पटना: राजधानी सहित पूरे प्रदेश में करोना का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में जेलों में बंद कैदियों में भी खौफ देखने को मिल रहा है. अस्पताल की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. ऑक्सीजन और अन्य सुविधाओं के अभाव में मरीजों को जान तक गंवानी पड़ रही है.
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पटना के बेउर जेल से मिल रही जानकारी के अनुसार कोरोना का खौफ अपराधियों के सिर चढ़कर बोलने लगा है. जेल में बंद कैदी जांच या इलाज के लिए जेल के बाहर किसी अस्पताल में नहीं जाना चाह रहे हैं. इसके लिए कैदियों ने जेल अधीक्षक को लिखित आवेदन भी दिया है.
दरअसल, बेऊर जेल में बंद एक कैदी कोरोना जांच के लिए इसी महीने पीएमसीएच गया था. जहां जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. उसके बाद कैदियों ने राहत की सांस ली थी. लेकिन पीएमसीएच के लौटने के बाद कुछ दिनों के अंदर ही वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. कैदियों का मानना है कि अस्पताल जाने के बाद ही वह कोरोना की चपेट में आ गया. लिहाजा अब कोई भी कैदी अस्पताल नहीं जाना चाह रहा है.
जेल प्रशासन के मुताबिक बिहार के विभिन्न जेलों में अब तक के सात कैदी और सात कक्षपाल कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. हालांकि उनकी स्थिति अभी ठीक है. जेल प्रशासन द्वारा सभी जिलों में पर्याप्त मात्रा में दवाई और ऑक्सीजन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है.
बेऊर जेल प्रशासन के मुताबिक पटना के दानापुर जेल में रह रहे 115 कैदियों को बेउर जेल में शिफ्ट किया गया है और दानापुर जेल को कैदियों के लिए आइसोलेशन सेंटर बना दिया गया है. अब अगर जेलों में कोई बंदी पॉजिटिव पाया गया तो उसे दानापुर जेल में आइसोलेट कर दिया जाएगा.