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मनरेगा में घोटाला: बिना पशु शेड निर्माण किए लाखों का भुगतान, DDC ने की जांच शुरू

सुपौल में मनरेगा के तहत पशु शेड का निर्माण कार्य चल रहा है. जिसकी जांच में लाखों रुपये का घोटाला सामने (Scam In MGNREGA) आया है. ठेका लेने वाली एजेंसी ने बिना पशु शेड निर्माण किए लाखों रुपये का भुगतान उठा लिया. डिप्टी डेवलपमेंट कमिश्नर घोटले की जांच शुरू कर दी है.

सुपौल में पशु शेड निर्माण के नाम पर घोटाला
सुपौल में पशु शेड निर्माण के नाम पर घोटाला
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Published : Nov 4, 2022, 9:48 PM IST

सुपौल: बिहार के सुपौल में घोटला (Scam In Supaul) का एक मामला सामने आया है. मनरेगा में पशु शेड के निर्माण कार्य के नाम पर लाखों का घोटाला हुआ है. राघोपुर प्रखंड के देवीपुर पंचयात के विभिन्न वार्डों में बिना पशु शेड निर्माण किए लाखों रुपये भुगतान कर दिए गए. जबकि लाभुकों के जमीन पर नींव भी नहीं (Cattle Shed Construction Scam In Supaul) पड़ी है. यह सब नियमों को ताक पर रखकर किया गया है. अब मामले की जांच DDC ने शुरू की है.

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मिलीभगत से लाखों का घोटाला हुआ: राघोपुर प्रखंड के देवीपुर पंचायत में मनरेगा योजना में बड़ी लूट सामने आयी है. देवीपुर पंचायत में पशु शेड मद में कुल 25 पशु शेड का भुगतान फर्जी वाउचर से किया गया. भुगतान पाने वाली प्राइवेट कंपनी का नाम छाया इंफोकॉम है. हैरान करने वाली बात यह है कि पंचायत में 25 पशु शेड के निर्माण के नाम पर रुपयों का भुगतान किया गया. जबकि एक दर्जन से अधिक ऐसे पशु शेड है, जिनका अब तक जमीन पर नींव भी नहीं रखा गया है.

यह भी पढ़ें: यहां 'मुर्दे' भी हैं मनरेगा मजदूर, एक साल पहले मरे हुए लोग अभी भी खोद रहे हैं तालाब

35 लाख रुपये का अवैध भुगतान: मनरेगा से जुड़े अधिकारियों ने बिना स्थलीय जांच किए ही छाया इंफोकॉम नामक एजेंसी को 35 लाख रुपये से अधिक की राशि भुगतान कर दिया है. मनरेगा की साइट पर जारी आंकड़े के मुताबिक छाया इंफोकॉम की बिलिंग डेट 19 अप्रेल 2021 है और भुगतान की तिथि 26 अक्टूबर 2022 है. ऐसे में सवाल उठता है कि जो काम अभी शुरू ही नहीं हुआ, उस कार्य का भुगतान वाउचर के माध्यम से एक साल पहले कैसे कर दिया गया.

"राघोपुर प्रखंड के देवीपुर पंचयात में मेटेरियल की राशि निकाली गयी है. जिसमें से पशु शेड का निर्माण कार्य होना था. मामला सामने आया है कि कुछ वैसे भी पशु शेड भी हैं, जिनका निर्माण किए बिना पैसे निकाले गए हैं. मामले की जांच चल रही है. आधा जांच हो गया है, आगे की जांच करने के बाद जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी" - मुकेश कुमार, उप विकास आयुक्त

