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वैशाली: कार्तिक माह की खेती की तैयारी में जुटे किसान, कहा- उपजाऊ हो गई है जमीन - सोंनपुर प्रखण्ड के गंगा किनारे स्थित सब्बलपुर

पिछले दिनों गंगा के जल-स्तर में बढ़ोतरी होने के चलते इनकी लाखों की फसल और हरी सब्जियों का नुकसान हुआ था. इस इलाके में गंगा के बाढ़ का पानी घुस आया था. पानी घटने के बाद इनकी जमीन और उर्वक, उपजाऊ हो गई है.

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Published : Oct 20, 2019, 10:06 PM IST

वैशाली: सोनपुर प्रखण्ड के गंगा किनारे के सब्बलपुर के चार पंचायतों में रहने वाले हजारों किसानों ने कार्तिक महीनें में खेती की तैयारी करने में जुट गए हैं. किसानों ने ट्रैक्टर, हल, कुदाल और खुरपी लेकर खेतों की जुताई की. बता दें कि कार्तिक महीने में आलू, फूल, पत्ता गोभी, मूली, सभी तरह की साग- सब्जियों की खेती होती है.

किसानों का लाखों का हुआ नुकसान
पिछले दिनों गंगा के जल-स्तर में बढ़ोतरी होने के चलते इनकी लाखों की फसल और हरी सब्जियों का नुकसान हुआ था. इस इलाके में गंगा के बाढ़ का पानी घुस आया था. पानी घटने के बाद इनकी जमीन और उर्वक, उपजाऊ हो गई है. किसान सब कुछ भुलाकर अपनी खेती करने के लिए फिर से जुट गए हैं.

vaishali
किसानों ने ट्रैक्टर से खेत की जुताई शुरू की

किसान ने की खेतों की सफाई
सोनपुर प्रखण्ड के रहने वाले सैकड़ों किसान अपनी खेतों की सफाई की. फिर ट्रैक्टर, हर, कुदाल से मिट्टी काटकर समतल बनाया. इसके बाद खेतों की जोताई कर आलू, मूली पालक, बथुआ, नोनी, लाल साग की खेती के लिए क्यारियां बनाने में जुटे गए.

vaishali
ईटीवी भारत से बातचीत करता किसान

'तबाह कर दिया बाढ़ ने'
किसानों ने बाढ़ से अपनी सब्जियों की नुकसान होने पर चिंता जताई. वहीं, एक किसान ने बताया कि पूर्व में मूली और गाजर की खेती की थी. लेकिन, बाढ़ के पानी ने सब कुछ तबाह कर दिया. उन्होंने कहा कि फिर से मूली, गाजर और अन्य सब्जियों की खेती करने में जुटा हूं. किसान ने मीडिया के माध्यम सर सरकार से अपने नुकसान हुए सब्जियों की भरपाई की मांग की.

कार्तिक महीने की खेती के लिए जुटे दियरा के हजारों किसान

'नहीं सूखा है बाढ़ का पानी'
गंगा के जल स्तर में बढ़ोतरी होने से यहां के सैकड़ों एकड़ जमीन पर खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई थी. इसके अलावा गंगाजल, पहलेजा, राहर दियरा सहित आधे दर्जन से ज्यादा पंचायत चपेट में आए थे. अभी भी कुछ पंचायत में गंगा के बाढ़ का पानी पूरी तरह से नहीं सूखा है.

'बाढ़ के पानी ने मचाई थी तबाही'
2016 में भी इन इलाको में बाढ़ के पानी ने तबाही मचाई थी. उस वक्त सरकार के तरफ से कुछ किसानों को नुकसान की भरपाई हुई थी. जबकि ज्यादातर किसानों को मुवावजा आज तक नहीं मिला है. वहीं, अनुमण्डल के एसडीओ शम्भूशरण पांडेय ने इस दौरान बताया कि उन्होंने इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारी को सूचना दी है.

वैशाली: सोनपुर प्रखण्ड के गंगा किनारे के सब्बलपुर के चार पंचायतों में रहने वाले हजारों किसानों ने कार्तिक महीनें में खेती की तैयारी करने में जुट गए हैं. किसानों ने ट्रैक्टर, हल, कुदाल और खुरपी लेकर खेतों की जुताई की. बता दें कि कार्तिक महीने में आलू, फूल, पत्ता गोभी, मूली, सभी तरह की साग- सब्जियों की खेती होती है.

