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भारी पडे़गी यह लापरवाही! माल ढोने वाले वाहनों पर ठूंसकर भरी जा रही सवारी - कैमूर की खबर

कैमूर में वाहन चालक लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा रहे हैं. माल ढोने वाले वाहनों की छतों पर सवारी लादी जा रही है. यहां सोशल डिस्टेंसिंग भी संभव नहीं है. कहीं ऐसा न हो कि ये लापरवाही भारी पड़ जाए.

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Published : May 24, 2021, 4:13 PM IST

कैमूर: कोरोना से बचाव को लेकर सरकार ने एक जून तक लॉकडाउन बढ़ा दी है. लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा गाइडलाइंस भी जारी की गई है. जिसका अनुपालन सभी को करना है, परंतु जिले में यात्री वाहन चालकों द्वारा प्रतीदिन लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

ये भी पढ़ेंः कोरोना अपडेटः 24 घंटे में 2.22 लाख नए मामले, 4,454 मौतें, जानें राज्यों के हाल

कोरोना वायरस से बचाव के लिए यात्री वाहनों में निर्धारित संख्या का 50 फीसदी ही यात्री बैठाने की अनुमति दी गई है. लेकिन अधिक मुनाफा के चक्कर में गाड़ियों की छतों पर भी सवारी बैठाए जा रहे हैं. यहां तक की माल ढोने वाले वाहनों की छतों पर भी सवारी बैठ जा रही है. ऐसे में सोशल डिस्टोंसिंग का पालन नहीं हो पाता है.

बस और पिकअप चालक नियमों को ताक पर रख कर वाहन चला रहे हैं. सवारी भी बेपरवाह बने हुए हैं. जल्दी घर पहुंचने के चक्कर में जान हथेली पर रख कर यात्रा कर रहे हैं. प्रशासन का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

कैमूर: कोरोना से बचाव को लेकर सरकार ने एक जून तक लॉकडाउन बढ़ा दी है. लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा गाइडलाइंस भी जारी की गई है. जिसका अनुपालन सभी को करना है, परंतु जिले में यात्री वाहन चालकों द्वारा प्रतीदिन लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

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कोरोना वायरस से बचाव के लिए यात्री वाहनों में निर्धारित संख्या का 50 फीसदी ही यात्री बैठाने की अनुमति दी गई है. लेकिन अधिक मुनाफा के चक्कर में गाड़ियों की छतों पर भी सवारी बैठाए जा रहे हैं. यहां तक की माल ढोने वाले वाहनों की छतों पर भी सवारी बैठ जा रही है. ऐसे में सोशल डिस्टोंसिंग का पालन नहीं हो पाता है.

बस और पिकअप चालक नियमों को ताक पर रख कर वाहन चला रहे हैं. सवारी भी बेपरवाह बने हुए हैं. जल्दी घर पहुंचने के चक्कर में जान हथेली पर रख कर यात्रा कर रहे हैं. प्रशासन का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

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