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सिवान: समाजसेवी की मदद से गरीब का बेटा बना इंजीनियर, गांव का नाम किया रौशन - is preparing for UPSC

सिवान जिले के रामपुर के एक छोटे से गांव में रहने वाला कृष्णा गरीबी से निकलकर आज इंजीनियर बन साबित कर दिया है कि मेहनत के बदौलत कुछ भी असंभव नहीं है.

कृष्णा
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Published : Apr 9, 2019, 8:57 PM IST

सिवान: कठिनाइयां कितनी भी हो, पर जब लक्ष्य को पाने की चाहत हो तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको आपके मंजिल तक पहुंचने से रोक नहीं सकती.हमारे समाज में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक चुनौतियों का सामना करते हुए लोग सफलता की कहानी लिख चुके हैं. इसमें से ही एक हैं सिवान जिले के रामपुर के एक छोटे से गांव में रहने वाला कृष्णा गरीबी से निकलकर आज इंजीनियर बन साबित कर दिया है कि मेहनत के बदौलत कुछ भी असंभव नहीं.

कृष्णा ने बचपन से ही इंजीनियर बनने का सपना देखा था पर गरीब परिवार में जन्म लेने पर उसका सपना टूटा दिख रहा था. बड़े होने पर अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से की और इसके बाद गांव के ही एक स्कूल से 8वीं तक की पढ़ाई की.वीएम उच्च विद्यालय से 84% अंक के साथ मैट्रिक की परीक्षा पास की.यही से इस युवक की ज़िंदगी ने करवट बदली. बगल के गांव के समाजसेवी मुन्ना चौधरी का साथ मिला युवक ने अपनी सारी कहानी समाजसेवी से कही. फिर क्या था युवक की प्रतिभा देख समाजसेवी ने कृष्णा की मदद की और उसे खाने,पढ़ने के लिए आर्थिक मदद दी. कृष्णा को पहले पटना में फिर दिल्ली भेज उसे इस काबिल बना दिया.

माता-पिता और समाजसेवी का बयान

समाजसेवी को धन्यवाद कह रहे माता-पिता

बिहार इंजीनियरिंग के माध्यम से कृष्णा ने भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक किया व इंजीनियर बन गांव का नाम रौशन किया. वहीं जब इस सम्बंध में उसकी मां से पूछा गया तो उनकी आंख भर आईं और उन्होंने कहा कि मेरा बेटा बहुत पढ़ने में तेज था बोलता था अगर मुझे पढ़ने के लिए पैसे नहीं मिले तो खुदखुशी कर लूंगा. मैं धन्यवाद दूंगी समाजसेवी और हमारे बच्चे के लिए भगवान बनकर आये मुन्ना चौधरी का जिन्होंने मेरे पूरा पुस्त ही बदल दिया आज मेरा बेटा सिक्किम में है हमें उसपर गर्व है.

कर रहा है यूपीएससी की तैयारी
वहीं जब समाजसेवी मुन्ना चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि लड़का काफी प्रतिभावान था, बस मैंने जरा सी मदद कर दी. वो अभी नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी भी कर रहा है. हमें उम्मीद है यूपीएससी निकालकर हमारे जिले का नाम रौशन करेगा.

सिवान: कठिनाइयां कितनी भी हो, पर जब लक्ष्य को पाने की चाहत हो तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको आपके मंजिल तक पहुंचने से रोक नहीं सकती.हमारे समाज में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक चुनौतियों का सामना करते हुए लोग सफलता की कहानी लिख चुके हैं. इसमें से ही एक हैं सिवान जिले के रामपुर के एक छोटे से गांव में रहने वाला कृष्णा गरीबी से निकलकर आज इंजीनियर बन साबित कर दिया है कि मेहनत के बदौलत कुछ भी असंभव नहीं.

कृष्णा ने बचपन से ही इंजीनियर बनने का सपना देखा था पर गरीब परिवार में जन्म लेने पर उसका सपना टूटा दिख रहा था. बड़े होने पर अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से की और इसके बाद गांव के ही एक स्कूल से 8वीं तक की पढ़ाई की.वीएम उच्च विद्यालय से 84% अंक के साथ मैट्रिक की परीक्षा पास की.यही से इस युवक की ज़िंदगी ने करवट बदली. बगल के गांव के समाजसेवी मुन्ना चौधरी का साथ मिला युवक ने अपनी सारी कहानी समाजसेवी से कही. फिर क्या था युवक की प्रतिभा देख समाजसेवी ने कृष्णा की मदद की और उसे खाने,पढ़ने के लिए आर्थिक मदद दी. कृष्णा को पहले पटना में फिर दिल्ली भेज उसे इस काबिल बना दिया.

