वैशाली: बिहार के वैशाली में दलित नेता राकेश पासवान की गोली मारकर हत्या (Dalit Leader Rakesh Paswan Shot Dead) कर दी गई थी. मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी दलित नेता के परिजनों से मिलने लालगंज के पंचदमिया गांव पहुंचे. परिजनों से मिलकर पूर्व सीएम ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दिया और राकेश की हत्या के पीछे प्रशासनिक चूक बताया. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच हो रही है और साथ ही प्रशासन द्वारा इस मामले में जो चूक हुई है, उसकी भी जांच होगी.
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दलित नेता के परिजन से मिले पूर्व सीएम: पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवार को मुआवजा के साथ-साथ नौकरी और राकेश की पत्नी के नाम से जनवितरण प्रणाली दुकान देने के लिए भी वह सरकार से बात करेंगे. मांझी ने बताया कि राकेश के परिवार को सुरक्षा दी जा रही है. हालांकि, बिहार में उत्तर प्रदेश मॉडल लागू करने के सवाल पर उन्होंने कुछ नहीं कहा और सिर्फ इतना कह कर चले गए कि वहां इनकाउंटर किस परिस्थिति में हुआ यह हम नहीं कह सकते, लेकिन दोषी अपराधियों पर कार्रवाई होगी.
गोली मारकर हुई थी राकेश पासवान की हत्या: बता दें कि 13 अप्रैल को चार अपराधियों ने राकेश पासवान के घर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके एक दिन बाद लालगंज में जमकर उपद्रव हुआ था. दलित नेता राकेश पासवान के समर्थन में लगातार कैंडल मार्च और आक्रोश मार्च निकाला जा रहा है. लेकिन अब तक आरोपी पुलिस की पहुंच से काफी दूर है. राकेश पासवान के परिवार को सांत्वना देने अब तक केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस, सांसद चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा, पप्पू यादव और जीतन राम मांझी सहित तमाम नेताओं का आना जाना लगा हुआ है.
"हम कह रहे हैं कि सुरक्षा मुहैया हम लोग करवाएंगे. जांच करवा लेंगे और जांच करवाने पर उचित मुआवजा दिलवाएंगे. अभी तक जो कार्रवाई नहीं हुई है, वह कार्रवाई करवाएंगे और क्यों ऐसा हुआ, पुलिस क्या कर रही थी. यह सब जांच के उपरांत कार्रवाई होगी. यहां पर प्रशासन की चूक है, उस पर भी कार्रवाई हम लोग करेंगे." - जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार