वैशाली: बिहार लोक सेवा आयोग ने बुधवार को 66वीं संयुक्त बीपीएससी (66th BPSC Final Result ) के परीक्षा परिणाम को घोषित (BPSC 66th Final Result Released) कर दिया. वैशाली के रहने वाले सुधीर कुमार पहले टॉपर (BPSC Topper Sudhir Kumar Of Vaishali) बने हैं. रिजल्ट आने के बाद से ही सुधीर के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. सुधीर की दो बहनें हैं. बहनों ने बताया कि रिजल्ट आने के बाद जब सुधीर ने फोन कर बताया कि टॉप किया हूं तो खुशी से हमारे आंसू नहीं रुक रहे थे.
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बिहार के बीपीएससी टॉपर सुधीर कुमार के घर जश्न: बीपीएससी टॉपर सुधीर कुमार की बहनों की हार्दिक तमन्ना थी कि उसका भाई टॉप का अधिकारी बने और इसके लिए दोनों बहनों ने दिन-रात मेहनत कर न सिर्फ अपने भाई की पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दिया बल्कि उसके खान पान और रहन सहन पर भी मेहनत की. साथ ही भाई की हर छोटी बड़ी खुशी के लिए भी हमेशा प्रयास किया.
पूरे राज्य में प्रथम स्थान: भाई ने भी 66 वीं बीपीएससी में टॉप कर न सिर्फ अपनी बहनों का मान रखा बल्कि जिले का नाम भी रौशन किया है. यह सुखद प्रेरणा दायक खबर वैशाली के महुआ से है. जहां के पोस्ट ऑफिस कर्मी बीरेंद्र कुमार के इकलौते बेटे ने पूरे राज्य में प्रथम स्थान लाकर जिले का मान बढ़ा दिया है. महुआ बाजार के रहने वाले सुधीर ने अपनी कड़ी मेहनत और परिश्रम से 66वीं बीपीएससी परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल किया किया है. बेटे के टॉपर बनने के बाद से परिवार वालो में जश्न का माहौल है.
'कड़ी मेहनत से मिली सफलता': सुधीर की प्रारंभिक शिक्षा महुआ के संत जोन्स स्कूल से हुई. जिसके बाद आईआईटी कानपुर से उसने बीटेक किया और अपने पहले ही प्रयास में सुधीर ने बीपीएससी परीक्षा ना सिर्फ पास किया बल्कि पूरे बिहार में पहला स्थान हासिल किया है. शुरुआत के दिनों में सुधीर ने महुआ में ही एक कोचिंग खोला था, जहां उन्होंने बच्चों को पढ़ाने का भी काम किया. फिलहाल सुधीर दिल्ली में है और यूपीएससी का पीटी निकालने के बाद मेंस की तैयारी कर रहे है.
10 घंटे सुधीर करते हैं सेल्फ स्टडी: इधर घर पर बेटे की सफलता को लेकर जश्न का माहौल है और पिता के साथ साथ दो बहनें भी काफी खुश हैं. मिठाई खिलाकर एक दूसरे को बधाई दे रही हैं. घर पर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है. इलाके में भी उत्साह का माहौल है. बताया जाता है कि सुधीर ने स्थानीय स्कूल से स्कूल और स्थानीय कॉलेज से टेन प्लस टू की परीक्षा पास की है. जिसके बाद आईआईटी कानपुर से बीटेक किया. सुधीर लगभग 10 घंटे की सेल्फ स्टडी किया करते हैं. क्रिकेट खेलना सुधीर को बेहद पसंद है.
बहन को डोरेमॉन कहता है भाई: बीपीएससी टॉपर सुधीर कुमार अपनी दोनों बहनें प्रीति कुमारी और प्रतिभा कुमारी को डोरेमॉन कहता है. सुधीर के पिता बीरेंद्र सिंह बताते हैं कि वो पोस्ट ऑफिस में कर्मी और पत्नी प्रमिला देवी रेफरल अस्पताल में एएनएम है. दोनों के ड्यूटी पर जाने के बाद दोनों बहनें ही भाई का खयाल रखती थी. तीन भाई बहनों में सबसे छोटे सुधीर की हर जिद, हर मांग को बहनें पूरा करती थीं और पढ़ने का काम भी करती थी. यही कारण है कि सुधीर अपनी बहनों को डोरेमॉन कहते हैं, जो दरअसल एक टीवी का कार्टून है जो अपने दोस्त की हर इच्छा को पूरा करता है.