माता-पिता और समाजसेवी का बयान

समाजसेवी को धन्यवाद कह रहे माता-पिता

बिहार इंजीनियरिंग के माध्यम से कृष्णा ने भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक किया व इंजीनियर बन गांव का नाम रौशन किया. वहीं जब इस सम्बंध में उसकी मां से पूछा गया तो उनकी आंख भर आईं और उन्होंने कहा कि मेरा बेटा बहुत पढ़ने में तेज था बोलता था अगर मुझे पढ़ने के लिए पैसे नहीं मिले तो खुदखुशी कर लूंगा. मैं धन्यवाद दूंगी समाजसेवी और हमारे बच्चे के लिए भगवान बनकर आये मुन्ना चौधरी का जिन्होंने मेरे पूरा पुस्त ही बदल दिया आज मेरा बेटा सिक्किम में है हमें उसपर गर्व है.

कर रहा है यूपीएससी की तैयारी
वहीं जब समाजसेवी मुन्ना चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि लड़का काफी प्रतिभावान था, बस मैंने जरा सी मदद कर दी. वो अभी नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी भी कर रहा है. हमें उम्मीद है यूपीएससी निकालकर हमारे जिले का नाम रौशन करेगा.

Intro:आसमान को छू लेने की हुनर

सिवान।

कठिनाइयां कितनी भी हो, पर जब लक्ष्य को पाने की चाहत हो तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको आपके मंजिल तक पहुंचने से रोक नहीं सकती.हमारे समाज मे ऐसे की उदाहरण हैं जहां आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक चुनौतियों का सामना करते हुए लोग सफलता की कहानी लिख चुके है.इसमें से ही एक हैं सिवान जिले के रामपुर के एक छोटे से गाँव के रहने वाले कृष्णा जो बहुत ही गरीबी से निकलकर आज इंजीनियर बन साबित कर दिया है कि मेहनत के बदौलत कुछ भी असंभव नहीं.



Body:कृष्णा ने बचपन से ही इंजीनियर बनने का सपना देखा था पर गरीब परिवार में जन्म लेने पर उसका सपना टूटा दिख रहा था बड़े होने पर अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के ही प्राथमिक विद्यालय से की और इसके बाद गाँव के ही एक स्कूल से 8वीं तक ही पढ़ाई की.वीएम उच्च विद्यालय से 84% अंक के साथ मैट्रिक की परीक्षा पास की.यही ये इस युवक की ज़िंदगी ने करवट बदली बगल गाँव के समाजसेवी मुन्ना चौधरी का साथ मिला उस युवक ने अपनी सारी कहानी समाजसेवी से कही.फिर क्या था युवक की प्रतिभा देख समाजसेवी ने उस युवक कृष्णा की मदद की और उसे खाने,पढ़ने के लिए आर्थिक मदद दी. फिर कृष्णा को पहले पटना में फिर दिल्ली भेज उसे इस काबिल बना दिया.बिहार इंजीनियरिंग के माध्यम से भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक किया व इंजीनियर बन गाँव का नाम रौशन किया.वही जब इस सम्बंध में उनकी माँ से पूछा गया तो उनकी आँख भर आईं और उन्होंने कहा कि मेरा बेटा बहुत पढ़ने में तेज था बोलता था अगर मुझे पढ़ने के लिए पैसे नहीं मिले तो खुदखुशी कर लूँगा, मैं धन्यवाद दूंगी समाजसेवी और हमारे बच्चे के लिए भगवान बनकर आये मुन्ना चौधरी का जिन्होंने मेरे पूरा पुस्त ही बदल दिया आज मेरा बेटा सिक्किम में है हमें उसपर गर्व है. वही जब समाजसेवी मुन्ना चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि लड़का काफी प्रतिभाभान था बस मैंने जरा सी मदद कर दी. वो अभी नौकरी के साथ साथ यूपीएससी की तैयारी भी कर रहा है.हमें उम्मीद है यूपीएससी निकालकर हमारे जिले का नाम रौशन करेगा.


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