सुपौल: सहरसा-फारबिसगंज रेलखंड पर सुपौल से सरायगढ़ के बीच स्पीड ट्रायल के बाद रविवार को सहरसा से सीआरएस स्पेशल ट्रेन से मुख्य संरक्षा आयुक्त मो लतीफ खान, डीआरम अशोक माहेश्वरी सहित अन्य अधिकारियों ने स्थानीय स्टेशन का निरीक्षण किया. सीआरएस के साथ-साथ डीआरएम अशोक हजारी सहमत अन्य अधिकारियों ने सुपौल स्टेशन का भी जायजा लिया. इस दौरान यात्रियों के लिए परिचालन बंद कर दिया गया.
सीआरएस लतीफ खान ने रिले और सिग्नल कक्ष का भी निरीक्षण किया. इस दौरान स्थानीय स्टेशन अधीक्षक प्रदीप भारतीय से कई जानकारी ली और कई आवश्यक निर्देश भी दिए. इसके बाद अधिकारी मोटर ट्राली से सरायगढ़ के लिए रवाना हो गए.
चार साल बाद रेल सेवा होगा उपलब्ध
मालूम हो कि इस रेलखंड पर आमान परिवर्तन के बाद विगत चार वर्षों से रेल परिचालन बंद था. सुपौल-सरायगढ़ के बीच 24.5 किमी लंबे रेलखंड के बीच स्पीडी ट्रायल के बाद सीआरएस स्पेशल ट्रेन सुपौल से सरायगढ़ के लिए करीब 130 किमी की रफ्तार से दौड़ाया गया. उसके बाद ईस्टर्न सर्किल कोलकाता के सीआरएस लतीफ खान, डीआरम अशोक माहेश्वरी, मुख्य निर्माण कंस्ट्रक्शन ब्रजेश कुमार, सीनियर डीसीएम सहित अन्य अधिकारियों ने मोटर ट्राली से नवनिर्मित पटरियों की जांच की और पुल पुलियों का निरीक्षण किया.
सीआरएस ट्रायल सफल होने के बाद इसी सप्ताह तक इस रेलखंड पर रेल परिचालन बहाल करने की संभावना है. बताया जा रहा है कि इस सप्ताह तक सुपौल से लंबी दूरी की ट्रेन चलने की संभावना थी. लेकिन सिग्नल ऑपरेटिंग सिस्टम का काम पूर्ण रूप से सफल नहीं होने की वजह से अब सुपौल वासियों को लंबी दूरी की सवाड़ी करने के लिए कुछ दिन और इंतजार करना होगा.
जीविकोपार्जन की जगी आस
वहीं, सीआरएस निरीक्षण के बाद स्थानीय दुकानदार और स्टेशन परिसर के लिए चयनित वेंडरों सहित कुली में सुगम जीविकोपार्जन का आस दिखने लगी है. इस दौरान रविवार को एक दिन के लिए सुपौल से सहरसा के बीच रेल परिचालन बंद कर दिया गया. रविवार को यात्री के लिए गढ़बारुआरी से सहरसा तक ही सभी ट्रेनों का परिचालन किया गया. उसके बाद फिर सोमवार से सुपौल से अपने निर्धारित समय से सभी ट्रेन चलेगी.