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सुपौल: सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पूर्व विधायक सहित 4 को आजीवन कारावास - सामूहिक दुष्कर्म

सुपौल में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय रवि रंजन मिश्र ने सामूहिक दुष्कर्म मामले में पूर्व विधायक सहित चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई.

molestation case
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Published : Jan 31, 2020, 9:08 PM IST

Updated : Feb 1, 2020, 8:49 AM IST

सुपौल: जिले के बहुचर्चित सामूहिक दुष्कर्म मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय रवि रंजन मिश्र ने मामले में पूर्व विधायक सहित चार आरोपी को दोषी करार देते आजीवन कारावास के साथ-साथ अर्थदंड की सजा सुनाई है. अदालत ने भादवि की धारा 376 के तहत पूर्व विधायक योगेंद्र सरदार, भूपेंद्र यादव, शंभू सिंह एवं उमा सरदार को आजीवन कारावास और दो-दो लाख रूपये का अर्थदंड लगाया है.

वहीं, अर्थदंड की राशि नहीं देने कि स्थिति में दोषी को दो-दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. कोर्ट ने धारा 366 के तहत 10-10 साल की सजा और एक-एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

अर्थदंड की राशि नहीं जमा करने पर अतिरिक्त सजा
जुर्माने की राशि नहीं देने पर एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. कोर्ट ने कहा कि धारा 324 के तहत 3-3 साल की सजा और 25-25 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया गया है. अर्थदंड की राशि नहीं जमा करने पर 6-6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं, धारा 458 के तहत 10-10 साल की सजा और एक-एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर 2-2 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. चारों सजा एक साथ चलेगी. शुक्रवार को बहस में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक अबु जफर और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता नागेंद्र नारायण ठाकुर ने हिस्सा लिया.

16 नवबंर 1994 को हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना
जानकारी के अनुसार जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में 16 नवंबर 1994 की रात एक युवती को उसके घर से जबरन उठाकर जीप में लादकर त्रिवेणीगंज बाजार स्थित एक कमरे में ले जाकर चारों दोषी सहित दो-तीन अज्ञात अभियुक्तों ने युवती के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद युवती किसी तरह से जान बचाकर भागी थी. उसने अपने परिजनों को आप बीती सुनाई. इसके बाद त्रिवेणीगंज थाना पुलिस ने युवती के फर्द बयान पर कांड संख्या 127/94 दर्ज कर अनुसंधान जारी किया था. अनुसंधान के क्रम में रामफल यादव और हरिलाल शर्मा उर्फ हरिनारायण शर्मा को भी नामजद किया गया था. इस बीच एक आरोपी रामफल यादव की मौत हो गई. वहीं, हरिलाल शर्मा उर्फ हरि नारायण शर्मा फरार चल रहा है. मामले में अभियोजन की ओर से 11 और बचाव पक्ष से 7 गवाह न्यायालय में प्रस्तुत किये गये.

सुपौल: जिले के बहुचर्चित सामूहिक दुष्कर्म मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय रवि रंजन मिश्र ने मामले में पूर्व विधायक सहित चार आरोपी को दोषी करार देते आजीवन कारावास के साथ-साथ अर्थदंड की सजा सुनाई है. अदालत ने भादवि की धारा 376 के तहत पूर्व विधायक योगेंद्र सरदार, भूपेंद्र यादव, शंभू सिंह एवं उमा सरदार को आजीवन कारावास और दो-दो लाख रूपये का अर्थदंड लगाया है.

वहीं, अर्थदंड की राशि नहीं देने कि स्थिति में दोषी को दो-दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. कोर्ट ने धारा 366 के तहत 10-10 साल की सजा और एक-एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

अर्थदंड की राशि नहीं जमा करने पर अतिरिक्त सजा
जुर्माने की राशि नहीं देने पर एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. कोर्ट ने कहा कि धारा 324 के तहत 3-3 साल की सजा और 25-25 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया गया है. अर्थदंड की राशि नहीं जमा करने पर 6-6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं, धारा 458 के तहत 10-10 साल की सजा और एक-एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर 2-2 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. चारों सजा एक साथ चलेगी. शुक्रवार को बहस में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक अबु जफर और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता नागेंद्र नारायण ठाकुर ने हिस्सा लिया.

