सुपौल: बिहार के सुपौल (Supaul) में किशनपुर थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर थाना क्षेत्र के मुरली गांव के पास से एक कंटेनर विदेशी शराब बरामद किया है.
बताया जा रहा है कि शराब माफिया गांव में एक कंटेनर शराब मैजिक वाहन पर लोड कर रहे थे. इसी बीच सूचना सत्यापन के लिए पहुंची पुलिस ने मौके से तीन शराब माफियाओं को गिरफ्तार करने के साथ ही कंनेटर को जब्त कर लिया है.
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भारी मात्रा में शराब बरामद
सदर डीएसपी इंद्र प्रकाश ने बताया कि कंटेनर में 180 एमएल का 190 कार्टन, 375 एमएल का 145 कार्टन और 750 एमएल का 42 कार्टन विदेशी शराब बरामद किया गया है. उन्होंने बताया कि कुल 377 कार्टन से 13 हजार 104 बोतल शराब बरामद किया गया है. जिसकी कुल मात्रा 3 हजार 324 लीटर है.
"पकड़े गए कंटेनर का गाड़ी नंबर एन एल 01 एबी 2578 और टाटा मैजिक गाड़ी नंबर बीआर 50 जी 8473 है. गिरफ्तार किये गये शराब तस्कर के पास से पांच मोबाइल भी बरामद किया है"- सुमन कुमार, थाना अध्यक्ष
बिहार में पूर्ण शराब बंदी लागू
गिरफ्तार तस्करों में मुरली गांव निवासी राज कुमार झा, मुरली दुबियाही गांव निवासी शिव कुमार यादव और छपरा जिला निवासी रोहित सिंह शामिल हैं. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
बता दें कि बिहार में पूर्ण शराब बंदी लागू है. शराबबंदी को लागू करने के लिए सरकार ने कड़े कानून बनाए हैं. इसके बावजूद अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है.
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महाराष्ट्र से ज्यादा लोग पी रहे शराब
एक अप्रैल 2016 को बिहार देश का पांचवा राज्य बना, जहां शराब का सेवन और जमा करने पर प्रतिबंध है. लगभग 5 साल बीत जाने के बाद चौंका देने वाला आंकड़ा सामने आया है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के 2020 के रिपोर्ट के अनुसार ड्राई स्टेट होने के बावजूद बिहार में महाराष्ट्र से ज्यादा लोग शराब पी रहे हैं.
दो लाख 55 हजार मामले दर्ज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से लेकर पुलिस विभाग विभाग के मुखिया यानि डीजीपी तक कहते रहे हैं कि शराब पीने और बेचने वालों पर कार्रवाई की जा रही है. लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर दो लाख 55 हजार मामले दर्ज किए गए और अब तक तीन लाख 39401 अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी हुई है. लेकिन 5 साल में मात्र 470 अभियुक्तों को ही सजा दिलाई जा सकी है. जो अपने आप में बड़ा सवाल है.
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घर सील करने का निर्देश
बता दें कि अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अब तक बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां, मुकदमे और शराब जब्ती की कार्रवाई हुई. इस कानून के तहत शुरुआत में घर में शराब पाये जाने पर सभी वयस्कों की गिरफ्तारी और घर को सील करने और वाहन में शराब मिलने पर वाहन जब्ती और गिरफ्तारी के कड़े प्रावधान थे.
सख्त प्रावधानों की आलोचना और कानून के दुरुपयोग के बाद 2018 में इसमें कुछ बदलाव किये गये थे:
- पहली बार पीते हुए पकड़े गए तो तीन महीने की सजा या 50 हजार का जुर्माना.
- दूसरी बार पकड़े गए तो एक से पांच साल तक की सजा और एक लाख तक जुर्माना.
- घर में शराब पकड़े जाने पर अब सभी बालिग के बजाए जिम्मेवार ही पकड़े जाएंगे.
- परिसर जब्ती और सामूहिक जुर्माना हटा, वाहन जब्ती के नए नियम.