किसानों का लाखों का हुआ नुकसान
पिछले दिनों गंगा के जल-स्तर में बढ़ोतरी होने के चलते इनकी लाखों की फसल और हरी सब्जियों का नुकसान हुआ था. इस इलाके में गंगा के बाढ़ का पानी घुस आया था. पानी घटने के बाद इनकी जमीन और उर्वक, उपजाऊ हो गई है. किसान सब कुछ भुलाकर अपनी खेती करने के लिए फिर से जुट गए हैं.

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किसानों ने ट्रैक्टर से खेत की जुताई शुरू की

किसान ने की खेतों की सफाई
सोनपुर प्रखण्ड के रहने वाले सैकड़ों किसान अपनी खेतों की सफाई की. फिर ट्रैक्टर, हर, कुदाल से मिट्टी काटकर समतल बनाया. इसके बाद खेतों की जोताई कर आलू, मूली पालक, बथुआ, नोनी, लाल साग की खेती के लिए क्यारियां बनाने में जुटे गए.

vaishali
ईटीवी भारत से बातचीत करता किसान

'तबाह कर दिया बाढ़ ने'
किसानों ने बाढ़ से अपनी सब्जियों की नुकसान होने पर चिंता जताई. वहीं, एक किसान ने बताया कि पूर्व में मूली और गाजर की खेती की थी. लेकिन, बाढ़ के पानी ने सब कुछ तबाह कर दिया. उन्होंने कहा कि फिर से मूली, गाजर और अन्य सब्जियों की खेती करने में जुटा हूं. किसान ने मीडिया के माध्यम सर सरकार से अपने नुकसान हुए सब्जियों की भरपाई की मांग की.

कार्तिक महीने की खेती के लिए जुटे दियरा के हजारों किसान

'नहीं सूखा है बाढ़ का पानी'
गंगा के जल स्तर में बढ़ोतरी होने से यहां के सैकड़ों एकड़ जमीन पर खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई थी. इसके अलावा गंगाजल, पहलेजा, राहर दियरा सहित आधे दर्जन से ज्यादा पंचायत चपेट में आए थे. अभी भी कुछ पंचायत में गंगा के बाढ़ का पानी पूरी तरह से नहीं सूखा है.

'बाढ़ के पानी ने मचाई थी तबाही'
2016 में भी इन इलाको में बाढ़ के पानी ने तबाही मचाई थी. उस वक्त सरकार के तरफ से कुछ किसानों को नुकसान की भरपाई हुई थी. जबकि ज्यादातर किसानों को मुवावजा आज तक नहीं मिला है. वहीं, अनुमण्डल के एसडीओ शम्भूशरण पांडेय ने इस दौरान बताया कि उन्होंने इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारी को सूचना दी है.

Intro:लोकेशन: वैशाली ।
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा।

सोंनपुर प्रखण्ड के गंगा किनारे स्थित सब्बलपुर के चार पंचायतों में रहने वाले हजारों किसानों ने कार्तिक महीनें में खेती की तैयारी करने में जुट गए हैं। ट्रैक्टर, हल,कुदाल और खुरपी लेकर ये अपने- अपने खेतों की पहले साफ-सफाई की ।फिर इसकी कोडाई से लेकर जोताई की । मालूम हो कि कार्तिक महीने में आलू,फूल, पता गोभी, मूली, सभी तरह की साग- सब्जियां की खेती होती हैं।


Body:पिछले दिनों गंगा के जल-स्तर में बढ़ोतरी होने के चलते इनकी लाखों की फसल और हरी- साग- सब्जियां की अच्छी खासी नुकशान हुआ था । क्षेत्र में गंगा का बाढ़ का पानी घुस आया था । अब पानी घटने के बाद इनकी जमीन और उर्वक, उपजाऊ होने से यह अपनी पीछे का सभी दर्द भुलाकर अपनी खेती करने के लिये जी-जान से जुट गए हैं।

