सुपौल: बिहार के सुपौल में खाद की किल्लत (Fertilizer Shortage in Supaul) जारी है. खाद नहीं मिलने से परेशान किसानों ने शनिवार को त्रिवेणीगंज के बिस्कोमान के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-327 को जामकर प्रदर्शन (Protest on National Highway No. 327) किया. इस दौरान किसानोंं ने आरोप लगााया कि काफी दिनों से डीएपी सहित अन्य खाद उपलब्ध नहीं है. जिले में प्रशासन की लापरवाही से कालाबाजारी (Black marketing due to Negligence of Administration) हो रही है, लेकिन उन्हें खाद नहीं उपलब्ध करायी जा रही है. जिससे मजबूरन उन्हें सड़क जाम कर प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
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सड़क जाम करने की सूचना पर पहुंची पुलिस किसानों को हटाकर जाम समाप्त कराना चाहा, लेकिन किसान खाद नहीं मिलने तक हटने के लिए तैयार नही हुए. इसके बाद पुलिस ने घटना की जानकारी एसडीओ को दी. मौके पर पहुंचे एसडीओ एस जेड हसन ने किसानों को जल्द खाद दिलाने का आश्वासन देकर जाम समाप्त कराया.
इस दौरान किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की लापरवाही के चलते लगातार खाद की कालाबाजारी हो रही है. बिस्कोमान आने पर बताया जाता है कि उपलब्धता नहीं है जबकि दुकानों पर महंगे दामों पर लगातार बिक्री की जा रही है. बाजार में 1200 रुपये में मिलने वाला डीएपी दो हजार रुपये में मिल रही है. जिससे इस बार गेहूं की बुआई नहीं हो सकी. किसानों का कहना है कि वे रोजाना बिस्कोमान के पास सुबह 4 बजे से लाइन में लग जाते है फिर भी बिस्कोमान के द्वारा उन्हें खाद उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. उन्होंने प्रशासन से सवाल किया कि आखिरकार गरीब किसान कैसे खेती करेगा.
इस पूरे मामले में एसडीओ त्रिवेणीगंज एसजेड हसन का कहा कि ऐसी शिकायत मिलने पर उन्होंने कई खाद की दुकानों का निरीक्षण किया, लेकिन वहां भी खाद उपलब्ध नहीं थी. खाद की कालाबजारी होने का आरोप गलत है. बिस्कोमान 30 नवंबर तक खाद उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है. 1 दिसंबर से किसानों को खाद उपलब्ध करा दी जाएगी.
गौरतलब है कि गेहूं की बुआई के लिए 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक का समय उपयुक्त माना जाता है. इस एक माह गेहूं की बुआई करने से पैदावार बेहतर होती है. ऐसे में खाद नहीं मिलने से किसानों की परेशान बढ़ गयी है और वे चिंतित हैं.
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