सुपौल: देश में तीन तालाक पर कानून बनने के कुछ ही दिन बाद सुपौल में एक महिला को उसके शौहर ने तलाक दे दिया. शौहर ने महिला को फोन कर लाउड स्पीकर ऑन कर तीन तलाक दिया है, और तलाक देने की वजह बस यही है कि महिला ने जुड़वा बच्ची को जन्म दिया है.
मामला सदर थाना क्षेत्र के महेशपुर का है. यहां फर्जाना खातून को उसके शौहर ने फोन पर इसलिए तीन तलाक दे दिया कि उसने 10 दिन पहले जुड़वा बेटी को जन्म दिया है. ऑपरेशन से हुई डिलिवरी के बाद जैसे ही उसकी पत्नी घर पहुंची, देर रात शौहर ने तलाक देकर उसे बच्ची समेत रात के दो बजे घर से बाहर निकाल दिया.
कुत्तों का बन सकती थी शिकार
महिला ने आरोप लगाते हुए कहा कि घर से निकाले जाने के बाद वो अपने मायके की ओर चल दी. कुछ दूर जाने के बाद आवारा कुत्ते उस पर भौंकने लगे. किसी तरह कुत्तों से बचते हुए वो घर जा रही थी कि तभी गांव कि कुछ महिलाओं ने उसकी मदद की. इसके बाद वो सकुशल घर पहुंच सकी.
2013 में हुई थी शादी
फर्जाना की शादी 2013 में बगल के गांव बसबिट्टी पंचायत के वार्ड नंबर 02 निवासी इकरामूल से हुई. इसके बाद फर्जाना को लगातार दहेज के लिए उसका शौहर और सास प्रताड़ित कर रहे थे. फिर भी किसी तरह वो अपने ससुराल में के साथ रह रही थी. कुछ साल पहले फर्जाना ने एक बेटी को जन्म दिया था. जिसके दिल में छेद होने के कारण उसकी मौत हो गयी. इसके बाद फर्जाना ने अब दो जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया है. इसके चलते शौहर ने उसे फोन पर तीन तलाक दिया है.
दर्ज किया गया केस
रविवार को अपने पिता के साथ थाने पहुंची पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाई है. पीड़िता के पिता का कहना है कि उसकी बेटी को कई दिनों से पैसों के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था. वहीं, उसकी मां मोदी सरकार को तीन तालाक कानून बनाने को लेकर धन्यवाद दे रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार तीन साल की सजा के बजाय आजीवन सजा का प्रावधान करे. इस बाबत सदर एसडीपीओ विद्यासागर ने बताया कि फर्जाना खातून के आवेदन पर मुस्लिम वीमेन मैरिज प्रोटेक्शन एक्ट के तहत महिला थाना कांड संख्या 40/19 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
क्या है तीन तलाक कानून
- कोई पति अगर मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से एक बार में अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है, तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा.
- तीन तलाक के मामले पर स्वयं पत्नी या उसका करीबी रिश्तेदार ही इस बारे में केस दर्ज करा सकता है.
- पुलिस बिना वारंट के तीन तलाक देने वाले आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है क्योंकि महिला अधिकार संरक्षण कानून 2019 बिल के मुताबिक एक समय में तीन तलाक देना अपराध है.
सजा का प्रवधान...
- तीन तलाक के मामले में मजिस्ट्रेट बिना पीड़ित महिला का पक्ष सुने बगैर पति को जमानत नहीं दे पाएंगे.
- पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है. मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिलेगी.
- पीड़ित पत्नी और बच्चे के भरण पोषण का खर्च मजिस्ट्रेट तय करेंगे, जो पति को देना होगा.
- तीन तलाक पर बने कानून में छोटे बच्चों की निगरानी व रखावाली मां के पास रहेगी.
- नए कानून में समझौते के विकल्प को भी रखा गया है.
- इस कानून के तहत पत्नी की पहल पर ही समझौता हो सकता है, लेकिन मजिस्ट्रेट की उचित शर्तों के साथ.