सुपौल: शिक्षक संघ ने जिला समाहरणालय के सामने एकदिवसीय धरना दिया. आयोजित सभा में शिक्षकों ने संघ की लंबित मांगों की विस्तृत चर्चा की. धरना के बाद शिक्षक प्रतिनिधियों ने जिला पदाधिकारी को लंबित मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा.
सरकार तक पहुंचाएंगे शिक्षकों की वेदना
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि बिहार सरकार की ओर से शिक्षक और शिक्षा के प्रति उदासीनता बरते जाने के कारण गरीब, दलित और शोषित वर्ग के बच्चे शिक्षा की मुख्य धारा में नहीं जुड़ पा रहे हैं. उन्होनें कहा कि नियमित शिक्षकों की तरह वेतनमान, राज्यकर्मी का दर्जा, समान सेवा शर्त सहित अन्य मांगों को लेकर बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले 18 जुलाई से चरणबद्ध राज्यव्यापी आंदोलन जारी है. 3 अगस्त को सभी प्रखंड मुख्यालय पर धरना से मुख्यमंत्री को मांग पत्र समर्पित किया. 17 अगस्त को सभी जिला मुख्यालय पर और 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के अवसर पर गांधी मैदान पटना में जमा होकर सत्याग्रह आन्दोलन से शिक्षकों की वेदना को सरकार और समाज तक पहुंचाया जाएगा.
गैर शैक्षणिक कार्य लेना बंद करने की मांग
शिक्षक प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को संघ के तीन सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा, जिसमें समान कार्य के समान वेतन के समकक्ष सातवें वेतन लागू करने, माध्यमिक शिक्षक के लिए लेवल सात को मूल प्रवेश वेतन 44,900 और लेवल आठ उच्च माध्यमिक शिक्षक के लिए 47,000 लागू करने की मांग की. उन्होंने शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य लेना बंद करने की भी मांग की.