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अब वैशाली की जमीन पर भी होगी कश्मीर और हिमाचल के मीठे सेब की खेती - ईटीवी भारत न्यूज

कश्मीर और हिमाचल के मीठे सेब की खेती अब वैशाली की जमीन पर भी होगी. इसके लिए वैशाली सहित पांच जिलों का चयन किया गया है. मजेदार बात यह है कि इसके लिए सेब की नई किस्म को इजराइल से (New variety of apple from Israel) मंगवाय गया है जो स्वाद और रंग में बिल्कुल कश्मीरी सेब की तरह मीठे होंगे. पढ़ें विशेष रिपोर्ट.

वैशाली सेब
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Published : Feb 23, 2022, 7:52 AM IST

वैशाली: अगर आपको कहा जाए कि आप बिहार आइए. हम आपको ताजे सेब देंगे तो शायद यकीन नहीं होगा. लेकिन बात बिल्कुल सच होने वाली है. अब बहुत जल्द बिहार के लोग भी अपने बागानों से ताज सेब (Apple Cultivation in Vaishali) तोड़ने वाले हैं. अमूमन हिमाचल और कश्मीर से सेब को बिहार आते-आते देर होने के कारण स्वाद में अंतर आ जाता है. इसके चलते यहां के लोगों को सेब खाने का पूरा आनंद नहीं मिल पाता है और ना ही उसका पूरा फायदा ही.

अब आपको बिहार में ही ताजे सेब मिलेंगे और वह भी बिहार की धरती पर फला हुआ. खबर बिहार के वैशाली जिले की है. अब कश्मीर और हिमाचल के मीठे सेब की खेती वैशाली की जमीन पर भी होगी. कृषि विभाग ने इसके लिए पहल शुरू कर दी है. जिले के पातेपुर प्रखंड के पांच किसानों का चयन कर उन्हे सेब की खेती के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षण दिया गया है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: विपरीत जलवायु में भी मुंगेर में हो रही है हिमाचल के सेब की खेती

उन्हें आधा एकड़ जमीन पर सेब की खेती करने के लिए हरमन 99 प्रभेद के सेब के पौधे उपलब्ध कराए गए हैं. उन्हें इजरायल से मंगवाया गया है. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो इस प्रभेद के पौधे गर्म मौसम वाले जगह के लिए उपयुक्त हैं. वैशाली का मौसम पूरी तरह अनुकूल है. फरवरी में लगाने से जुलाई तक फल आ जाएंगे. यहां होने वाले सेब रंग और स्वाद कश्मीर और हिमाचल के सेब जैसा ही होगा. आने वाले दिनों में राज्य के दूसरे जिलों में भी इसकी खेती को बढ़ावा दिया जाएगा.

इस विषय में वैशाली जिले के उद्यान सहायक निर्देशक ओम प्रकाश मिश्रा ने बताया कि बिहार के खेतों में सेब के पौधे लगाने की पूरी तैयारी कर ली गई है. पौधे भी मंगवा लिए गए हैं. इन पौधों को 5 जिलों में किसानों को दिया जाएगा. इसके बाद धीरे-धीरे अन्य जिलों को भी सेब के पौधे मिलेंगे. उन्होंने आगे बताया कि यह खास किस्म का पौधा इजरायल से मंगवाया गया है. यह बिहार के मौसम के बिल्कुल अनुकूल है. सेब की खेती से बिहार के किसानों को काफी फायदा होने वाला है. इसकी शुरुआत वैशाली जिले के पातेपुर में की गई थी. इसका परिणाम बहुत बढ़िया है.

ये भी पढ़ें: 7 जिलों के किसानों ने सीखे सेब की खेती के गुर, उगा सकते हैं ताइवान का पपीता, बिना बीज वाला नींबू

सेब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिकने वाला एक बेहद ही महत्वपूर्ण फल है. इसकी पैदावार देश के बेहद कम इलाकों में होती है. लेकिन जिस तरह हाजीपुर के उद्यान विभाग ने सेब की एक नस्ल को मंगवाया है, यह आने वाले समय में बिहार के किसानों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.

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वैशाली: अगर आपको कहा जाए कि आप बिहार आइए. हम आपको ताजे सेब देंगे तो शायद यकीन नहीं होगा. लेकिन बात बिल्कुल सच होने वाली है. अब बहुत जल्द बिहार के लोग भी अपने बागानों से ताज सेब (Apple Cultivation in Vaishali) तोड़ने वाले हैं. अमूमन हिमाचल और कश्मीर से सेब को बिहार आते-आते देर होने के कारण स्वाद में अंतर आ जाता है. इसके चलते यहां के लोगों को सेब खाने का पूरा आनंद नहीं मिल पाता है और ना ही उसका पूरा फायदा ही.

अब आपको बिहार में ही ताजे सेब मिलेंगे और वह भी बिहार की धरती पर फला हुआ. खबर बिहार के वैशाली जिले की है. अब कश्मीर और हिमाचल के मीठे सेब की खेती वैशाली की जमीन पर भी होगी. कृषि विभाग ने इसके लिए पहल शुरू कर दी है. जिले के पातेपुर प्रखंड के पांच किसानों का चयन कर उन्हे सेब की खेती के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षण दिया गया है.

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उन्हें आधा एकड़ जमीन पर सेब की खेती करने के लिए हरमन 99 प्रभेद के सेब के पौधे उपलब्ध कराए गए हैं. उन्हें इजरायल से मंगवाया गया है. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो इस प्रभेद के पौधे गर्म मौसम वाले जगह के लिए उपयुक्त हैं. वैशाली का मौसम पूरी तरह अनुकूल है. फरवरी में लगाने से जुलाई तक फल आ जाएंगे. यहां होने वाले सेब रंग और स्वाद कश्मीर और हिमाचल के सेब जैसा ही होगा. आने वाले दिनों में राज्य के दूसरे जिलों में भी इसकी खेती को बढ़ावा दिया जाएगा.

इस विषय में वैशाली जिले के उद्यान सहायक निर्देशक ओम प्रकाश मिश्रा ने बताया कि बिहार के खेतों में सेब के पौधे लगाने की पूरी तैयारी कर ली गई है. पौधे भी मंगवा लिए गए हैं. इन पौधों को 5 जिलों में किसानों को दिया जाएगा. इसके बाद धीरे-धीरे अन्य जिलों को भी सेब के पौधे मिलेंगे. उन्होंने आगे बताया कि यह खास किस्म का पौधा इजरायल से मंगवाया गया है. यह बिहार के मौसम के बिल्कुल अनुकूल है. सेब की खेती से बिहार के किसानों को काफी फायदा होने वाला है. इसकी शुरुआत वैशाली जिले के पातेपुर में की गई थी. इसका परिणाम बहुत बढ़िया है.

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सेब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिकने वाला एक बेहद ही महत्वपूर्ण फल है. इसकी पैदावार देश के बेहद कम इलाकों में होती है. लेकिन जिस तरह हाजीपुर के उद्यान विभाग ने सेब की एक नस्ल को मंगवाया है, यह आने वाले समय में बिहार के किसानों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.

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