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सिवानः बेटी को पढ़ाने के लिए दर-दर भटक रहा पिता, अब तक नहीं मिला स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड

संजय श्रीवास्तव ने डीआरसीसी के प्रबंधक मोहम्मद अली पर आरोप लगाया है कि उनके जरिए 5000 रिश्वत मांगी गई. नहीं देने पर उनका आवेदन होल्ड पर डाल दिया गया है.

संजय श्रीवास्तव
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Published : Aug 23, 2019, 1:53 PM IST

सिवानः जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए छात्र-छात्राओं से डीआरसीसी के अधिकारी आवेदकों से 5000 रुपये तक मांगते हैं. यह हम नहीं कह रहे बल्कि एक अभिभावक ने सीएम को पत्र लिखकर इसका जिक्र किया है. अभिभावक संजय श्रीवास्तव ने डीआरसीसी के प्रबंधक मोहम्मद अली पर आरोप लगाया है कि उनसे 5000 रिश्वत भी मांगी गई थी. नहीं देने पर उनका आवेदन होल्ड पर डाल दिया गया है.

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स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए लगी भीड़

अप्रूवल की सूचना के बाद भी नहीं मिला कार्ड
दरअसल, शास्त्री नगर निवासी संजय श्रीवास्तव ने डीआरसीसी कार्यालय के अधिकारियों से पूछ कर अपनी पुत्री का नामांकन एक विश्वविद्यालय में करा दिया. इसके बाद यहां आकर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया. जिसके अप्रूवल की सूचना भी उन्हें मिल गई. टीपीवीएम से उक्त विषय की जांच भी करा दी गई. इसके बाद एग्रीमेंट के लिए बच्ची को बुलाकर स्टांप पेपर भी खरीदवा लिया गया. लेकिन मामला तब फंस गया जब वह डीआरसीसी के प्रबंधक के पास पहुंचा.

office
डीआरसीसी कार्यालय

मानसिक प्रताड़ना झेल रहा पिता
सब कुछ होने के बाद भी डीआरसीसी के प्रबंधक ने यह कह कर क्रेडिट कार्ड देने से मना कर दिया कि बीएससी बायोटेक हमारे लिस्ट में नहीं है. जिसके बाद छात्रा का आवेदन होल्ड पर डाल दिया गया. संजय श्रीवास्तव ने डीआरसीसी के प्रबंधक मोहम्मद अली पर आरोप लगाया है कि उनके जरिए 5000 रिश्वत भी मांगी गई. नहीं देने पर उनका आवेदन होल्ड पर डाल दिया गया है.
पीड़ित ने इसकी शिकायत जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से भी किया है. पीड़ित के पास पैसे नहीं होने कारण उनकी बच्ची का भविष्य अंधकार में दिख रहा है. जिस कारण बच्ची के पिता मानसिक प्रताड़ना से ग्रस्त होकर आत्महत्या की बात कह रहे हैं.

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पीड़ित छात्रा

प्रबंधक ने कहा बेबुनियाद है आरोप
वहीं, जब इस संबंध में प्रबंधक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आवेदक का कोर्स लिस्ट में शामिल नहीं है. वित्त निगम से मार्गदर्शन मांगा गया है उनके द्वारा कोई पैसे की मांग नहीं की गई है. आरोप बेबुनियाद है. अगर वो आत्महत्या करेंगे तो इसमें हम क्या करें.

बयान देते छात्रा के पिता और प्रबंधक

सिवानः जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए छात्र-छात्राओं से डीआरसीसी के अधिकारी आवेदकों से 5000 रुपये तक मांगते हैं. यह हम नहीं कह रहे बल्कि एक अभिभावक ने सीएम को पत्र लिखकर इसका जिक्र किया है. अभिभावक संजय श्रीवास्तव ने डीआरसीसी के प्रबंधक मोहम्मद अली पर आरोप लगाया है कि उनसे 5000 रिश्वत भी मांगी गई थी. नहीं देने पर उनका आवेदन होल्ड पर डाल दिया गया है.

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स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए लगी भीड़

अप्रूवल की सूचना के बाद भी नहीं मिला कार्ड
दरअसल, शास्त्री नगर निवासी संजय श्रीवास्तव ने डीआरसीसी कार्यालय के अधिकारियों से पूछ कर अपनी पुत्री का नामांकन एक विश्वविद्यालय में करा दिया. इसके बाद यहां आकर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया. जिसके अप्रूवल की सूचना भी उन्हें मिल गई. टीपीवीएम से उक्त विषय की जांच भी करा दी गई. इसके बाद एग्रीमेंट के लिए बच्ची को बुलाकर स्टांप पेपर भी खरीदवा लिया गया. लेकिन मामला तब फंस गया जब वह डीआरसीसी के प्रबंधक के पास पहुंचा.

