वैशालीः केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने चिराग पासवान को लेकर बड़ा दावा किया है. हाजीपुर लोकसभा सीट चुनाव लड़ने को लेकर कहा कि चिराग पासवान एनडीए में रहेगा तब तो चुनाव लड़ेगा. पशुपति कुमार पारस रविवार को निजी होटल में आयोजित बिहार फूड प्रोसेसिंग निफ़्टी के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इसी दौरान मीडिया के सवाल पर भतीजा को लेकर कई खुलासे किए. पशुपति पारस ने साफ तौर पर कहा कि चिराग पासवान 6 सांसदों में शामिल है, जो मेरे अधीन हैं.
'सांसदों की बैठक में नहीं होते शामिल': जब मीडिया ने हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर सवाल किया तो पशुपति कुमार पारस ने कहा कि एनडीए गठबंधन के बैठक में चिराग शामिल नहीं होते हैं. लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता पशुपति पारस हैं. ऐसे में उन्होंने कहा कि लोकसभा के नोटिफिकेशन में हमारे अंदर में 6 सांसद हैं, उसमें चिराग भी है.
"लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल नेता हम हैं. मेरे अंदर 6 सांसद हैं, जिसमें चिराग पासवान भी शामिल हैं. एनडीए की किसी भी बैठक में चिराग पासवान को नहीं बुलाया जाता है. वे एनडीए में रहेंगे तो तब चुनाव लड़ेंगे. एनडीए की ओर से टिकट मिलेगा तब तो. पहले खुद के बारे में बोलते थे. अब मां को चुनाव लड़ाने की बात कर रहे हैं." - पशुपति कुमार पारस, केंद्रीय मंत्री
स्थापना दिवस को लेकर रस्साकशीः स्थापना दिवस को लेकर कहा कि हम दोनों का दो दल है. चिराग पटना में करेंगे और हम हाजीपुर में कर रहे हैं. चिराग को जमुई में करना चाहिए. पहले उन्होंने प्रयास किया था कि गांधी मैदान में करें, फिर दिल्ली में करने की बात कही. इसके बाद सिमट के पटना आ गए. पशुपति ने कहा कि हाजीपुर उनका कार्यक्षेत्र रहा है, इसलिए वे हाजीपुर में 28 नवंबर को पार्टी का स्थापना दिवस मनाएंगे.
हाजीपुर लोकसभा सीट पर दावेदारीः हाजीपुर लोकसभा सीट पर दावेदारी को लेकर पशुपति कुमार पारस ने चिराग को लेकर कई दावे किए. कहा कि उनकी कोई दावेदारी नहीं है. राजनीति में और गठबंधन धर्म का नियम है. पहले चिराग कहते थे कि खुद चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अब मां को लड़ाने की बात कह रहे हैं. इस दौरान उन्होंने बड़ा दावा किया. कहा कि एनडीए रहेंगे तब तो लड़ेंगे. इस दौरान कहा कि मोदी जी कभी चिराग पासवान का नाम नहीं लेते हैं.
'विशेष राज्य का दर्जा चुनावी स्टंट': इधर, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा. कहा कि यह तो चुनावी स्टैंड है. नीतीश जी को भी पता है की विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने वाला है. उसका क्राइटेरिया बना हुआ है. जब भारत सरकार में नीतीश कुमार कृषि और रेल मंत्री थे उनको पता है कि विशेष राज्य का दर्जा मिलने का क्या मापदंड है. नीतीश कुमार एनडीए सरकार में थे तो उस समय विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मांगा?