सुपौल: कोसी नदी के जलस्तर में पिछले 15 दिनों से लगातार उतार-चढ़ाव के कारण तटबंध के अंदर बसे गांवों में कटाव तेज हो गया है. सदर प्रखंड के बलवा पंचायत स्थित वार्ड नंबर 11 नरहैया गांव में कटाव के कारण लगभग 48 परिवार के दर्जनों घर कोसी नदी में विलीन हो गए हैं. तटबंध के अंदर बसे गांवों के लोगों की मानसून आते ही रूंह कांपने लगती है. उजड़ना व बसना तो इनकी नियति बन चुकी है.
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सुरक्षित जगहों पर जा रहे लोगः बीते सोमवार को कटाव पीड़ित नरहैया वार्ड नंबर 11 के लोग कोसी के कटाव की तीव्रता को देख अपने-अपने घरों से सामान निकालने में व्यस्त दिखे. कटाव पीड़ित ने कहा कि कुलदेवी देवता को छोड़ गांव से जा रहे हैं. कटाव में घर कट गया अब तो सिर्फ कोसी बांध ही सहारा बचा है. सब कुछ कोसी में विलीन हो गया. घर तो घर खेत भी कोसी नदी में कट गया अब तो खड़ा रहने के लिए भी जमीन नहीं बचा.
"बाबू अब कहां रहेंगे. कोसी मैया सब कुछ छीन ली. कुलदेवी देवता को छोड़ गांव से जा रहे हैं. कटाव में घर कट गया अब तो सिर्फ कोसी बांध ही सहारा बचा है. घर तो घर खेत भी कोसी नदी में कट गया अब भगवान का ही सहारा है"- सीताराम, कटाव पीड़ित
इन परिवारों को कोसी में बहे घर: जानकारी अनुसार पीड़ित परिवार में मोहन कामत, रामनंदन कामत, रमेश कामत, शिवनाथ कामत, अनंत कामत, प्रकाश कामत, जयराम कामत, सुनीता देवी, गणेश कामत, रंजीत कामत, धर्मपाल कामत, विरेंद्र कामत, मसोमात अरहुलिया देवी, रघुनाथ कामत, अशोक कामत, लक्ष्मण कामत, राजेंद्र कामत, रूपेश कामत, जीतन कामत, शिशुपाल कामत, मुकेश कामत, हरेराम कामत, भरत कामत, रतन देवी, मसोमात, सुदान, शामिल हैं.
सरकारी सहायता की दरकारः इनके अलावा कटाव पीड़ित में विंदेश्वरी यादव, उदानंद यादव, भवेश यादव, मसोमात विमला, नीरज यादव, दीप नारायण यादव, मोहन यादव, रंजीत यादव, शिवराम कामत, मसोमात फूलो, जयप्रकाश यादव, संजीत यादव, दिनेश कामत, सीयाराम कामत, सुभाष कामत, किशोर यादव, मसोमात रामू, जयनाथ कामत, राजाराम कामत, शंभू यादव, चतुरानंद कामत, अनिल कामत और संजू कामत शामिल है. जिनमें किसी का तीन तो किसी पांच और उससे अधिक घर भी नदी में विलीन हो गया है. जिन्हें सरकार की सहायता की दरकार है.