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आयुष्मान योजना से कोसों दूर है यह दिव्यांग, दफ्तरों के चक्कर काटने के बावजूद नहीं मिला कार्ड - Paralysis Affected

सोनपुर प्रखण्ड के 60 वर्षीय रामेश्वर प्रसाद दिव्यांग हैं. गरीबी हालात इनके परिजन बड़ी मुश्किल से इलाज करा पा रहे हैं. लेकिन आज तक प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का कार्ड तक नहीं बन सका है.

वैशाली
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Published : Aug 3, 2019, 9:21 PM IST

वैशाली: सरकार दिव्यांगों को लेकर कई योजनाएं बनाती है. लेकिन इसका लाभ जरूरतमंद तक नहीं पहुंच पाती. जिले के एक वृद्ध दिव्यांग के परिजन वर्षो से सरकारी लाभ के लिए कार्यलयों का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन अब तक इनको प्रशासन से कोई लाभ नहीं मिल सका है.

सारण जिले के सोनपुर प्रखण्ड के चौसिया गांव का है. यहां रहने वाले 60 वर्षीय रामेश्वर प्रसाद दिव्यांग हैं. ये वर्षो से बीमार हैं. गरीबी हालात इनके परिजन बड़ी मुश्किल से इलाज करा पा रहे हैं. लेकिन आज तक प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का कार्ड भी नहीं बन सका है. रामेश्वर प्रसाद के इकलौता बेटा सब्जी बेच कर जीविकोपार्जन चला रहा है.

पीड़ित का बेटा और अस्पताल प्रशासन हरिशंकर चौधरी का बयान

'किसी योजना का लाभ नहीं मिला'
दिव्यांग रामेश्वर प्रसाद के बेटा सुधीर ने बताया कि पापा पैरालिसिस से ग्रसित हैं. उनके इलाज और जीविकोपार्जन के लिए सब्जी बेचने के साथ-साथ पढ़ाई भी करता हूं. प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का लाभ भी नहीं मिल सका है. सरकार के किसी योजना का लाभ अभी तक नहीं मिला है. इस हाल में भी हमारा हाल लेने वाला कोई नहीं है.

'कई चरणों में इसे बनना है'
अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी हरिशंकर चौधरी का कहना है कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत कार्ड अभी 2011 जनगणना के आधार पर बना है. लेकिन सभी को बनना है. कई चरणों में इसे बनना है. वहीं, दिव्यांग प्रमाण प्रत्र को लेकर उन्होंने कहा कि आवेदन करने के बाद जरूर बना दिया जाएगा.

वैशाली
पीड़ित के परिजन

जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रहा लाभ
बता दें कि जिले के 23 पंचायतो में आयुष्मान योजना के तहत अब तक 2200 हेल्थ कार्ड ही बना है. इस योजना के तहत हेल्थ कार्ड बनने का काम बहुत ही धीरे हो रहे हैं. इससे कई जरूरतमंदों तक इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

वैशाली: सरकार दिव्यांगों को लेकर कई योजनाएं बनाती है. लेकिन इसका लाभ जरूरतमंद तक नहीं पहुंच पाती. जिले के एक वृद्ध दिव्यांग के परिजन वर्षो से सरकारी लाभ के लिए कार्यलयों का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन अब तक इनको प्रशासन से कोई लाभ नहीं मिल सका है.

सारण जिले के सोनपुर प्रखण्ड के चौसिया गांव का है. यहां रहने वाले 60 वर्षीय रामेश्वर प्रसाद दिव्यांग हैं. ये वर्षो से बीमार हैं. गरीबी हालात इनके परिजन बड़ी मुश्किल से इलाज करा पा रहे हैं. लेकिन आज तक प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का कार्ड भी नहीं बन सका है. रामेश्वर प्रसाद के इकलौता बेटा सब्जी बेच कर जीविकोपार्जन चला रहा है.

पीड़ित का बेटा और अस्पताल प्रशासन हरिशंकर चौधरी का बयान

'किसी योजना का लाभ नहीं मिला'
दिव्यांग रामेश्वर प्रसाद के बेटा सुधीर ने बताया कि पापा पैरालिसिस से ग्रसित हैं. उनके इलाज और जीविकोपार्जन के लिए सब्जी बेचने के साथ-साथ पढ़ाई भी करता हूं. प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का लाभ भी नहीं मिल सका है. सरकार के किसी योजना का लाभ अभी तक नहीं मिला है. इस हाल में भी हमारा हाल लेने वाला कोई नहीं है.