16 नवबंर 1994 को हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना
जानकारी के अनुसार जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में 16 नवंबर 1994 की रात एक युवती को उसके घर से जबरन उठाकर जीप में लादकर त्रिवेणीगंज बाजार स्थित एक कमरे में ले जाकर चारों दोषी सहित दो-तीन अज्ञात अभियुक्तों ने युवती के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद युवती किसी तरह से जान बचाकर भागी थी. उसने अपने परिजनों को आप बीती सुनाई. इसके बाद त्रिवेणीगंज थाना पुलिस ने युवती के फर्द बयान पर कांड संख्या 127/94 दर्ज कर अनुसंधान जारी किया था. अनुसंधान के क्रम में रामफल यादव और हरिलाल शर्मा उर्फ हरिनारायण शर्मा को भी नामजद किया गया था. इस बीच एक आरोपी रामफल यादव की मौत हो गई. वहीं, हरिलाल शर्मा उर्फ हरि नारायण शर्मा फरार चल रहा है. मामले में अभियोजन की ओर से 11 और बचाव पक्ष से 7 गवाह न्यायालय में प्रस्तुत किये गये.

Intro:एडीजे तृतीय अदालत ने सामूहिक रेप मामले में पूर्व विधायक सहित चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए सुनायी आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा

सुपौल: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय रवि रंजन मिश्र की अदालत ने बहुचर्चित सामूहिक दुष्कर्म मामले में पूर्व विधायक सहित चार आरोपी को दोषी करार देते आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई है. अदालत ने भादवि की धारा 376 के तहत पूर्व विधायक योगेंद्र सरदार, भूपेंद्र यादव, शंभू सिंह एवं उमा सरदार को आजीवन कारावास एवं दो-दो लाख रूपये का अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड की राशि नहीं देने कि स्थिति में दोषी को दो-दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं धारा 366 भादवि के तहत 10-10 साल की सजा एवं एक-एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. जबकि धारा 324 के तहत 03-03 साल की सजा एवं 25-25 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया गया है. अर्थदंड की राशि नहीं जमा करने पर 06-06 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं धारा 458 के तहत 10-10 साल की सजा एवं एक-एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर 02-02 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. चारों सजा एक साथ चलेगी. शुक्रवार को बहस में सरकार की और से अपर लोक अभियोजक अबु जफर एवं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता नागेंद्र नारायण ठाकुर ने हिस्सा लिया.

Body:16 नवबंर 1994 को हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना
जानकारी अनुसार जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में 16 नवबंर 1994 की रात एक युवती को उसके घर से जबरन उठाकर जीप में लादकर त्रिवेणीगंज बाजार स्थित एक कमरे में ले जाकर चारो दोषी सहित दो तीन अज्ञात अभियुक्त ने युवती के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. इस क्रम में हवसी के द्वारा युवती को दांत काटकर जख्मी भी कर दिया गया था. जख्मी अवस्था में पीड़िता का मेडिकल जांच करायी गई. इसके बाद युवती किसी तरह से जान बचाकर हवसी के चंगुल से छूट कर घर पहुंची. जहां उन्होंने अपने परिजनों को आप बीती सुनाई. इसके बाद त्रिवेणीगंज थाना पुलिस ने युवती के फर्द बयान पर त्रिवेणीगंज थाना कांड संख्या 127/94 दर्ज कर अनुसंधान जारी किया था. अनुसंधान के क्रम में रामफल यादव एवं हरिलाल शर्मा उर्फ हरिनारायण शर्मा को भी नामजद किया गया था. इस बीच एक आरोपी रामफल यादव की मौत हो गई. वहीं हरिलाल शर्मा उर्फ हरि नारायण शर्मा फरार चल रहा है. मामले में अभियोजन की ओर से 11 एवं बचाव पक्ष से 07 गवाह न्यायालय में प्रस्तुत किये गये. Conclusion:चर्चित घटना के रूप में आया था सामने
युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना उस वक्त की काफी चर्चित घटना थी. जिसे सभ्य समाज को कलंकित किये जाने की संज्ञा दी गई थी. युवती हवसी के चंगुल से छुटकारा पाने के दौरान दोषी पूर्व विधायक के गुप्तांग में दांत कर जख्मी कर किसी प्रकार वहां से भागने में सफल हुई थी. घटना के दोषी उस वक्त जनता दल से विधायक थे. जिसे बाद में पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. वहीं पीड़िता को राज्य सरकार ने बिहार पुलिस में आरक्षी के पद पर नियुक्त किया था. बताया जा रहा है कि पीड़िता को आरक्षी पद से पदोन्नति मिली है.
बाइट- नागेंद्र नारायण ठाकुर, अधिवक्ता बचाव पक्ष
बाइट- अबु जफर, अपर लोक अभियोजक
पीटीसी- आशीष कुमार, संवाददाता
Last Updated : Feb 1, 2020, 8:49 AM IST
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