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Anant chaturdashi 2023 : बाबा हरिहरनाथ में अनंत चतुर्दशी की कथा सुनने का विशेष महत्व, दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु - Vaishali News

सोनपुर के बाबा हरिहरनाथ मंदिर में अनंत चतुर्दशी की कथा सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. यहां हरि अर्थात विष्णु और हर अर्थात शिव एक साथ विराजमान हैं. इस कारण इस मंदिर प्रांगण में कथा सुनने का विशेष महत्व बताया जाता है.

हरिहरनाथ मंदिर में अनंत चतुर्दशी पूजा
हरिहरनाथ मंदिर में अनंत चतुर्दशी पूजा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 28, 2023, 3:38 PM IST

Updated : Sep 28, 2023, 5:50 PM IST

सोनपुर के बाबा हरिहरनाथ मंदिर में अनंत चतुर्दशी

वैशाली : बिहार के वैशाली स्थित सोनपुर के बाबा हरिहरनाथ मंदिर में अनंत चतुर्दशी की कथा सुनने का अलग महत्व है. यही कारण है कि आज के दिन मंदिर प्रांगण में दूर-दराज से आए भक्तों की भारी भीड़ रहती है. पितृ पक्ष शुरू होने से पहले अनंत चतुर्दशी की पूजा और कथा विधि विधान से की जाती है. भगवान विष्णु को समर्पित यह पूजा लगभग हिंदू धर्म से जुड़े सभी लोगों द्वारा पूरी आस्था के साथ की जाती है. इस दौरान व्रत पूजा के साथ कथा सुनने की परंपरा रही है.

ये भी पढ़ें : Anant chaturdashi 2023 : अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु-माता लक्ष्मी की पूजा से मिलेगी सुख-समृद्धि, जानिए अनंत रक्षा सूत्र का महत्व

पूजा के बाद बांधते हैं सूती धागे का अनंत : अनंत चतुर्दशी की कथा सुनने के बाद सूती धागे से बने अनंत को बाजू पर बांधा जाता है. पुरुष इसे दायें बाजू पर और महिलाएं बाएं पर बांधती है. वहीं सोनपुर के बाबा हरिहरनाथ मंदिर में दूर दराज से लोग अनंत चतुर्दशी पर अनंत कथा सुनने आते हैं. वहीं मंदिर प्रांगण में कई जगहों पर कथा का आयोजन होता है. वहां धागे से बने आनंद की पूजा कर लोगों को दी जाती है. चुकी भगवान विष्णु और भगवान भोलेनाथ के एक साथ होने से यहां अनंत कथा सुनने का विशेष महत्व है.

"यहां स्वयं विष्णु भगवान विराजमान है शिवलिंग के साथ में. हरि विष्णु और महादेव दोनों एक साथ विराजमान है और यह अनंत जो है यह भगवान नारायण की पूजा है. विष्णु भगवान की पूजा है तो इसलिए यहां चुकी विष्णु भगवान की पूजा है उनका स्थान है इसलिए भगवान नारायण की पूजा भी हो जाती है और कथा भी. अनंत चतुर्दशी व्रत को धूमधाम से मनाया जाता है. शिव विष्णु को भजते हैं. विष्णु शिव को भजते हैं. दोनों दूसरे के आराध्य देवता हैं और भगवान नारायण का यह अनंत चतुर्दशी है." - बमबम बाबा, पुजारी, बाबा हरिहर नाथ मंदिर

मंदिर में एक साथ विराजमान हैं शिव और विष्णु : मंदिर के पुजारी बमबम बाबा बताते हैं कि भगवान हरिहर के दरबार में यहां पूजा करना और कथा सुनना बहुत ही महत्वपूर्ण है. सुबह 5:00 बजे भोर से ही यहां अलग-अलग अनंत कथा शुरू हो जाती है और दोपहर 12 बजे तक 500 से ज्यादा श्रद्धालु कथा सुनकर अपने-अपने घर भी जा चुके हैं. बेगूसराय, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पटना, छपरा बहुत दूर-दूर से लोग कथा सुनाने आए थे.

सोनपुर के बाबा हरिहरनाथ मंदिर में अनंत चतुर्दशी

वैशाली : बिहार के वैशाली स्थित सोनपुर के बाबा हरिहरनाथ मंदिर में अनंत चतुर्दशी की कथा सुनने का अलग महत्व है. यही कारण है कि आज के दिन मंदिर प्रांगण में दूर-दराज से आए भक्तों की भारी भीड़ रहती है. पितृ पक्ष शुरू होने से पहले अनंत चतुर्दशी की पूजा और कथा विधि विधान से की जाती है. भगवान विष्णु को समर्पित यह पूजा लगभग हिंदू धर्म से जुड़े सभी लोगों द्वारा पूरी आस्था के साथ की जाती है. इस दौरान व्रत पूजा के साथ कथा सुनने की परंपरा रही है.

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पूजा के बाद बांधते हैं सूती धागे का अनंत : अनंत चतुर्दशी की कथा सुनने के बाद सूती धागे से बने अनंत को बाजू पर बांधा जाता है. पुरुष इसे दायें बाजू पर और महिलाएं बाएं पर बांधती है. वहीं सोनपुर के बाबा हरिहरनाथ मंदिर में दूर दराज से लोग अनंत चतुर्दशी पर अनंत कथा सुनने आते हैं. वहीं मंदिर प्रांगण में कई जगहों पर कथा का आयोजन होता है. वहां धागे से बने आनंद की पूजा कर लोगों को दी जाती है. चुकी भगवान विष्णु और भगवान भोलेनाथ के एक साथ होने से यहां अनंत कथा सुनने का विशेष महत्व है.

"यहां स्वयं विष्णु भगवान विराजमान है शिवलिंग के साथ में. हरि विष्णु और महादेव दोनों एक साथ विराजमान है और यह अनंत जो है यह भगवान नारायण की पूजा है. विष्णु भगवान की पूजा है तो इसलिए यहां चुकी विष्णु भगवान की पूजा है उनका स्थान है इसलिए भगवान नारायण की पूजा भी हो जाती है और कथा भी. अनंत चतुर्दशी व्रत को धूमधाम से मनाया जाता है. शिव विष्णु को भजते हैं. विष्णु शिव को भजते हैं. दोनों दूसरे के आराध्य देवता हैं और भगवान नारायण का यह अनंत चतुर्दशी है." - बमबम बाबा, पुजारी, बाबा हरिहर नाथ मंदिर

मंदिर में एक साथ विराजमान हैं शिव और विष्णु : मंदिर के पुजारी बमबम बाबा बताते हैं कि भगवान हरिहर के दरबार में यहां पूजा करना और कथा सुनना बहुत ही महत्वपूर्ण है. सुबह 5:00 बजे भोर से ही यहां अलग-अलग अनंत कथा शुरू हो जाती है और दोपहर 12 बजे तक 500 से ज्यादा श्रद्धालु कथा सुनकर अपने-अपने घर भी जा चुके हैं. बेगूसराय, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पटना, छपरा बहुत दूर-दूर से लोग कथा सुनाने आए थे.

Last Updated : Sep 28, 2023, 5:50 PM IST

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