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वैशाली के VIP रोड पर नवजात बच्चे का शव कचरे में मिला, भ्रूण हत्या का मामला

जिस रास्ते से वैशाली जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सिविल सर्जन और एसडीओ समेत तमाम अधिकारियों का आना जाना होता है. उसी रास्ते पर एक नवजात बच्चे का शव कचरे के ढेर में मिला है. मीटिंग का बहाना बनाकर सीएस ने मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है. लेकिन सूत्र बताते है कि यहां स्थित निजी नर्सिंग होम में धड़ल्ले से भ्रूण हत्या का खेल चल रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

वैशाली में नवजात बच्चे का शव कचरे में मिला
वैशाली में नवजात बच्चे का शव कचरे में मिला
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Published : Aug 27, 2022, 7:50 PM IST

वैशाली: हाजीपुर नगर थाना क्षेत्र के एसडीओ रोड पर एक नवजात बच्चे का शव कचरे के ढेर (Dead Body Of Newborn Child Found In Vaishali) से मिला है. नवजात के शव को देखने के लिए आसपास के लोग इकट्ठा हो गए. आसपास के इलाकों में दर्जनों नर्सिंग होम संचालित हैं. सूत्रों की माने तो इनमें से कई निजी नर्सिंग होम में भ्रूण हत्या का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. ऐसे में भ्रूण हत्या के बाद बच्चे के शव को आनन-फानन में डिस्पोजल कर दिया जाता है, कभी बहती हुई नाले में तो कभी कचरे के ढेर में. यह काम नर्सिंग होम संचालक अथवा मृत बच्चे के परिजन भी कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें: भागलपुरः कूड़े के ढेर पर फेंका मिला नवजात का शव, पुलिस ने किया बरामद

VIP रोड पर मिला नवजात का शव: लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी लापरवाही उस रास्ते में हुई है, जिस रास्ते से वैशाली जिला अधिकारी यशपाल मीना, वैशाली एसपी मनीष, वैशाली सिविल सर्जन अमरेंद्र नारायण साही, वैशाली एसडीओ अरुण कुमार सहित जिले के बड़े अधिकारियों की गाड़ियों का प्रतिदिन आना-जाना होता है. यह रोड इलाके का VIP क्षेत्रों में गिना जाता है.अगर स्वास्थ विभाग मामले की तत्परता से जांच करता तो यह पता लगाया जा सकता था यह मामला भ्रूण हत्या से जुड़ा हुआ है या लापरवाही का.

सिविल सर्जन ने झाड़ा अपना पल्ला: इस मामले को लेकर वैशाली सिविल सर्जन अमरेंद्र नारायण शाहिद से संपर्क किया गया. यहां तक की सिविल सर्जन के कार्यालय भी ईटीवी भारत के संवाददाता ने दस्तक की, लेकिन वहां के पदाधिकारियों ने बताया कि "साहब मीटिंग कर रहे हैं". जब 2 घंटे बाद जब उनको फोन किया गया तो उन्होंने साफ तौर से मीटिंग में होने का बहाना बनाकर अपना पल्ला झाड़ लिया. यह भी नहीं बताया गया कि मीटिंग ऑफिस में हो रही है या कही दूसरी जगह. उन्होंने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंंकार कर दिया.

ऐसे कई मामले आ चुके सामने: इसके पहले भी कई बार कचरे के ढेर या नाले में नवजात शिशु का शव मिल चुका है. ऐसे मामले उन जगहों पर हुए हैं, जहां निजी नर्सिंग होम चलाए जाते हैं. गाइडलाइन के मुताबिक मृत बच्चे के डिस्पोजल की अलग व्यवस्था होती है. साथ ही मेडिकल का जो कचरा होता है, उसके डिस्पोजल की भी अलग व्यवस्था होती है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी किए गए हैं. लेकिन जिस तरीके से बच्चे का शव कचरे के ढेर में मिला है, उसे समझा जा सकता है कि नियमों का पालन किस तरह हो रहा है.

वैशाली: हाजीपुर नगर थाना क्षेत्र के एसडीओ रोड पर एक नवजात बच्चे का शव कचरे के ढेर (Dead Body Of Newborn Child Found In Vaishali) से मिला है. नवजात के शव को देखने के लिए आसपास के लोग इकट्ठा हो गए. आसपास के इलाकों में दर्जनों नर्सिंग होम संचालित हैं. सूत्रों की माने तो इनमें से कई निजी नर्सिंग होम में भ्रूण हत्या का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. ऐसे में भ्रूण हत्या के बाद बच्चे के शव को आनन-फानन में डिस्पोजल कर दिया जाता है, कभी बहती हुई नाले में तो कभी कचरे के ढेर में. यह काम नर्सिंग होम संचालक अथवा मृत बच्चे के परिजन भी कर सकते हैं.

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VIP रोड पर मिला नवजात का शव: लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी लापरवाही उस रास्ते में हुई है, जिस रास्ते से वैशाली जिला अधिकारी यशपाल मीना, वैशाली एसपी मनीष, वैशाली सिविल सर्जन अमरेंद्र नारायण साही, वैशाली एसडीओ अरुण कुमार सहित जिले के बड़े अधिकारियों की गाड़ियों का प्रतिदिन आना-जाना होता है. यह रोड इलाके का VIP क्षेत्रों में गिना जाता है.अगर स्वास्थ विभाग मामले की तत्परता से जांच करता तो यह पता लगाया जा सकता था यह मामला भ्रूण हत्या से जुड़ा हुआ है या लापरवाही का.

सिविल सर्जन ने झाड़ा अपना पल्ला: इस मामले को लेकर वैशाली सिविल सर्जन अमरेंद्र नारायण शाहिद से संपर्क किया गया. यहां तक की सिविल सर्जन के कार्यालय भी ईटीवी भारत के संवाददाता ने दस्तक की, लेकिन वहां के पदाधिकारियों ने बताया कि "साहब मीटिंग कर रहे हैं". जब 2 घंटे बाद जब उनको फोन किया गया तो उन्होंने साफ तौर से मीटिंग में होने का बहाना बनाकर अपना पल्ला झाड़ लिया. यह भी नहीं बताया गया कि मीटिंग ऑफिस में हो रही है या कही दूसरी जगह. उन्होंने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंंकार कर दिया.

ऐसे कई मामले आ चुके सामने: इसके पहले भी कई बार कचरे के ढेर या नाले में नवजात शिशु का शव मिल चुका है. ऐसे मामले उन जगहों पर हुए हैं, जहां निजी नर्सिंग होम चलाए जाते हैं. गाइडलाइन के मुताबिक मृत बच्चे के डिस्पोजल की अलग व्यवस्था होती है. साथ ही मेडिकल का जो कचरा होता है, उसके डिस्पोजल की भी अलग व्यवस्था होती है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी किए गए हैं. लेकिन जिस तरीके से बच्चे का शव कचरे के ढेर में मिला है, उसे समझा जा सकता है कि नियमों का पालन किस तरह हो रहा है.

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