सिवानः जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए छात्र-छात्राओं से डीआरसीसी के अधिकारी आवेदकों से 5000 रुपये तक मांगते हैं. यह हम नहीं कह रहे बल्कि एक अभिभावक ने सीएम को पत्र लिखकर इसका जिक्र किया है. अभिभावक संजय श्रीवास्तव ने डीआरसीसी के प्रबंधक मोहम्मद अली पर आरोप लगाया है कि उनसे 5000 रिश्वत भी मांगी गई थी. नहीं देने पर उनका आवेदन होल्ड पर डाल दिया गया है.
अप्रूवल की सूचना के बाद भी नहीं मिला कार्ड
दरअसल, शास्त्री नगर निवासी संजय श्रीवास्तव ने डीआरसीसी कार्यालय के अधिकारियों से पूछ कर अपनी पुत्री का नामांकन एक विश्वविद्यालय में करा दिया. इसके बाद यहां आकर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया. जिसके अप्रूवल की सूचना भी उन्हें मिल गई. टीपीवीएम से उक्त विषय की जांच भी करा दी गई. इसके बाद एग्रीमेंट के लिए बच्ची को बुलाकर स्टांप पेपर भी खरीदवा लिया गया. लेकिन मामला तब फंस गया जब वह डीआरसीसी के प्रबंधक के पास पहुंचा.
मानसिक प्रताड़ना झेल रहा पिता
सब कुछ होने के बाद भी डीआरसीसी के प्रबंधक ने यह कह कर क्रेडिट कार्ड देने से मना कर दिया कि बीएससी बायोटेक हमारे लिस्ट में नहीं है. जिसके बाद छात्रा का आवेदन होल्ड पर डाल दिया गया. संजय श्रीवास्तव ने डीआरसीसी के प्रबंधक मोहम्मद अली पर आरोप लगाया है कि उनके जरिए 5000 रिश्वत भी मांगी गई. नहीं देने पर उनका आवेदन होल्ड पर डाल दिया गया है.
पीड़ित ने इसकी शिकायत जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से भी किया है. पीड़ित के पास पैसे नहीं होने कारण उनकी बच्ची का भविष्य अंधकार में दिख रहा है. जिस कारण बच्ची के पिता मानसिक प्रताड़ना से ग्रस्त होकर आत्महत्या की बात कह रहे हैं.
प्रबंधक ने कहा बेबुनियाद है आरोप
वहीं, जब इस संबंध में प्रबंधक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आवेदक का कोर्स लिस्ट में शामिल नहीं है. वित्त निगम से मार्गदर्शन मांगा गया है उनके द्वारा कोई पैसे की मांग नहीं की गई है. आरोप बेबुनियाद है. अगर वो आत्महत्या करेंगे तो इसमें हम क्या करें.