ETV Bharat / state

बिहार के इस शहर में कार्तिक पूर्णिमा पर लगता है भूतों का मेला, पूरी रात आत्माओं की होती है जंग

बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर के कोनहारा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर दुनिया के सबसे बड़ा भूतों का मेला लगता है. कोनहारा घाट को पुराणों में मोक्ष (Kaunhara ghat has special significance ) भूमि माना जाता है. पढ़ें पूरी खबर...

वैशाली के कोनहारा घाट पर भूतों का सबसे बड़ा मेला
वैशाली के कोनहारा घाट पर भूतों का सबसे बड़ा मेला
author img

By

Published : Nov 19, 2021, 9:11 AM IST

Updated : Nov 20, 2021, 6:13 AM IST

वैशाली: देश और दुनिया में विज्ञान ने हर क्षेत्र में तरक्की कर ली हो लेकिन आज भी शिक्षा और जागरुकता के अभाव में देश कई इलाकों में अंधविश्वास और आस्था विज्ञान पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. इसका जीता जागता उदहारण वैशाली जिले हाजीपुर का कोनहारा घाट (kaunhara ghat ) है. जहां कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर भूतों का (Ghost Fair In Vaishali) यहां सबसे बड़ा मेला लगता है. हजारों की संख्या में दूर दराज से लोग नदी के तट पर कार्तिक पूर्णिमा से एक रात पहले आते हैं और देर रात से ही भूत भगाने के अनुष्ठान में लग जाते हैं.

इसे भी पढ़ें : परंपरा या अंधविश्वास: मन्नत पूरी करवाने के लिए जान से खिलवाड़, खुद को गायों से रौंदवाते हैं लोग

बता दें कि बिहार के हाजीपुर के कोनहारा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर दुनिया के सबसे बड़ा भूतों का मेला लगता है. कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) से एक रात पूर्व ही यह खेल शुरू हो जाता है. रात भर चलने वाले इस अनुष्ठान को स्थानीय भाषा में भूत खेली कहते हैं. इस मेले में जहां लाखों लोग बुरी आत्माओं से छुटकारा के लिए पहुंचते हैं, वहीं, भूतों को पकड़ने और भगाने का दावा करने वाले ओझा भी इस मेले में बड़ी संख्या में आकर अपनी मंडली लगाते हैं. जगह-जगह ओझाओं की मंडली सजी होती है, जो अलग-अलग अनुष्ठान कर रहे होते हैं.

कोनहारा घाट भूतों का सबसे बड़ा मेला

इस बार भी कोरोना के बावजूद कार्तिक पूर्णिमा के अवसर हजारों की संख्या में लोग घाट पर पहुंचे हैं और रात से ही पूजा में लगे हुए हैं. हालांकि, इस दौरान कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. ना किसी के चेहरे पर मास्क दिखा ना ही कोई सोशल डिस्टेंसिंग. यहां पर महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है. ये ज्यादातर महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों की होती है. जिन्हें शिक्षा के अभाव स्थानीय ओझा और तांत्रिक बहला-फुसलाकर भूत भगाने के नाम पर घाट किनारे लेकर आते हैं. ऐसे में मौके पर ईटीवी भारत के संवादादाता रंजीत पाठक ने हालात का जायजा लिया.

ईटीवी भारत से बातचीत से मौके पर मौजूद तांत्रिक ने बताया कि कम उम्र में मरने के बाद लोग प्रेत योनि में अवतार ले लेते हैं. हम लोग 20 साल से ये काम कर रहे हैं. यहां कितना हजार भूत आया और चला गया होगा, इसकी कोई गिनती नहीं है. रात 9 बजे से ही 30 से 40 हजार भूतों को भगाया गया है. जिससे लोगों को काफी फायदा मिला है.