Etv भारत द्वारा सोंनपुर प्रखण्ड के सब्बलपुर पंचायत के महुआबाग पड़ताल किया तो ।यहा के रहने वाले सैकड़ो किसान अपनी खेतों की सफाई, कंकड़ और घास को चुनचुन कर हटाना,फिर ट्रेक्टर, हर , कुदाल से मिट्टी काटकर उसके मिट्टी के ढेले को फोड़कर समतल बनाना । इसके बाद खेतों की जोताई कर आलू, मूली पालक, बथुआ, नोनी, लाल साग की खेती के लिये क्यारियां बनाने में जुटे दिखे ।

यहा के एक ग्रामीण किसान से Etv भारत द्वारा यह पूछने पर की फिर से यहा खेतों की हरियाली करने की अभियान शुरू ..? इस पर किसानों ने आंखों में नमी लिए हुए यह कहते पाए गए । कि आखिर पापी पेट का सवाल हैं। हमारे परिवार क्या खाएंगे, पियेंगे ?? अब पुरानी बात करने से क्या फायदा । इससे कुछ होने वाला नहीं हैं। एक अन्य किसान ने भावुक अंदाज में कहा कि बाढ़ के पानी ने हमारा लाखों की फसल, सब्जियां ,खेत और दर्जनों घर का नुकशान किया हैं। अब कार्तिक महीने में खेती की तैयारी करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं हैं।

किसानों ने बाढ़ से अपना सब्जियां की नुकशान होने पर चिंता जताया ।एक किसान की मानें तो उसने बताया कि पूर्व में मूली और गाजर की खेती किये थे पर गंगा के बाढ़ ने सब कुछ तबाह कर दिया । उंसने आगें बताया कि फिर से मूली, गाजर और अन्य सब्जियां की खेती करने में जुटा हुआ हूं ।
एक किसान ने मीडिया के माध्यम सर सरकार से अपने नुकशान हुए सब्जियां की भरपाई की आग्रह किया ।

सोंनपुर प्रखण्ड के दियरा प्रभावित क्षेत्र हैं ।सब्बलपुर के चार पंचायत । यहा जबरदस्त कटाव भी हुआ था ।इसमें डेढ़ से दो सौ एकड़ जमीन गंगा में सामहित हुआ था ।साथ ही गंगा के जल स्तर में वृद्धि होने से यहा के सैकड़ों एकड़ जमीन पर खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई थी ।

इसके अलावे गंगाजल, पहलेजा, राहर दियरा सहित आधे दर्जन से ज्यादा पंचायत चपेट में आया था ।अभी भी कुछ पंचायत में गंगा का बाढ़ का पानी पूरी तरह से नही सूखा हैं।

2016 में भी उपरोक्त क्षेत्रो में गंगा की बाढ़ ने तबाही मचाई थी ।इसमें कुछ किसानों को नुकशान की भरपाई हुई थी ।जबकि ज्यादातर किसानों को मुवावजा आज तक नही मिला हैं ।

मालूम हो कि पिछले दिनों सारण जिले के डीएम सुब्रत कुमार सेन ने Etv भारत को आश्वस्त किया था ।" कि बाढ़ से नुकशान होंने वाले क्षेत्र में रहने वाले किसानों को जल कम होने के बाद आकलन के बाद से सरकार उनकी नुकशान की भारपाई करेंगी।

अब दियरा के क्षेत्रों में रहने वाले हजारो किसान डीएम साहब के दिए हुए वक्तब्य के हिसाब से अपना मुवावजा की मांग करते हैं।

अनुमण्डल के एसडीओ शम्भूशरण पांडेय ने इस बाबत बताया कि उन्होंने इसके लिये संबंधित विभाग के अधिकारी को इसके लिये सूचना अवगत कराया हैं।




Conclusion:बहरहाल, अब किसानों की स्थिति सरकार से छुपी नहीं रह गयी हैं। इन्हें मुवावजा कब मिलता हैं ।यह देखना अभी बाकी हैं।

01. VO:
ओपन: PTC संवाददाता, राजीव , वैशाली ।
बाईट्स: किसान
संख्या : 03

02. VO
बाइट: शम्भू शरण पांडेय , sdo सोंनपुर अनुमंडल
03: VO

CLOSE- PTC: संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
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