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सुपौल: किशोर न्याय परिषद के प्रधान मजिस्ट्रेट ने किया मंडल कारा का औचक निरीक्षण

किशोर न्याय परिषद के प्रधान मजिस्ट्रेट ने मंडल कारा का औचक निरीक्षण किया. मंडलकारा में निरीक्षण के दौरान 7 किशोर बंदी पाये गये.

प्रधान मजिस्ट्रेट
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Published : Mar 9, 2021, 1:14 PM IST

सुपौल: किशोर न्याय परिषद के प्रधान मजिस्ट्रेट विवेक कुमार मिश्रा ने मंडल कारा सुपौल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान मंडलकारा में बंद बंदियों में 07 किशोर बंदी पाये गये. प्रधान मजिस्ट्रेट व सदस्य जेल अस्पताल भी गये.

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7 किशोर बंदी मिले
किशोर न्याय परिषद के प्रधान मजिस्ट्रेट विवेक कुमार मिश्रा ने मंडल कारा के हॉस्पिटल वार्ड पहुंच कर बीमार व इलाजरत बंदियों का हाल चाल जाना. वे बंदियों के लिये चल रहे रसोई का निरीक्षण कर बंदी वार्ड पहुंचे. बंदियों से मिलने के दौरान उन्होंने 7 किशोर बंदियों को तत्काल चिह्नित किया. इसके साथ ही जेल अधीक्षक को आवश्यक निर्देश दिया कि संबंधित जेल में बंद किशोरों का संबंधित दस्तावेज किशोर न्याय परिषद को उपलब्ध कराया जाए.

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हितों का रखा जाए ध्यान
किशोर न्याय परिषद के प्रधान मजिस्ट्रेट विवेक कुमार मिश्रा ने किशोर न्याय अधिनियम की धारा का जिक्र करते हुए कहा कि अगर किन्हीं कारणों से किशोर कारागार में रखा गया है, तो यह परिषद की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे बालकों को पर्यवेक्षण गृह में अन्तरित करने के लिये उपाय किया जाए. उन्होंने कहा कि बालक जहां भी रहें, जिस स्थिति परिस्थिति में रहें, वहां बालक के सर्वोतम हितों का ध्यान होना चाहिए. औचक निरीक्षण में उनके साथ किशोर न्याय परिषद के सदस्य भगवान पाठक, मंडल कारा के अधीक्षक ओम प्रकाश, शांति भूषण, उपाधीक्षक रामानुज कुमार, सहायक अधीक्षक भजन दास, कक्ष पाल चुन्नू कुमार पासवान मौजूद रहे.

सुपौल: किशोर न्याय परिषद के प्रधान मजिस्ट्रेट विवेक कुमार मिश्रा ने मंडल कारा सुपौल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान मंडलकारा में बंद बंदियों में 07 किशोर बंदी पाये गये. प्रधान मजिस्ट्रेट व सदस्य जेल अस्पताल भी गये.

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7 किशोर बंदी मिले
किशोर न्याय परिषद के प्रधान मजिस्ट्रेट विवेक कुमार मिश्रा ने मंडल कारा के हॉस्पिटल वार्ड पहुंच कर बीमार व इलाजरत बंदियों का हाल चाल जाना. वे बंदियों के लिये चल रहे रसोई का निरीक्षण कर बंदी वार्ड पहुंचे. बंदियों से मिलने के दौरान उन्होंने 7 किशोर बंदियों को तत्काल चिह्नित किया. इसके साथ ही जेल अधीक्षक को आवश्यक निर्देश दिया कि संबंधित जेल में बंद किशोरों का संबंधित दस्तावेज किशोर न्याय परिषद को उपलब्ध कराया जाए.

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हितों का रखा जाए ध्यान
किशोर न्याय परिषद के प्रधान मजिस्ट्रेट विवेक कुमार मिश्रा ने किशोर न्याय अधिनियम की धारा का जिक्र करते हुए कहा कि अगर किन्हीं कारणों से किशोर कारागार में रखा गया है, तो यह परिषद की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे बालकों को पर्यवेक्षण गृह में अन्तरित करने के लिये उपाय किया जाए. उन्होंने कहा कि बालक जहां भी रहें, जिस स्थिति परिस्थिति में रहें, वहां बालक के सर्वोतम हितों का ध्यान होना चाहिए. औचक निरीक्षण में उनके साथ किशोर न्याय परिषद के सदस्य भगवान पाठक, मंडल कारा के अधीक्षक ओम प्रकाश, शांति भूषण, उपाधीक्षक रामानुज कुमार, सहायक अधीक्षक भजन दास, कक्ष पाल चुन्नू कुमार पासवान मौजूद रहे.

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