सिवान : पुलिस जिले में अपराध को नियंत्रित करने के चाहे जितने भी दावे कर ले, लेकिन क्राइम पर कंट्रोल नहीं हो पा रहा है. मंगलवार सुबह भी अपराधियों ने एक सामाजिक कार्यकर्ता की हत्या कर पुलिस-प्रशासन की खुली चुनौती देने की कोशिश की है. फिलहाल पुलिस मामले की तहकीकात में जुट हुई है.
मंगलवार को अहले सुबह बेखौफ अपराधियों ने एक सामाजिक कार्यकर्ता और अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण महासंगठन के जिलाध्यक्ष शेषनाथ द्विवेदी उर्फ टिंकू बाबा की गोली मारकर हत्या कर दी. घटना आंदर थाना क्षेत्र के घेराई की है. टिंकू को उनके घर के दरवाजे पर ही बाइक सवार 6 अपराधियों ने गोलियों से भून दिया.
अपराधियों ने सिर में मारी गोली
बताया जाता है कि शेषनाथ द्विवेदी मंगलवार की सुबह अपने घर के दरवाजे पर बैठे थे, तभी 6 की संख्या में आए अपराधियों ने उनसे बातचीत करने के क्रम में पीछे से सर में 2 गोली मारकर फरार हो गए. वहीं, गोली चलने की आवाज सुनकर उनके घर के लोग दौड़कर बाहर आए तो देखा कि टिंकू गिरे पड़े हैं. जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
घटना की सूचना मिलते ही सिवान एसडीपीओ जितेंद्र पांडेय, नगर थाना इंस्पेक्टर जयप्रकाश पंडित, अवर निरिक्षिक राजकुमार मिश्रा सदर अस्पताल पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए भेज दिया.
मृतक के भाई की हत्या में मुख्य अभियुक्त थे विधायक
गौरतलब है कि 1997 में टिंकू दुबे के बड़े भाई शिवजी दुबे की भी आंदर रघुनाथपुर मोड़ पर गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. जिसमें तत्कालीन माले नेता और वर्तमान जीरादेई जदयू विधायक रमेश सिंह कुशवाहा मुख्य अभियुक्त हैं. इस केस में टिंकू दुबे गवाह भी थे.
पहले भी मिली थी जान से मारने की धमकी
जानकारी के अनुसार इस केस को कई बार मैनेज कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन टिंकू दुबे और उनके परिवार के लोग नहीं मानें. जिसके बाद बार-बार टिंकू और इनके परिवार वालों को जान से मारने की धमकी भी दी जाने लगी. कई बार इन्होंने पुलिस अधिकारियों को आवेदन भी दिया था, लेकिन पुलिस एक नहीं सुनी. जिसका परिणाम आज मृतक का परिवार भुगत रहा है.