'कई चरणों में इसे बनना है'
अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी हरिशंकर चौधरी का कहना है कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत कार्ड अभी 2011 जनगणना के आधार पर बना है. लेकिन सभी को बनना है. कई चरणों में इसे बनना है. वहीं, दिव्यांग प्रमाण प्रत्र को लेकर उन्होंने कहा कि आवेदन करने के बाद जरूर बना दिया जाएगा.

वैशाली
पीड़ित के परिजन

जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रहा लाभ
बता दें कि जिले के 23 पंचायतो में आयुष्मान योजना के तहत अब तक 2200 हेल्थ कार्ड ही बना है. इस योजना के तहत हेल्थ कार्ड बनने का काम बहुत ही धीरे हो रहे हैं. इससे कई जरूरतमंदों तक इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

Intro:लोकेशन: वैशाली
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तव

नोट: इस खबर को रोक दिया गया था कहा गया था कि इसमें विभाग के अधिकारी की बाइट भेजिए ।
अब इसमें सोनपुर के अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी डॉ हरिशंकर चौधरी की बाइट डाल चुका हूं और विओ में उनकी बाइट और विओ में उनका चर्चा कर चुका हूं ।
माधव जी से इस संबंध में बात हो चुकी हैं ।
नोट: अलग से बाइट भी भेजें हैं ।इस pkg में भी बाइट हैं।
script में भी अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी डॉ हरिशंकर चौधरी की चर्चा कर दी ग़यी हैं ।खबर पूरी हो चुकी हैं ।
धन्यवाद ।

सारण जिले के सोनपुर प्रखण्ड के चौसिया गाँव के वार्ड 1 में रहने वाले अत्यंत गरीब दिव्यांग रामेश्वर को प्रधानमंत्री जन-आरोग्य आयुष्मान योजना के तहत हेल्थ कार्ड नही बन सका ।जिसके कारण इनका इलाज ठीक ठंग से नही हो रहा हैं ।इससे इनकी तबियत दिन पर दिन खराब होती चली गयी ।इनका इलाज में घर की जमा पूंजी खर्च हो गई ।अब इनका एकलौते बेटा को घर के लोगों के जीविका पार्जन के लिये किसी तरह सब्जियाँ बेचकर गुजारा करने पर मजबूर होना पड़ रहा हैं ।


Body:केंद्र सरकार द्वारा दर्जनों केंद्रीय योजनाएं चलाई जा रही हैं। पर गरीबो को इसमे कितनी योजनाओं का लाभ मिल रही हैं ,यह बहुत बड़ा सवाल हैं।


सारण जिले के सोनपुर प्रखण्ड क्षेत्र के चौसिया गाव में रहने वाले 60 वर्षीय रामेश्वर प्रसाद दिव्यांग हैं । इनकी यह हालत जन्मजात नहीं हैं बल्कि पिछले पांच वर्ष से हैं। इनके इलाज गरीबी होने के चलते नही हो पाई ।इनका एकलौता बेटा सुधीर की मानें तो अगर पांच वर्ष पूर्व सरकारी अधिकारियों द्वारा उनके दिव्यांग बुजुर्ग पिता के लिये पीएम आयुष्मान का हेल्थ कार्ड बना होता तो उनकी यह स्थिति नही होती । उंसने आगें बताया कि शुरू शुरू में पीएम का यह न्यू योजना का लाभ लेने के लिये प्रखण्ड से अनुमंडल और जिला तक अनेको बार चक्कर लगाया पर उसकी पैरवी कोई नही किया । नतीजा यह हुआ कि देखते ही देखते पांच वर्ष गुजर गए बुजुर्ग पिता की तबियत और ज्यादा खराब हो गई और ये अपने दोनों पैरों से कमजोर हो गए ।अब चलने के लिये घर के सदस्य का सहारा चाहिए ।जन प्रतिनिधियों ने चुनाव में इस परिवार के मुखिया से हाथ जोड़कर वोट देने के लिये विनती की पर इस वेवश लाचार दिव्यांग को देखकर भी दया नही आई । उनका लड़का ने आगें मायूस होकर बताया कि पिता कि ईलाज और जीविकापार्जन के लिये घर मे जमा पूंजी का रखा हुआ सब के सब खत्म हो गया । घर की गिरती माली स्थिति को देखते हुए उसे अपनी पढ़ाई बीच बीच मे रोककर सब्जी बेचकर किसी तरह अपनी परिवार का गुजारा करते आ रहा है ।