'खतरनाक भूत भी मिलते हैं. जैसे की शख्स को दांत लगना ऐसे लोगों को यहां के इलाज से फायदा मिलता है. पटना के बड़े-बड़े अस्पतालों से लौटकर लोग मेरे पास आते हैं, जिनका हम लोग यहां इलाज करते हैं.' :- तांत्रिक, कोनहारा घाट

कोनहारा घाट का जहां कार्तिक पूर्णिमा कि रात लगने वाले भूतों के मेले में एक महिला के भूत को कथित तौर पर उतारा जा रहा है. इस दौरान तांत्रिक महिला के शरीर को बार-बार छूता है बल्कि उसके बाल को काट कर आग में भी डाल दिया जा रहा है. ये सब कुछ चुपचाप चलता रहता है. लोग तमाशबीन बन इस तमाशे को देखते रहते हैं. जिस देश में नारी को देवी का दर्जा प्राप्त है, वहां आस्था के नाम पर इस तरह की शर्मनाक तस्वीरों का सामने आना यह दर्शाता है कि शिक्षा के मामले में जमीनी स्तर पर अभी काम होना बहुत बाकी है.

'भूत भगाने औरअंधविश्वास के नाम पर महिला के साथ छेड़छाड़ और अभद्र व्यवहार किया जाता है. महिला के बाल पकड़े जाते हैं तो कभी हाथ पकड़े जाते हैं. ये बंद होनी चाहिए.' :- धर्मवीर, अंदरीकला गांव निवासी

हांलाकि, कार्तिक पूर्णिमा पर को लेकर सभी घाटों पर प्रशासन की मुस्तैदी रहती है. सीसीटीवी कैमरे पर सब कुछ दिखता ही रहा लेकिन आस्था पर होने वाले इस अंधविश्वास के खिलाफ प्रशासन भी उदासीन रवैया बनाये रहता है. अंधविश्वास के भूत के मेले को अगर कोई खत्म कर सकता है तो वो शिक्षा है. हांलाकि वैशाली जिले में दर्जनों स्वयंसेवी संस्थाएं काम कर रहे हैं लेकिन इनकी जमीनी हकीकत जिस किसी से छुपी हुई नहीं है. इनमें ज्यादातर संस्थाओं का काम सरकारी योजना को हथकंडा बनाकर पैसे बनाने का काम करते हैं.

इसे भी पढ़ें : गया: कुष्ठ अस्पताल बना भूत बंगला, अपनों के ठुकराये लोगों को सरकार से मदद की उम्मीद

वैशाली: देश और दुनिया में विज्ञान ने हर क्षेत्र में तरक्की कर ली हो लेकिन आज भी शिक्षा और जागरुकता के अभाव में देश कई इलाकों में अंधविश्वास और आस्था विज्ञान पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. इसका जीता जागता उदहारण वैशाली जिले हाजीपुर का कोनहारा घाट (kaunhara ghat ) है. जहां कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर भूतों का (Ghost Fair In Vaishali) यहां सबसे बड़ा मेला लगता है. हजारों की संख्या में दूर दराज से लोग नदी के तट पर कार्तिक पूर्णिमा से एक रात पहले आते हैं और देर रात से ही भूत भगाने के अनुष्ठान में लग जाते हैं.

इसे भी पढ़ें : परंपरा या अंधविश्वास: मन्नत पूरी करवाने के लिए जान से खिलवाड़, खुद को गायों से रौंदवाते हैं लोग

बता दें कि बिहार के हाजीपुर के कोनहारा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर दुनिया के सबसे बड़ा भूतों का मेला लगता है. कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) से एक रात पूर्व ही यह खेल शुरू हो जाता है. रात भर चलने वाले इस अनुष्ठान को स्थानीय भाषा में भूत खेली कहते हैं. इस मेले में जहां लाखों लोग बुरी आत्माओं से छुटकारा के लिए पहुंचते हैं, वहीं, भूतों को पकड़ने और भगाने का दावा करने वाले ओझा भी इस मेले में बड़ी संख्या में आकर अपनी मंडली लगाते हैं. जगह-जगह ओझाओं की मंडली सजी होती है, जो अलग-अलग अनुष्ठान कर रहे होते हैं.

