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वैशाली में कोनहारा घाट पर छठ करना मुश्किल, खतरनाक दलदल ने बढ़ाई मुसीबत

बिहार में लोक आस्था का महापर्व छठ (Mahaparv Chhath in Bihar) जल्द ही शुरू होने वाला है, इसे लेकर सभी घाटों की स्थिति दुरुस्त की जा रही है लेकिन इस बार हाजीपुर में कोनहारा घाट पर छठ करना छठव्रतियों के लिए जोखिम भरा हो सकता है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

गंगा और गंडक का संगम स्थल
गंगा और गंडक का संगम स्थल
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Published : Oct 25, 2022, 8:32 AM IST

वैशाली: बिहार में लोक आस्था के महापर्व छठ में अब दस दिन से भी कम का समय बचा है. वैशाली में गंगा और गंडक संगम स्थल (Ganga and Gandak Sangam at Vaishali) कोनहारा घाट पर महापर्व छठ करना इस बार मुश्किल हो सकता है. गंडक बराज से छोड़े गए पानी का कम होना शुरू हो गया है, लेकिन सभी घाटों पर खतरनाक दलदल बन चुका है. जो छठव्रतियों के लिए खतरनाक हो सकता है.

पढ़ें-दर्द भरा VIDEO: पुत्र के लिए छठी मईया से विनती करती व्रती, अरविंद अकेला के इस गीत ने लोगों को रुलाया


18 छठ घाट की स्थिति: गंडक और गंगा के संगम पर स्थित हाजीपुर के कोनहारा घाट पर छठ करना हर कोई चाहता है. यही वजह है कि हर साल पांच लाख से अधिक लोग यहां छठ करने पहुंचते है लेकिन कोनहारा घाट से लेकर सीढ़ी घाट तक स्थित 18 छठ घाट की स्थिती दयनीय है. जिसके कारण लाखो लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. दरअसल गंडक बराज द्वारा छोड़े गए पानी के कारण गंडक का जलस्तर काफी बढ़ गया है हालांकि विगत एक सप्ताह में पानी तो घटा है लेकिन पानी घटने के साथ ही घाट पर भारी दलदल हो गया जिसपर खड़ा होना भी मुश्किल है.

छठव्रतियों की बढ़ी मुसीबत: दलदल की स्थिती उत्पन्न होने के बाद घाट पर खड़े होकर छठ करना छठव्रतियों के लिए जोखिम और परेशानी का सबब बन सकता है. दूसरी तरफ नगर परिषद और जिला प्रशासन लगातार छठ घाटों को तैयार कर लेने का दावा कर रही है लेकिन अभी तक इस पर काम शुरू नहीं हो सका है. इन कारणों की वजह से समय पर घाट तैयार होने की संभावना कम ही है. स्थानीय संजय कुमार बताते हैं कि यहां पर दलदल बना हुआ है. बता दें कि जितना पानी घटेगा दलदल और बढ़ेगा. यहां पटना से लेकर कई जगहों से लोग आते हैं.

"यहां पर दलदल बना हुआ है, जिसमें पैर जा रहा है. पानी जितना घटेगा उतना ही दलदल बढ़ेगा. छठ वहां होगा जहां बराबर जमीन होगी. यहां पटना से लेकर कई जगहों से लोग छठ करने आते हैं." - संजय कुमार, स्थानीय

घाटों पर लगेगा बैरिकेडिंग और सीसीटीवी: वहीं कार्यपालक पदाधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि छठ की तैयारी को लेकर जिला अधिकारी महोदय के द्वारा जो निर्देश दिया गया है. सभी 18 घाटों पर साफ सफाई का काम शुरू कर दिया गया है. छठ पर्व को लेकर तमाम तैयारियां की जा रहे हैं. समय आने पर लाइट वगैरह काम कर लिया जाएगा. अभी मुख्य रूप से सफाई का काम चल रहा है. इसके बाद बैरिकेडिंग और सीसीटीवी कैमरा का काम किया जाएगा. इस बार हम लोग ड्रोन से निगरानी करेंगे. पानी घट रहा है थोड़ा फ्लैक्सिबल है जैसे ही स्थिर होता है वैसे ही का मैं हाथ लग जाएगा. हर तरह की तैयारी हम लोग कर रहे हैं.

