वैशालीः इंसान को चांद पर गए हुए भी एक अरसा बीत चुका है, सूर्य की किरणों से बिजली पैदा करने की तैयारी चल रही है, लेकिन हमारे देश में आज भी कई इलाकों में जागरूकता और शिक्षा की इतनी कमी है कि लोग अंधविश्वास और कुरीतियों में डूबे हैं. दरअसल हम बात कर रहे हैं वैशाली जिले के बिददुपुर थाना क्षेत्र (Biddupur Police Station) की, जहां एक मृत किशोर (Child Dead Body Left In River To Alive In Vaishali) को जिंदा करने के लिए तांत्रिक विधि का प्रयोग किया गया है. मृत बच्चे के परिजन उसे जीवित करने के प्रयास में लग हुए हैं. उन्हें उम्मीद है कि पुरानी तांत्रिक विधि से बच्चा फिर से जी उठेगा.
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बच्चे के जीवित होने की उम्मीदः वैशाली के बिददुपुर प्रखंड में एक बच्चे की मौत हो जाने के बाद उसे केला के थंब (पेड़) से एक बेड़ा (नाव नुमा एक वस्तु) बनाकर उस पर लिटाया गया. बच्चा जीवित हो जाएगा इस उम्मीद में बेड़े में एक तख्ती भी लगाई गई. जिस पर बच्चे का नाम, उसके पिता का नाम, दादा का नाम, घर का पता मोबाईल नंबर के साथ लिखा गया. उसके बाद तैरते हुए बेड़े पर बच्चे का शव रख कर नदी में छोड़ दिया गया. परिजनों को उम्मीद है कि बच्चा दोबारा जिंदा होकर तख्ती पर लिखे पते के सहारे वापस घर आजाएगा.
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सांप काटने से हुई थी बच्चे की मौतः दरअसल बिददुपुर थाना क्षेत्र के काइली चौक खरिका के रहने वाले राजू पासवान के 9 वर्षीय पुत्र अभिषेख कुमार की मौत सांप के काटने से हो गई. वह तीसरी क्लास में पढ़ाई करता था. स्कूल से घर आने के बाद अभिषेक ने स्कूल बैग जैसे ही घर के अंदर चौकी पर रखा उसे एक सांप ने डस लिया. घर वालों ने एक स्थानीय तांत्रिक से तंत्र क्रिया के जरिए बच्चे को ठीक करवाना चाहा लेकिन बच्चा ठीक नहीं हुआ. इसके बाद उसे निजी वाहन से मुजफरपुर के एक अस्पताल में लाया गया, जहां डॉक्टर्स ने जांच बाद उसे मृत घोषित कर दिया.
"लड़का स्कूल से आया था स्कूल बैग को चौकी पर रखने लगा तभी उसे एक सांप ने काट लिया. आनन फानन में मुजफ्फर इलाज के लिए लेकर गए लेकिन उसकी मौत हो गई. इसकी दाह संस्कार की जो प्रक्रिया है वह पुरानी प्रथा है. इसीलिए हम लोग केले के थंब का बेड़ा बनाकर इसको प्रवाह कर दिए है. इस प्रक्रिया से उम्मीद की जा सकता है किया जीवित लौट कर आ सकता है. हालांकि यह प्रॉपर नहीं कहा जा सकता है कि यह जीवित लौटकर आएगा" -सरवन पंडित, स्थानीय
घरवालों को तांत्रिक पर भरोसाः डॉक्टरों द्वारा भले ही किशोर को मेडिकल जांच के उपरांत मृत घोषित कर दिया गया लेकिन मृत किशोर के घरवालों को तांत्रिक पर पूरा भरोसा है. हालांकि मीडिया ने जब मामले को उकेरा तो ग्रामीणों द्वारा कई तथ्यों को छुपाने का प्रयास किया गया. इस विषय में स्थानीय सरवन पंडित का कहना है कि इस प्रक्रिया से उम्मीद की जा सकती है कि बच्चा जीवित होकर लौटेगा, दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है. जो पुरानी प्रक्रिया है, उसकी के तहत केले के पेड़ का बेड़ा बना कर शव को प्रवाह कर दिया गया है.