सुपौल: बिहार के सुपौल जिले में इंडो- नेपाल की सीमा (Indo-Nepal Border) पर स्थित हैय्या धार किनारे दोनों देश के हजारों लोगों ने लोक आस्था का महापर्व छठ मईया की (Chhath Puja 2021) पूजा अर्चना की. इस दौरान व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद आज उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रत को समापन किया.
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दरअसल, कोरोना काल से ही भारत-नेपाल की सील सीमा जब दशहरा के समय खोली गई तो भारतीय प्रक्षेत्र के लोगों में दो साल बाद कोसी नदी के कोसी बराज पर छठ मनाने की आशा जगी थी. अधिक पानी होने और छठ घाट को लेकर नेपाल व स्थानीय प्रशासन की पहल नहीं होने से फिर एक बार भारतीय प्रक्षेत्र के लोगों को छठ मनाने को लेकर निराशा हाथ लगी.
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लोग कोसी बराज नहीं जाकर नगर पंचायत प्रशासन द्वारा व्यवस्थित किये गए वीरपुर हैय्या घाट पर ही छठ मनाया. हजारों की संख्या में नेपाल और भारत के श्रद्धालुओं की भीड़ जहां लगी रही.
वीरपुर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी किशोर कुणाल ने बताया कि सीमावर्ती इलाके में 14 स्थानों पर नगर पंचायत द्वारा छठ घाट का निर्माण किया गया था. जहां लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से पर्व को मनाया. कहीं से कोई अप्रिय घटना नहीं घटित हुई. इसके लिये कर्मी सहित व्रती धन्यवाद के पात्र हैं.
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बताते चलें कि लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja 2021) उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया. मुख्यमंत्री आवास एक अन्ने मार्ग में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने सुबह का अर्घ्य दिया. मुख्यमंत्री की भाभी और कई परिजनों ने मुख्यमंत्री आवास में इस बार छठ पूजा की. इससे पहले सीएम ने बुधवार की शाम भी सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया. जहां कई नेता और मंत्री भी मौजूद थे.
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