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कोरोना ने दउरा और सूप बनाने वालों का धंधा किया चौपट, पेट भरने पर आफत

बांस से सामान बनाकर बेचने वालों ने बताया कि लग्न में उनकी खासी कमाई होती है, लेकिन इस बार कोरोना ने उनकी कमाई पर ग्रहण लगा दिया है. पिछले साल भी लॉकडाउन के कारण धंधा प्रभावित रहा था. ऐसे में पेट भरना और घर चलाना उनके लिए चुनौती हो गई है.

पटना
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Published : May 2, 2021, 5:19 PM IST

पटनाः कोरोना महामारी ने कभी लोगों को किसी ना किसी रूप में प्रभावित किया है. बांस का सामान बनाकर बेचने वालों के कमाई पर भी असर हुआ है. कोरोना से बचाव के लिए लोग घरों ने निकल नहीं रहे हैं. जिससे इनके सामानों की बिक्री नहीं हो रही है.

ये भी पढ़ेंः 24 घंटे में 3 लाख से ज्यादा मरीज हुए ठीक, 3.92 लाख संक्रमित

बांस से डलिया, ढाका, सूप, दउरा और हाथ पंखा सहित अन्य सामान बनाकर गुजर-बसर कर रहे लोगों के कारोबार पर कोरोना का सीधा असर दिख रहा है. लग्न के सीजन में बांस के दउरा, टोकरी, सूप और डाला की काफी मांग होती है. लेकिन इसबार कोरोना ने इनके धंधे पर ग्रहण लगा दिया है. जिससे इनके सामने पेट भरने और घर लाने की चुनौती खड़ी हो गई है.

'घर चलाना हुआ मुश्किल'
पटना के सगुना मोर स्थित दुर्गा मंदिर के पास लगभग दर्जनों परिवार बांस के बर्तन बनाकर अपनी आजीविका चलाते हैं. इस धंधा से जुड़े लोगों ने बताया कि अप्रैल से लग्न की शुरुआत होती है. इसे ध्यान में रखकर काफी सामानों का निर्माण कर लिया गया है. लेकिन कोरोना के कारण इसकी बिक्री नहीं हो रही है. पिछले साल भी लग्न के समय लॉकडाउन लग गया था. ऐसे में हमारे लिए पेट भरना और घर चलान मुश्किल हो गया है.

पटनाः कोरोना महामारी ने कभी लोगों को किसी ना किसी रूप में प्रभावित किया है. बांस का सामान बनाकर बेचने वालों के कमाई पर भी असर हुआ है. कोरोना से बचाव के लिए लोग घरों ने निकल नहीं रहे हैं. जिससे इनके सामानों की बिक्री नहीं हो रही है.

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'घर चलाना हुआ मुश्किल'
पटना के सगुना मोर स्थित दुर्गा मंदिर के पास लगभग दर्जनों परिवार बांस के बर्तन बनाकर अपनी आजीविका चलाते हैं. इस धंधा से जुड़े लोगों ने बताया कि अप्रैल से लग्न की शुरुआत होती है. इसे ध्यान में रखकर काफी सामानों का निर्माण कर लिया गया है. लेकिन कोरोना के कारण इसकी बिक्री नहीं हो रही है. पिछले साल भी लग्न के समय लॉकडाउन लग गया था. ऐसे में हमारे लिए पेट भरना और घर चलान मुश्किल हो गया है.

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