दिव्यांग रामेश्वर का पत्नी, दो बिटिया, एक बेटा हैं। सुधीर पढ़ाई में तेज था ।अभी वह बीए प्रथम वर्ष का छात्र हैं ।वह पढ़ लिखकर बड़ा ऑफिसर बनना चाहता था पर कम उम्र में मिली गरीबी और पिता की विकलांगता ने उसे हिला कर रख दिया था ।सब सुधीर सब्जियां खरीद कर फिर उसे बाजार में कुछ ज्यादा दाम में बेचता हैं ।इससे आये पैसे से वह अपने बीमार बाप को इलाज के साथ घर का रोटी सब्जी का जुगाड़ करता हैं।

इस परिवार को पीएम आवास योजना, वृद्धा पेंशन का लाभ , सहित कोई योजना का लाभ नही मिलता हैं।
सुधीर समझदार लड़का और पढ़ने में तेज हैं।

वही इस मसले पर Etv भारत द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी डॉ हरिशंकर चौधरी से पूछा गया तो वो दलील देते नजर आए । पीड़ित परिवार उनके विभाग में भी कई महीनें से चक्कर लगा रहा था पर हर बार की तरह उसे टहला दिया जाता था। मीडिया के पहल से प्रभारी साहब अपना वही पुराना रटा हुआ डॉयलाग कि पीड़ित यहा आएगा तो हम उसका कार्य जरूर करवा देंगे ।

प्रखण्ड क्षेत्र में 23 पंचायतो में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत हेल्थ कार्ड 2200 से ज्यादा लाभुकों को मिल चुका हैं ।
इस योजना के बारे में अनुमंडलीय अस्पताल ले प्रभारी डॉ हरिशंकर चौधरी ने Etv भारत को बताया कि 2011 के जनगड़ना के अनुसार क्षेत्र के सभी लाभुकों का नाम पीएम कार्यालय नई दिल्ली से आया हुआ था जिसके बाद उन्होंने प्रखण्ड के सभी लाभुकों के घर पत्र आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा भेजवाया था ।इसके बाद लाभुकों को आधारकार्ड, वोटर कार्ड और फोटो लेकर सभी को गोल्डन कार्ड दिया गया था ।जिसका नाम नही हैं उसे राशनकार्ड के द्वारा उस पर दिए गए कोड के तहत फिर से ऑन लाइन देखा जाएगा अगर उसमें उनका नाम होंगा तब ही उसको गोल्डन कार्ड मिलेगा । एक परिवार में सभी सदस्यों का गोल्डन कार्ड मिलता हैं पर लाभ सभी को एक वर्ष में सिर्फ पांच लाख रुपये की इलाज हो सकता हैं। इससे ज्यादा नहीं ।

इस योजना के पूर्व सिर्फ एक परिवार को 30 से 35 हजार राशि तक कि इलाज होती थी ।पर अब इस वर्ष के जनवरी महीने से जन- आरोग्य पीएम आयुष्मान हेल्थ योजना शुरू किया गया ।इसमे गरीब एक परिवार को 35 हजार रुपये की इलाज लिमिट से बढ़ाकर 5 लाख प्रति वर्ष किया गया ।

अब आने वाले दिनों में इस योजना को सभी वर्ग के लोगों के लिये करने की समाचार मिल रही हैं।


Conclusion:बहरहाल, केंद्र एवं बिहार सरकार की दर्जनों योजना कागज में जरूर चल रही हैं पर सच्चाई कोसो दूर हैं। जरूरत हैं कि प्रदेश के सुशासन बाबू को इस बाबत अपने जिम्मेवार अधिकारी को भेजकर इस ज्वलंत मुद्दा को पता कर दूर करने की बीड़ा उठाये तब ही सरकार की मंशा पूरी होई नजर आएगी । अमूमन ऐसे बहुत सिनारिओ दबे हुए हैं । समय आने पर यह सब सामने आएंगे ।

विओ:
बाइट : सुधीर
बाइट: हरिशंकर चौधरी , प्रभारी, अनुमंडलीय अस्पताल

PTC: संवाददाता , राजीव , वैशाली ।
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