"छठ की तैयारी को लेकर जिला अधिकारी महोदय के द्वारा जो निर्देश दिया गया है. सभी 18 घाटों पर साफ सफाई का काम शुरू कर दिया गया है. छठ पर्व को लेकर तमाम तैयारियां की जा रहे हैं. समय आने पर लाइट वगैरह काम कर लिया जाएगा. अभी मुख्य रूप से सफाई का काम चल रहा है. इसके बाद बैरिकेडिंग और सीसीटीवी कैमरा का काम किया जाएगा. इस बार हम लोग ड्रोन से निगरानी करेंगे. पानी घट रहा है थोड़ा फ्लैक्सिबल है जैसे ही स्थिर होता है वैसे ही का मैं हाथ लग जाएगा. हर तरह की तैयारी हम लोग कर रहे हैं." - पंकज कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी

पढ़ें-छठ घाट की तैयारियों में जुटा जिला प्रशासन, जानें गंगा के विभिन्न घाटों का हाल...

वैशाली: बिहार में लोक आस्था के महापर्व छठ में अब दस दिन से भी कम का समय बचा है. वैशाली में गंगा और गंडक संगम स्थल (Ganga and Gandak Sangam at Vaishali) कोनहारा घाट पर महापर्व छठ करना इस बार मुश्किल हो सकता है. गंडक बराज से छोड़े गए पानी का कम होना शुरू हो गया है, लेकिन सभी घाटों पर खतरनाक दलदल बन चुका है. जो छठव्रतियों के लिए खतरनाक हो सकता है.

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18 छठ घाट की स्थिति: गंडक और गंगा के संगम पर स्थित हाजीपुर के कोनहारा घाट पर छठ करना हर कोई चाहता है. यही वजह है कि हर साल पांच लाख से अधिक लोग यहां छठ करने पहुंचते है लेकिन कोनहारा घाट से लेकर सीढ़ी घाट तक स्थित 18 छठ घाट की स्थिती दयनीय है. जिसके कारण लाखो लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. दरअसल गंडक बराज द्वारा छोड़े गए पानी के कारण गंडक का जलस्तर काफी बढ़ गया है हालांकि विगत एक सप्ताह में पानी तो घटा है लेकिन पानी घटने के साथ ही घाट पर भारी दलदल हो गया जिसपर खड़ा होना भी मुश्किल है.

छठव्रतियों की बढ़ी मुसीबत: दलदल की स्थिती उत्पन्न होने के बाद घाट पर खड़े होकर छठ करना छठव्रतियों के लिए जोखिम और परेशानी का सबब बन सकता है. दूसरी तरफ नगर परिषद और जिला प्रशासन लगातार छठ घाटों को तैयार कर लेने का दावा कर रही है लेकिन अभी तक इस पर काम शुरू नहीं हो सका है. इन कारणों की वजह से समय पर घाट तैयार होने की संभावना कम ही है. स्थानीय संजय कुमार बताते हैं कि यहां पर दलदल बना हुआ है. बता दें कि जितना पानी घटेगा दलदल और बढ़ेगा. यहां पटना से लेकर कई जगहों से लोग आते हैं.

"यहां पर दलदल बना हुआ है, जिसमें पैर जा रहा है. पानी जितना घटेगा उतना ही दलदल बढ़ेगा. छठ वहां होगा जहां बराबर जमीन होगी. यहां पटना से लेकर कई जगहों से लोग छठ करने आते हैं." - संजय कुमार, स्थानीय

घाटों पर लगेगा बैरिकेडिंग और सीसीटीवी: वहीं कार्यपालक पदाधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि छठ की तैयारी को लेकर जिला अधिकारी महोदय के द्वारा जो निर्देश दिया गया है. सभी 18 घाटों पर साफ सफाई का काम शुरू कर दिया गया है. छठ पर्व को लेकर तमाम तैयारियां की जा रहे हैं. समय आने पर लाइट वगैरह काम कर लिया जाएगा. अभी मुख्य रूप से सफाई का काम चल रहा है. इसके बाद बैरिकेडिंग और सीसीटीवी कैमरा का काम किया जाएगा. इस बार हम लोग ड्रोन से निगरानी करेंगे. पानी घट रहा है थोड़ा फ्लैक्सिबल है जैसे ही स्थिर होता है वैसे ही का मैं हाथ लग जाएगा. हर तरह की तैयारी हम लोग कर रहे हैं.

"छठ की तैयारी को लेकर जिला अधिकारी महोदय के द्वारा जो निर्देश दिया गया है. सभी 18 घाटों पर साफ सफाई का काम शुरू कर दिया गया है. छठ पर्व को लेकर तमाम तैयारियां की जा रहे हैं. समय आने पर लाइट वगैरह काम कर लिया जाएगा. अभी मुख्य रूप से सफाई का काम चल रहा है. इसके बाद बैरिकेडिंग और सीसीटीवी कैमरा का काम किया जाएगा. इस बार हम लोग ड्रोन से निगरानी करेंगे. पानी घट रहा है थोड़ा फ्लैक्सिबल है जैसे ही स्थिर होता है वैसे ही का मैं हाथ लग जाएगा. हर तरह की तैयारी हम लोग कर रहे हैं." - पंकज कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी

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