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सुपौल: ओटीपी माध्यम से टीएचआर वितरण का आंगनबाड़ी सेविकाओं ने किया विरोध, कार्यालय के सामने प्रदर्शन

बिहार में ओटीपी के माध्यम से टीएचआर वितरण में परेशानियां आ रही हैं. जिसे लेकर आंगनबाड़ी सेविकाओं ने विरोध किया है. आरोप है जो मोबाइल दिया गया है. उसकी कीमत मार्केट में 10 हजार रुपये नहीं बल्कि 4000 हजार रुपये है.

आंगनबाड़ी सेविकाओं का विरोध
आंगनबाड़ी सेविकाओं का विरोध
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Published : Jan 25, 2021, 4:44 AM IST

सुपौल: राघोपुर प्रखंड मुख्यालय परिसर स्थित आइसीडीएस कार्यालय के सामने आंगनबाड़ी सेविकाओं ने धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे सेविकाओं का आरोप है कि टीएचआर वितरण के नए नियम से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

प्रदर्शकारी सेविकाओं ने बताया कि पहले कागज पर प्रक्रिया कर टीएचआर का वितरण किया जाता था. लेकिन अब सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप के जरिये टीएचआर का वितरण करने का निर्देश दिया गया है. सर्वर और मोबाइल सही ढंग से काम नहीं करने के कारण न तो टोकन प्राप्त होता है और न ही ओटीपी. बहुत सारे ऐसे भी लाभुक हैं, जिनका मोबाइल नंबर बदल गया है. जिस कारण ओटीपी में समस्या होती है.

ये भी पढ़ें- आंगनबाड़ी सेविकाओं को दिया गया मोबाइल प्रशिक्षण, शिकायतों की संख्या में आएगी गिरावट

टीएचआर को मैन्युअल करने की मांग
कुछ सेविकाओं का आरोप था कि विभाग द्वारा जो मोबाइल 10 हजार 200 रुपये में उपलब्ध कराया गया है. बाजार में उसका मूल्य सिर्फ 04 हजार 200 रुपये है. सेविकाओं का कहना है कि मोबाइल लो क्वालिटी का होने के कारण सही तरीके से काम नहीं हो पा रहा है. वहीं लाभुक द्वारा जो मोबाइल नंबर विभाग को उपलब्ध कराया गया है. उसमें से अधिकतर नंबर बाहर राज्यों में रहने वाले उनके परिजन के पास है. जहां से ससमय ओटीपी नहीं मिल पाता है.

सुपौल: राघोपुर प्रखंड मुख्यालय परिसर स्थित आइसीडीएस कार्यालय के सामने आंगनबाड़ी सेविकाओं ने धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे सेविकाओं का आरोप है कि टीएचआर वितरण के नए नियम से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

प्रदर्शकारी सेविकाओं ने बताया कि पहले कागज पर प्रक्रिया कर टीएचआर का वितरण किया जाता था. लेकिन अब सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप के जरिये टीएचआर का वितरण करने का निर्देश दिया गया है. सर्वर और मोबाइल सही ढंग से काम नहीं करने के कारण न तो टोकन प्राप्त होता है और न ही ओटीपी. बहुत सारे ऐसे भी लाभुक हैं, जिनका मोबाइल नंबर बदल गया है. जिस कारण ओटीपी में समस्या होती है.

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टीएचआर को मैन्युअल करने की मांग
कुछ सेविकाओं का आरोप था कि विभाग द्वारा जो मोबाइल 10 हजार 200 रुपये में उपलब्ध कराया गया है. बाजार में उसका मूल्य सिर्फ 04 हजार 200 रुपये है. सेविकाओं का कहना है कि मोबाइल लो क्वालिटी का होने के कारण सही तरीके से काम नहीं हो पा रहा है. वहीं लाभुक द्वारा जो मोबाइल नंबर विभाग को उपलब्ध कराया गया है. उसमें से अधिकतर नंबर बाहर राज्यों में रहने वाले उनके परिजन के पास है. जहां से ससमय ओटीपी नहीं मिल पाता है.

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