"हमें लग रहा है कि हम टॉप कर गए हैं. सुधीर हमें डोरेमॉन कहता है. पढ़ाई में कभी समझौता नहीं करता था. रक्षाबंधन का गिफ्ट हमें मिल गया है."- प्रतिभा कुमारी, बीपीएससी टॉपर सुधीर कुमार की बहन
"बहुत खुशी मिल रही है जिस तरीके से बिहार बीपीएससी में टॉप किए हैं. चारों तरफ से बधाई मिल रही है. लगभग 10 घंटे की पढ़ाई करते थे और क्रिकेट खेलने का बहुत शौक है. उन्होंने यूपीएससी का पीटी भी निकाल लिया है और यहां स्थानीय कोचिंग संस्था भी चलाते थे. उनकी बहनों का खास योगदान उनकी पढ़ाई को लेकर रहा है. पत्नी स्वास्थ्य विभाग में है. मैं पोस्ट ऑफिस में हूं. दोनों नौकरी में चले जाते थे तो बहनें ख्याल रखती थी. काफी संघर्ष कर बच्चे को पढ़ाया गया है."- बीरेंद्र सिंह, बीपीएससी टॉपर सुधीर कुमार के पिता
"इतनी खुशी हुई कि बता नहीं सकते हैं. कल सुधीर ने करके बताया था कि टॉप किया हूं. जानकारी मिली तो रोंगटे खड़े हो गए और हम सभी रोने लगे. सुधीर ने स्थानीय स्कूल से मैट्रिक और स्थानीय कॉलेज से इंटर पास किया जिसके बाद आईआईटी कानपुर की पढ़ाई पूरी की. फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू किया. लॉकडाउन पीरियड में भी लगातार पढ़ाई करता था और बचपन से पढ़ाई में रुचि थी. सफलता के पीछे सेल्फ स्टडी मुख्य रूप से महत्वपूर्ण है."- प्रीति कुमारी, बीपीएससी टॉपर सुधीर कुमार की बहन
2020 में आया था विज्ञापन: बता दें कि इस परीक्षा के लिए 2020 में विज्ञापन आया था. जबकि, 2021 में प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा का आयोजन किया गया था. बीपीएससी 66वीं मुख्य (लिखित) प्रतियोगिता परीक्षा में कुल 1838 उम्मीदवार सफल घोषित किए गए थे. लिखित परीक्षा में सफल 1838 उम्मीदवारों का साक्षात्कार आयोग कार्यालय में दिनांक 18.05.2022 से 22.06.2022 तक और दिनांक 05.07.2022 और दिनांक 18.07.2022 को कोविड प्रोटोकॉल के मानकों का ख्याल रखते हुए कराया गया था.
685 उम्मीदवारों का हुआ चयन: इंटरव्यू में कुल 1768 उम्मीदवार शामिल हुए थे. वहीं, 70 उम्मीदवार अनुपस्थित रहे. कुल 689 रिक्तियों के विरूद्ध संयुक्त मेरिट लिस्ट तैयार की गई. जिसके तहत विभागवार और रिक्तिवार सेवा आवंटन किया गया. 66वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में 689 रिक्तियों के विरुद्ध 685 उम्मीदवारों (25 दिव्याग उम्मीदवारों और 13 स्वतंत्रता सेनानी के आश्रित श्रेणी के उम्मीदवारों सहित) का चयन करते हुए फाइनल रिजल्ट जारी किया गया है.
BPSC टॉपर लिस्ट: वैशाली के रहने वाले सुधीर कुमार पहले टॉपर बने हैं. कुल 689 पदों के लिए आयोजित किए गए इस परीक्षा में 685 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है. परीक्षा में अमृत्य कुमार आदर्श दूसरे टॉपर बने हैं, जबकि आयुष कृष्णा तीसरे, सदानंद कुमार चौथे स्थान पर हैं. विनय कुमार रंजन पांचवां स्थान प्राप्त किए हैं, वहीं, मोनिका श्रीवास्तव छठी टॉपर, सिद्धांत कुमार सातवें टॉपर, अंकित कुमार सिन्हा आठवीं टॉपर, बृजेश कुमार नवमें टॉपर और नालंदा के अंकित कुमार दसवें टॉपर बने हैं.