वैशालीः कुर्सी का मोल बहुत है और उसपर भी बात अगर किसी नेता को लेकर हो रही हो तो उनका कुर्सी प्रेम तो जग जाहिर है. कुर्सी प्रेम और उसके लिए उलझने और झगड़ने का मामला वैशाली जिले में के चकसिकन्दर से सामने आया है. यहां मरीजों और स्वास्थ व्यवस्था का हाल जानने पहुंची कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी कुर्सी डाक्टर से ही कुर्सी के लिए उलझ गई.
इसे भी पढ़ेंः वैशाली में ब्लैक फंगस से मरने वाली महिला की अंतिम यात्रा में लगे 'नीतीश सरकार मुर्दाबाद' के नारे
कोरोना के इस दौर में जहां चुनैतियों से जूझते स्वास्थ्य व्यवस्था की कई तस्वीरें सामने आ रही है वहीं हाजीपुर से राजनीतिक बेशर्मी की शर्मनाक करने वाली ये तस्वीर आम लोगों को सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या इसी दिन के लिए उन्होंने नेताओं का चुनकर विधानसभा में भेजा था, कि वे जनता के स्वास्थ्य से ज्यदा चिंता इपनी कुर्सी ओर ओहदे की करें?
क्या है मामला?
दरअसल ये पूरा मामला वैशाली जिले के राजापाकड़ प्रखंड क्षेत्र का है जहां राजापाकड़ से कांग्रेस विधायिका प्रतिमा कुमारी अपने क्षेत्र के एक अस्पताल में स्वास्थ व्यवस्था का हाल जानने पहुंची थी. लेकिन जो तस्वीरें दिखी, उससे तो ऐसा ही लगा कि मानों MLA साहिबा को बीमार लोगों के हाल और स्वास्थ व्यवस्था से ज्यादा अपने रुतबे और ठसक की फ़िक्र हो.
अस्पताल पहुंची MLA साहिबा सीधे प्रभारी डाक्टर के चेंबर में पहुंच गई और प्रभारी को कुर्सी छोड़ने को कहा. MLA साहिबा ने सामने की कुर्सी पर बैठने से इंकार कर दिया और ड्यूटी पर तैनात डाक्टर को प्रोटोकॉल समझाने लगीं. लेकिन अस्पताल में तैनात डाक्टर ने भी MLA साहिबा को अपनी कुर्सी देने से साफ़ मना कर दिया और सामने रखी कुर्सी पर बैठने को कह दिया.
MLA साहिबा के समर्थकों के साथ क्षेत्र की जनता भी मौजूद थी. सो बेइज्जती से बौखलाई कांग्रेस विधायिका मन मार कर डाक्टर की बगल की कुर्सी पर बैठ गईं और मरीजों का हाल और स्वास्थ व्यवस्था को लेकर सवाल जबाब करने लगीं.
क्या बोलीं विधायिक साहिबा
अस्पताल में कुर्सी को लेकर हुए इस झगडे़ पर जब विधायिक जी से सवाल किया गया तो वो जनता के प्रतिनिधी का महत्व और ताकत का ज्ञान बाजने लगीं. कांग्रेस MLA प्रतिमा कुमारी ने कहा की विधायक इलाके का All - In -All होते है. डाक्टर ने अपनी कुर्सी न देकर उनकी बेइज्जती की है और प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है.
"देखिये सरकार का क्या नियम है, क्या कानून है. ये तो विपक्षी को प्रतिनिधि मानने के लिए ही तैयार ही नहीं है. प्रोटोकॉल को लेकर डाॅक्टर साहब को नहीं पता है, बोले की ये डाक्टर की कुर्सी है, हम बोले की बैठिये कोई प्रॉब्लम नहीं है, ये बहुत गंभीर मामला है. विधायक जो होता है आपके क्षेत्र का प्रतिनिधि All - In -All होता है और ये चीज यहां के अधिकारियों को नहीं पता है, डाक्टरों को भी नहीं पता है." प्रतिमा कुमारी, कांग्रेस विधायक
बहरहाल MLA साहिबा को कौन समझाए की कोरोना के इस दौर में अस्पतालों में डाक्टरों और स्वास्थकर्मियो को स्वास्थ सुविधा और सम्मान भरा माहौल देना सबसे बड़ा प्रोटोकॉल है. ऐसे में कोरोना और व्यवस्था का हाल जानने के बहाने MLA साहिबा का रूतबा और ठसक दिखाने की ये तस्वीर ना केवल शर्मनाक है, बल्कि मुश्किल हालत से जूझ रहे स्वास्थ व्यवस्था के साथ उनके संवेदनहीनता के दर्शाता है.