वैशाली: एक तरफ बिहार में कोरोना (corona in bihar) से निपटने में पूरा स्वास्थ्य महकमा लगा है. वहीं, दूसरी तरफ वैशाली में 102 एंबुलेंस कर्मियों की चेतावनी ने प्रशासन की परेशानी बढ़ा दी है. हाजीपुर सदर अस्पताल (protest in Hajipur Sadar Hospital ) के अति आवश्यक सेवा 102 के एंबुलेंस कर्मियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन (102 ambulance personnel protest in Vaishali) किया. साथ ही 6 सूत्री मांग वैशाली सिविल सर्जन को 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के द्वारा सौंपा गया है. उन्होंने इसके लिए सात दिनों का अल्टीमेटम भी दिया है.
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मांग पत्र में विभिन्न मांगों के अलावा लिखा गया है कि, 7 दिनों तक अगर उनकी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो, काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया जाएगाे. इसके बाद सभी 102 एंबुलेंस कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के द्वारा किए गए प्रदर्शन से अस्पताल प्रशासन सकते में है.
सदर अस्पताल कैंपस में ही 102 एंबुलेंस को खड़ा कर उसके तमाम चालक और कर्मियों ने बैनर के साथ प्रदर्शन किया. वैशाली जिले में कुल 50 के करीब 102 एम्बुलेंस हैं, जिसमें 10 से 12 एम्बुलेंस सदर अस्पताल से सेवा देते हैं. सदर अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे जिलाध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि, वैशाली जिले में बहुत सारी ऐसी गाड़िया हैं. जिनमें न इंश्योरेंस है, ना फिटनेस है.
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राकेश कुमार का कहना है कि, गाड़ियों की समस्याओं की सूचना हम लोग अधिकारी को बराबर देते रहते हैं, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. राकेश कुमार ने आगे कहा कि, अस्पताल प्रशासन से जब इस विषय में बात की गई तो उनका कहना है कि, आप लोग एनजीओ के माध्यम से हैं इसलिए उनको सूचित करें. गाड़ी में बहुत सारा प्रॉब्लम है. तेल के बिना कई एम्बुलेंस सदर अस्पताल में खड़ी है.
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कर्मियों ने साफ साफ चेतावनी भरे लहजे में कहा कि, अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो हम लोग बाद में अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे. वहीं इस विषय पर वैशाली सिविल सर्जन अखिलेश कुमार मोहन ने कहा कि, 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ द्वारा एक ज्ञापन सौंपा गया है. जिसको लेकर वह मुख्यालय में बात करेंगे. साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था करने का भी प्रयास करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि, अभी कोविड-19 संक्रमण फैल रहा है. आपातकाल स्थिति है ऐसे में 102 एंबुलेंस कर्मियों को हड़ताल नहीं करना चाहिए.
सूत्रों की मानें तो निविदा के आधार पर एनजीओ द्वारा रखे गए कुछ एंबुलेंस कर्मियों को हटाया गया था. तब से एंबुलेंस यूनियन किसी महत्वपूर्ण मौके की तलाश में थी. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच एंबुलेंस की उपयोगिता बढ़ जाती है. इसी का फायदा एंबुलेंस यूनियन उठाना चाहती है. अब देखने वाली बात होगी कि इनके ज्ञापन पर क्या कदम उठाए जाते हैं.
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