वैशाली: बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब तस्करी का खेल खूब धड़ल्ले से चलता है. शराब की बरामदगी भी पुलिस करती ही रहती है. ऐसे में हाजीपुर सदर अस्पताल से शराबंदी कानून का माखौल उड़ाने वाली खबर सामने आई है. सदर अस्पताल में मौजूद कई भवनों के पीछे शराब की खाली बोतलें फेंकी हुई थी. अनुमान लगाया जा रहा है कि अस्पताल कैंपस में शराब का सेवन करने के बाद इन बोतलों को फेंक दिया गया है.
हाजीपुर सदर अस्पताल परिसर से शराब की बोतलें बरामद: मजेदार बात यह है कि पूरे सदर अस्पताल में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है. बावजूद यहां बदस्तूर शराब का सेवन जारी है. बीते दिनों केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस एक कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल पहुंचे थे, जहां उन्होंने स्पष्ट कहा था कि बिहार में शराबबंदी फेल है. सदर अस्पताल कैंपस में शराब की बोतलों का मिलना कोई आश्चर्य की बात नहीं है.
सिविल सर्जन ने दिए जांच के आदेश: इस मामले को लेकर जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की कमान संभाले सिविल सर्जन डॉ. श्याम नंदन प्रसाद का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जाएगी. हालांकि शुरू में जब उनसे इस विषय पर सवाल किया गया तो उन्होंने साफतौर से पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया. जब उन्हें वीडियो दिखाया गया तब जाकर उन्होंने जांच की बात कही.
"शराब की बोतलों के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है ना ही किसी ने मुझे सूचना दी है. जो वीडियो और तस्वीरें देखी हैं, उसके बाद जांच की जाएगी. हम लोगों को कहीं नहीं दिखा है कि इस तरह का कुछ है. ठीक है हम इस मामले को दिखवा लेंगे लेकिन हमको नहीं लगता है कि ऐसा है."- डॉ. श्याम नंदन प्रसाद, सिविल सर्जन, वैशाली
शराबबंदी वाले बिहार का हाल: कार्रवाई और जांच की बात कहने वाले सीएम को जब शराब की फेंकी बोतलों की जानकारी फोनकर दी गई तो कहा कि कुछ देर में आता हूं, लेकिन काफी देर बाद भी न तो सिविल सर्जन डॉ श्याम नंदन प्रसाद मौके पर पहुंचे और ना ही कोई कार्रवाई की गई. हां इतना जरूर है कि कैमरे के सामने उन्होंने मामले की जांच करने का भरोसा जरूर दिलाया है. ऐसे में कहना मुश्किल है कि अस्पताल प्रशासन अस्पताल में फेंकी गई शराब की बोतलों की जांच करवाएगा या मामले की लीपापोती करेगा क्योंकि अगर अस्पताल प्रशासन जागरूक होता तो अबतक मामले की जांच शुरू कर दी जाती.