहुंचाया गया. जिसे देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हाथ में लेकर पहुंचे थे. शहीद जवान को कोनहारा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई (Funeral Of Martyr Jawan In Vaishali) दी गयी. इसके लिए विशेष रूप से पटना की एनडीआरएफ की टीम पहुंची थी.
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नम आंखों से लोगों ने दी विदाई: राजस्थान के जैसलमेर में ड्यूटी पर शहीद हुए सेना जवान लालबाबू शाह का शव उसके पैतृक गांव पहुंचा. जिसे देखने के लिए लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी. उनके घर से लेकर कोनहारा घाट तक लोगो की भारी भीड़ लगी रही. हजारों लोग जवान की अंतिम यात्रा में शामिल हुए थे. सभी ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई की. शहीद जवान को अंतिम सलामी देने पटना से आए एनडीआरएफ की टीम ने राजकीय सम्मान के साथ जवान को विदा किया. इसके बाद विधि अनुसार दाह संस्कार किया गया.
"अक्टूबर में पिताजी ने घर आने का वादा किया था. वे 2 साल बाद रिटायर होने वाले थे. उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी तो फोन पर अंतिम बात हुई थी. उसके बाद सीधे उनके शहीद होने की खबर आई" -सूरज कुमार, शहीद जवान का पुत्र
1984 में हुए थे सेना में भर्ती: हाजीपुर के अरड़ा धरहरा गांव के रहने वाले लालबाबू साह 1984 से सेना में तैनात थे. वह राजस्थान के जैसलमेर में ड्यूटी कर रहे थे. इसी बीच अचानक उनकी तबियत बिगड़ गयी. जिसकी सूचना परिजनों को भी दी गयी. लेकिन इलाज के दौरान जवान की मौत हो गयी. जिसके बाद उनका शव पैतृक गांव लाया गया. शहीद जवान के पुत्र सूरज कुमार ने बताया कि अक्टूबर में पिताजी ने घर आने का वादा किया था. 2 साल बाद वह रिटायर होने वाले थे. फोन पर उनकी तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली थी.