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डीआरसीसी कार्यालय

मानसिक प्रताड़ना झेल रहा पिता
सब कुछ होने के बाद भी डीआरसीसी के प्रबंधक ने यह कह कर क्रेडिट कार्ड देने से मना कर दिया कि बीएससी बायोटेक हमारे लिस्ट में नहीं है. जिसके बाद छात्रा का आवेदन होल्ड पर डाल दिया गया. संजय श्रीवास्तव ने डीआरसीसी के प्रबंधक मोहम्मद अली पर आरोप लगाया है कि उनके जरिए 5000 रिश्वत भी मांगी गई. नहीं देने पर उनका आवेदन होल्ड पर डाल दिया गया है.
पीड़ित ने इसकी शिकायत जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से भी किया है. पीड़ित के पास पैसे नहीं होने कारण उनकी बच्ची का भविष्य अंधकार में दिख रहा है. जिस कारण बच्ची के पिता मानसिक प्रताड़ना से ग्रस्त होकर आत्महत्या की बात कह रहे हैं.

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पीड़ित छात्रा

प्रबंधक ने कहा बेबुनियाद है आरोप
वहीं, जब इस संबंध में प्रबंधक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आवेदक का कोर्स लिस्ट में शामिल नहीं है. वित्त निगम से मार्गदर्शन मांगा गया है उनके द्वारा कोई पैसे की मांग नहीं की गई है. आरोप बेबुनियाद है. अगर वो आत्महत्या करेंगे तो इसमें हम क्या करें.

बयान देते छात्रा के पिता और प्रबंधक
Intro:अपने पुत्री को पढ़ाने के लिए दर दर भटकता पिता

सिवान।

जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए छात्र छात्राओं से डीआरसीसी के अधिकारी आवेदकों से ₹5000 रुपये तक मांगते हैं यह हम नहीं एक अभिभावक ने सीएम को पत्र लिखकर इसका जिक्र किया है. शास्त्री नगर निवासी संजय कुमार श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में लिखा है कि उन्होंने डीआरसीसी कार्यालय के अधिकारियों से पूछ कर अपनी पुत्री का नामांकन एक विश्वविद्यालय में करा दिया इसके बाद यहां आकर अप्लाई कराया जिसका अप्रूवल की सूचना भी उन्हें मिल गई टीपीवीएम से उक्त विषय की जांच भी करा दी गई इसके बाद एग्रीमेंट के लिए बच्चों को बुलाकर स्टांप पेपर भी खरीदवा लिया गया.


Body:मामला तब फंस गया जब मामला डीआरसीसी के प्रबंधक के पास पहुंचा सब कुछ होने के बाद भी डीआरसीसी के प्रबंधक द्वारा यह कह कर मना कर दिया गया कि बीएससी बायोटेक हमारे लिस्ट में नहीं है जिसके बाद बच्चों का आवेदन होल्ड पर डाल दिया गया. संजय श्रीवास्तव ने डीआरसीसी के प्रबंधक मोहम्मद अली पर आरोप लगाया है कि उनके द्वारा ₹5000 रिश्वत भी मांगी गई थी नहीं देने पर उनका आवेदन होल्ड पर डाल दिया गया है. वही भुक्तभोगी ने इसकी शिकायत जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से भी किया है. भुक्तभोगी के पास पैसे नहीं होने कारण उनकी बच्चे की भविष्य अंधकार में दिख रहे हैं जिस कारण बच्ची के पिता मानसिक प्रताड़ना से ग्रस्त होकर आत्महत्या की बात कह रहा है.


Conclusion:वही जब इस संबंध में प्रबंधक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आवेदक का कोर्स लिस्ट में शामिल नहीं है वित्त निगम से मार्गदर्शन मांगा गया है उनके द्वारा कोई पैसे की मांग नहीं की गई है आरोप बेबुनियाद है.अगर वो आत्महत्या करेंगे तो इसमें हम क्या करें.

बाइट-गुहार लगता पिता(संजय कु०श्रीवास्तव)
बाइट-स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए आई छात्रा(मधु कुमारी)
बाइट-प्रबंधक,जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र(मो०अख्तर अली)
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