मामला सामने आने के बाद जांच शुरू: मामला सामने आने के बाद एजेंसी ने आनन-फानन में काम शुरू किया है. लेकिन इसमें घटिया स्तर की निर्माण सामग्री का उपयोग खुलेआम किया जा रहा है. पंचायत के निवासी रंजना देवी, अनीता देवी, शोभा देवी, किरण देवी, वीणा देवी, भूसिया देवी, मनिया देवी, गीता देवी, लीना देवी, मालती देवी सहित कुल 25 लाभुकों के घर पशु शेड निर्माण कार्य पूर्ण होने का रिपोर्ट विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की मिली भगत से दिखाकर एक करोड़ 39 लाख रुपये एजेंसी को विभिन्न कार्यों का बीते 26 अक्टूबर को भुगतान कर दिया गया. जांच के लिए पहुंचे डीडीसी ने कहा कि मामले की जांच की शुरू हो गयी है. जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

सुपौल: बिहार के सुपौल में घोटला (Scam In Supaul) का एक मामला सामने आया है. मनरेगा में पशु शेड के निर्माण कार्य के नाम पर लाखों का घोटाला हुआ है. राघोपुर प्रखंड के देवीपुर पंचयात के विभिन्न वार्डों में बिना पशु शेड निर्माण किए लाखों रुपये भुगतान कर दिए गए. जबकि लाभुकों के जमीन पर नींव भी नहीं (Cattle Shed Construction Scam In Supaul) पड़ी है. यह सब नियमों को ताक पर रखकर किया गया है. अब मामले की जांच DDC ने शुरू की है.

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मिलीभगत से लाखों का घोटाला हुआ: राघोपुर प्रखंड के देवीपुर पंचायत में मनरेगा योजना में बड़ी लूट सामने आयी है. देवीपुर पंचायत में पशु शेड मद में कुल 25 पशु शेड का भुगतान फर्जी वाउचर से किया गया. भुगतान पाने वाली प्राइवेट कंपनी का नाम छाया इंफोकॉम है. हैरान करने वाली बात यह है कि पंचायत में 25 पशु शेड के निर्माण के नाम पर रुपयों का भुगतान किया गया. जबकि एक दर्जन से अधिक ऐसे पशु शेड है, जिनका अब तक जमीन पर नींव भी नहीं रखा गया है.

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35 लाख रुपये का अवैध भुगतान: मनरेगा से जुड़े अधिकारियों ने बिना स्थलीय जांच किए ही छाया इंफोकॉम नामक एजेंसी को 35 लाख रुपये से अधिक की राशि भुगतान कर दिया है. मनरेगा की साइट पर जारी आंकड़े के मुताबिक छाया इंफोकॉम की बिलिंग डेट 19 अप्रेल 2021 है और भुगतान की तिथि 26 अक्टूबर 2022 है. ऐसे में सवाल उठता है कि जो काम अभी शुरू ही नहीं हुआ, उस कार्य का भुगतान वाउचर के माध्यम से एक साल पहले कैसे कर दिया गया.

"राघोपुर प्रखंड के देवीपुर पंचयात में मेटेरियल की राशि निकाली गयी है. जिसमें से पशु शेड का निर्माण कार्य होना था. मामला सामने आया है कि कुछ वैसे भी पशु शेड भी हैं, जिनका निर्माण किए बिना पैसे निकाले गए हैं. मामले की जांच चल रही है. आधा जांच हो गया है, आगे की जांच करने के बाद जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी" - मुकेश कुमार, उप विकास आयुक्त

मामला सामने आने के बाद जांच शुरू: मामला सामने आने के बाद एजेंसी ने आनन-फानन में काम शुरू किया है. लेकिन इसमें घटिया स्तर की निर्माण सामग्री का उपयोग खुलेआम किया जा रहा है. पंचायत के निवासी रंजना देवी, अनीता देवी, शोभा देवी, किरण देवी, वीणा देवी, भूसिया देवी, मनिया देवी, गीता देवी, लीना देवी, मालती देवी सहित कुल 25 लाभुकों के घर पशु शेड निर्माण कार्य पूर्ण होने का रिपोर्ट विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की मिली भगत से दिखाकर एक करोड़ 39 लाख रुपये एजेंसी को विभिन्न कार्यों का बीते 26 अक्टूबर को भुगतान कर दिया गया. जांच के लिए पहुंचे डीडीसी ने कहा कि मामले की जांच की शुरू हो गयी है. जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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