सुपौल: कोशी में लॉकडाउन के कारण बाढ़ से पहले सुरक्षा कार्यों पर व्यापक असर देखने को मिला है. 15 मई तक 75 प्रतिशत कार्यों का ही निष्पादन हो पाया है, जिससे विभाग की चिंता बढ़ गई है. इसके कारण एजेंसियों को कार्य की गति बढ़ाने का निर्देश दिया गया है.
पूर्वी और पश्चिमी तटबंध पर चल रहा है काम
बता दें कि उच्च स्तरीय समिति ने भारत और नेपाल प्रभाग में 42 स्थलों को चयनित कर बाढ़ पूर्व कार्य किए जाने की अनुशंसा की थी, जिसमें 18 नेपाल प्रभाग के कार्य हैं, तो 24 भारतीय प्रभाग के पूर्वी और पश्चिमी तटबंध पर किए जाने वाले कार्य हैं.
नेपाल प्रभाग के स्पर संख्या 23.52, 24.66, 24.77, 27.10 अति संवेदनशील स्पर पर बाढ़ पूर्व कार्य किया जाना अति महत्वपूर्ण रहा है. ठीक इसी तरह भारतीय प्रभाग में पूर्वी कोशी तटबंध के 11.70, 18.30, 20.42, 15.50 अति संवेदनशील स्पर हैं, जिस पर समय रहते काम करना जरूरी है.
एक स्पर पर करोड़ों रुपये खर्च
11.70 किलोमीटर स्पर को वर्ष 2018-2019 से ही नदी के भारी दवाब वाला पॉइंट माना जा रहा है. पिछले साल भी यहां करोड़ों की राशि बाढ़ पूर्व सुरक्षा कार्यो में खर्च की गई थी. साल 2019-2020 में बेंगलुरु की कंपनी योजिका इस स्पर के स्ट्रेनथिंग का कार्य कर रही है. लॉकडाउन होने का असर यहां साफ दिख रहा है. हालांकि, पहले चरण में 21 दिनों के लॉकडाउन की समाप्ति के बाद दूसरे चरण में कार्य करने वाली एजेंसी को काम करने की छूट सरकार ने दे दी है, लेकिन मजदूरों की कमी और मेटेरियल के समय पर नहीं पहुंचने की समस्या के कारण कार्य की रफ्तार धीमी पड़ गयी.
2008 की घटना से सहमे हैं लोग
कोशी की 2008 की भीषण कुसहा त्रासदी को कोशी के लोग आज भी नहीं भूल पाए हैं, जिसने कोशी के 6 जिलों में भारी त्रासदी मचाई थी. इसमें हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. करोड़ों का नुकसान हुआ था. आज भी जब कोशी में हलचल होती है तो यहां के लोग सहम जाते हैं. उनकी आंखों में 2008 की त्रासदी की दहशत साफ झलकती है. ऐसे में कोशी में बाढ़ पूर्व सुरक्षा कार्यों को ससमय पूरा नहीं होना चिंताजनक है.
एजेंसियों को दिया गया निर्देश
मुख्य अभियंता जल संसाधन प्रकाश दास ने स्वीकार किया कि लॉकडाउन के प्रथम चरण में लगी रोक का असर कार्य पर पड़ा है, लेकिन उन्होंने कहा कि विभाग इसको चुनौती के रूप में लेता है. कार्य करनेवाली एजेंसियों को गति बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. वे भी इस टास्क को गंभीरता से देख रहे हैं.