कोनहारा घाट भूतों का सबसे बड़ा मेला

इस बार भी कोरोना के बावजूद कार्तिक पूर्णिमा के अवसर हजारों की संख्या में लोग घाट पर पहुंचे हैं और रात से ही पूजा में लगे हुए हैं. हालांकि, इस दौरान कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. ना किसी के चेहरे पर मास्क दिखा ना ही कोई सोशल डिस्टेंसिंग. यहां पर महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है. ये ज्यादातर महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों की होती है. जिन्हें शिक्षा के अभाव स्थानीय ओझा और तांत्रिक बहला-फुसलाकर भूत भगाने के नाम पर घाट किनारे लेकर आते हैं. ऐसे में मौके पर ईटीवी भारत के संवादादाता रंजीत पाठक ने हालात का जायजा लिया.

ईटीवी भारत से बातचीत से मौके पर मौजूद तांत्रिक ने बताया कि कम उम्र में मरने के बाद लोग प्रेत योनि में अवतार ले लेते हैं. हम लोग 20 साल से ये काम कर रहे हैं. यहां कितना हजार भूत आया और चला गया होगा, इसकी कोई गिनती नहीं है. रात 9 बजे से ही 30 से 40 हजार भूतों को भगाया गया है. जिससे लोगों को काफी फायदा मिला है.

'खतरनाक भूत भी मिलते हैं. जैसे की शख्स को दांत लगना ऐसे लोगों को यहां के इलाज से फायदा मिलता है. पटना के बड़े-बड़े अस्पतालों से लौटकर लोग मेरे पास आते हैं, जिनका हम लोग यहां इलाज करते हैं.' :- तांत्रिक, कोनहारा घाट

कोनहारा घाट का जहां कार्तिक पूर्णिमा कि रात लगने वाले भूतों के मेले में एक महिला के भूत को कथित तौर पर उतारा जा रहा है. इस दौरान तांत्रिक महिला के शरीर को बार-बार छूता है बल्कि उसके बाल को काट कर आग में भी डाल दिया जा रहा है. ये सब कुछ चुपचाप चलता रहता है. लोग तमाशबीन बन इस तमाशे को देखते रहते हैं. जिस देश में नारी को देवी का दर्जा प्राप्त है, वहां आस्था के नाम पर इस तरह की शर्मनाक तस्वीरों का सामने आना यह दर्शाता है कि शिक्षा के मामले में जमीनी स्तर पर अभी काम होना बहुत बाकी है.

'भूत भगाने औरअंधविश्वास के नाम पर महिला के साथ छेड़छाड़ और अभद्र व्यवहार किया जाता है. महिला के बाल पकड़े जाते हैं तो कभी हाथ पकड़े जाते हैं. ये बंद होनी चाहिए.' :- धर्मवीर, अंदरीकला गांव निवासी

हांलाकि, कार्तिक पूर्णिमा पर को लेकर सभी घाटों पर प्रशासन की मुस्तैदी रहती है. सीसीटीवी कैमरे पर सब कुछ दिखता ही रहा लेकिन आस्था पर होने वाले इस अंधविश्वास के खिलाफ प्रशासन भी उदासीन रवैया बनाये रहता है. अंधविश्वास के भूत के मेले को अगर कोई खत्म कर सकता है तो वो शिक्षा है. हांलाकि वैशाली जिले में दर्जनों स्वयंसेवी संस्थाएं काम कर रहे हैं लेकिन इनकी जमीनी हकीकत जिस किसी से छुपी हुई नहीं है. इनमें ज्यादातर संस्थाओं का काम सरकारी योजना को हथकंडा बनाकर पैसे बनाने का काम करते हैं.

इसे भी पढ़ें : गया: कुष्ठ अस्पताल बना भूत बंगला, अपनों के ठुकराये लोगों को सरकार से मदद की उम्मीद

Last Updated : Nov 20, 2021, 6:13 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.