सुपौलः बिहार के सुपौल जिले में पकड़े गए एक शराबी ने शराबबंदी के दावे की पोल खोल दी है. सदर अस्पताल में पुलिस (Police Arrested Drunken In Supaul) द्वारा जांच के लिए लाने के बाद शख्स ने कहा कि वो रोज शराब पीता है. इतना ही नहीं वो पुलिस के सामने भी शराब पीता है. उसने बताया कि सदर थाना के बकौर गांव के पासी खाने में तारी बेचने के बजाय देशी चुलाई शराब (Illegal Liquor business In Supaul) बेची जाती है. जहां वो रोज जाकर शराब पीता है. आज भी उसने 20 रुपये की शराब पी थी. लेकिन साजिश के तहत आज उसे फंसा दिया गया.
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नशे की हालत में पकड़ा गया शराबीः सुपौल में ताड़ी की आड़ में अवैध शराब बेचने का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है. इस बात जानकारी पकड़े गए एक शराबी दिलीप यादव ने दी. जिसे सदर पुलिस ने बकौर गांव से नशे की हालत में पकड़ा है. शराबी के इस खुलासे ने शरबबंदी की पोल खोल कर रख दी तो वहीं एक शराबी को पकड़कर पुलिस भी अपनी एक उपलब्धि मान रही है. ताकि वरीय अधिकारियों के पास शरबबंदी के दौरान उपलब्धि के आंकड़े प्रस्तुत करने पर संख्या बढ़ सके.
"बकौर गांव के पासी खाने में देशी चुलाई शराब बेची जाती है. वहीं जाकर रोज शराब पीते हैं. शराब बंद है लेकिन वहां मिलता है. हम पुलिस के सामने पीते थे. आज भी 20 रुपये की शराब पी थी. लेकिन राजनीति के तहत आज हमको फंसा दिया गया है"- दिलीप यादव, पकड़ा गया शराबी
बिहार में साल 2016 से पूर्ण शराबबंदी : गौरतलब है कि बिहार में 2016 से ही शराबबंदी है. राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लागू हुए 6 साल बीत चुके हैं. इन 6 सालों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन बिहार के शराबबंदी कानून तोड़ने की खबर ना आई हो. पुलिस की सख्ती के बावजूद शराबबंदी वाले बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है. इस साल अप्रैल में पहली बार शराब पीने के अपराध में 3075 अभियुक्तों को पकड़ा गया. जिनसे करीब 52 लाख 26 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया. वहीं, मई में 5887 लोगो की गिरफ्तारी की गई है. और 1.39 करोड़ की वसूली की गई है. वहीं, जून में 8651 गिरफ्तसरी, 2.06 करोड़ वसूली, जुलाई में 11,557 गिरफ्तारी, 2.90 करोड़ वसूली, अगस्त में 18,757 गिरफ्तारी, 5.63 करोड़ वसूली, सितंबर 20,690 गिरफ्तारी, 5.03 करोड़ वसूली की गई है. इसके अलावा संशोधन कानून से पहले दर्ज मामलों में 3559 अभियुक्तों को भी धारा 37 के तहत दो से पांच हजार रुपये जुर्माना लेकर छोड़ा गया है.