सुपौल: अगले माह यानी अगले साल 2022 के शुरुआत में ही आसनपुर कुपहा-निर्मली नई रेललाइन (Nirmali Asanpur Kupaha Rail Section) कोसी प्रमंडलीय मुख्यालय सहरसा और सुपौल से जुड़ जाएगा. इसी कड़ी में रेल परिचालन जल्द किये जाने को लेकर सीआरएस एएम चौधरी ने नई रेलवे लाइन का शुक्रवार को निरीक्षण किया.
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ईस्टर्न सर्किल कोलकाता रेलवे सुरक्षा के कमिश्नर एएम चौधरी ने सीएओ पीके गोयल एवं अन्य अधिकारियों के साथ 12 मोटर ट्रॉली से आसनपुर कुपहा से निर्मली स्टेशन तक फाइनल निरीक्षण करते हुए (CRS AM Chaudhary Inspected Railway Line) रेलवे पटरी, स्टेशन पर बने सिग्नल व स्टोर रूम सहित स्टेशन मास्टर के कक्ष प्रतीक्षालय आदि का भी निरीक्षण किया. मौके पर डीआरएम आलोक अग्रवाल, डीओएम रूपेश कुमार, स्टेशन अधीक्षक मनोज कुमार सहित रेलवे विभाग के कई अभियंता अधिकारी एवं कर्मी मौजूद रहे.
बता दें कि नये साल में मिथिलावासियों का सपना पूरा होने जा रहा है. मिथिला के कोसी और कमलांचल क्षेत्र एक बार फिर एक हो जाएंगे. अलगाव का जो दर्द कोसी कमला क्षेत्र के लोग झेल रहे हैं, वह अब मिट जायेगा. सुपौल, सहरसा की बेटी अपने पिता से मिलने मधुबनी, दरभंगा ट्रेन से जा पायेगी. लोगों के रोजगार की समस्या दूर होगी. लोग खुश हैं कि ट्रेन की सीटी हमारे गांव में फिर सुनाई देगी.
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बता दें कि वर्ष 1934 में आई बड़ी भूकंप के कारण छोटी लाइन की पटरी ध्वस्त हो गई थी. निर्मली-सरायगढ़ के बीच ट्रेन सेवा बंद हो गई थी. उसी समय से मिथिलांचल दो भागों में बंट गया था. 06 जून 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने निर्मली महाविद्यालय से कोसी नदी पर महासेतु का शिलान्यास किया था. कोसी नदी पर रेल महासेतु बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 18 सितंबर 2020 को आसनपुर कुपहा स्टेशन का विधिवत उद्घाटन करते हुए रेल सेवा बहाल की गई. उसी दिन से सरायगढ़ से कोसी महासेतु होते हुए पैसेंजर ट्रेन कुपहा रेलवे स्टेशन आ रही है.
जानकारी अनुसार वर्ष 1934 को आए भूकंप के बाद से बंद निर्मली-सरायगढ़ रेलखंड पर अब फिर से ट्रेन दौड़ेगी. इस रेल कनेक्टिविटी से कोसी और मिथिलांचल एक हो जाएंगे. इससे दरभंगा प्रमंडल के 01.27 और कोसी के 01.21 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे. साथ ही अब निर्मली और सुपौल के बीच की 272 किलोमीटर की दूरी मात्र 44 किलोमीटर में सिमट जाएगी. सहरसा के लोगों को दरभंगा आने-जाने के लिए भाया खगड़िया-समस्तीपुर होते हुए 177 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी. लेकिन ट्रेन सेवा शुरू होने पर यह घटकर 125 किलोमीटर रह जाएगी.
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