सिवानः बिहार के सिवान में जहरीली शराब से 5 लोगों की मौत (Death In Siwan After Drinking Poisonous Liquor) के बाद मृतकों के गांव में कोहराम मच गया है. जो लोग बीमार हैं, वो अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं तो कई लोगों को अपने आखों की रोशनी खो जाने का खौफ है. उन्हें ठीक से दिखाई भी नहीं दे रही है. ये सब हुआ है 50 रुपये में खरीदकर पी गई जानलेवा शराब से. दुख में डूबे परिजन कहते हैं- 'गांव में धड़ल्ले से पाउच बिकता है, कोई देखने वाला नहीं है'.
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सूत्रों के अनुसार कुल 26 लोग जहरीली शराब पीने से बीमार बताए जा रहे हैं हालांकि इसकी प्रशासनिक पुष्टि नहीं हो सकी है. अब तक 5 लोगों की मौत भी हो चुकी है. सभी ने शराब पी रखी थी. जो अब इस दुनिया को छोड़ चुके हैं. परिजन प्रशासन को कोस रहे हैं, तस्करों पर जहरीली शराब बेचने का आरोप लगा रहा हैं, अपनों को खो चुके लोग पुलिस की नाकामी पर सवाल उठा रहे हैं. लेकिन इस सवाल का जवाब देने वाला कोई नहीं है. मामले की जांच और कार्रवाई जरूर चल रही है. अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. प्रशासन ने सिर्फ तीन लोगों की मौत की पुष्टि की है.
"50 रुपये में पोलोथिन मिलता है. जिसमे स्पिरिट होता है. खरीद कर पिया था रात को, बेचने वाला शराब खुलेआम बेचते हैं, जिसका नाम मंटू बीन है पिता का नाम मुन्नी राउत है, नबीगंज के बाला गांव में धड़ल्ले से शराब बिकता है, प्रशासन बेखबर है"- ज्ञानती देवी, जितेंद्र मांझी की मां
मां बोली शराब पीकर आया था घरः आपको बता दें कि अस्पताल में भर्ती जितेंद्र मांझी को जहरीली शराब पीने के बाद आंख से धुंधला दिखने की शिकायत पर यहां लाया गया था. उसकी मां ज्ञानती देवी ने बताया कि रविवार की रात उसका पुत्र शराब पीकर आया था, जब सुबह उठा तो बताया कि आंख से नहीं दिख रहा है. शराब से मृत हुए लोगों के परिजनों का भी यही कहना है कि आंख से दिखाई नहीं दे रहा था. शराब पीकर घर आए थे, तभी रात में अचानक बीमार पड़ गए तो आनन-फानन में सिवान सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां नरेश बीन, जनक प्रसाद, रमेश रावत, सुरेन्द्र मांझी और लछन देव राम की मौत हो गई.
आए दिन हो रही लोगों की शराब से मौतः आपको बता दें कि जहरीली शराब से मौत का ये मामला कोई नया नहीं है, बिहार में जब से शराबबंदी हुई तब से लोग चोरी छिपे शराब पी ही रहे हैं, गरीब तबके के लोग जहरीली शराब भी पी जाते हैं. जिससे उनकी मौत तक हो जाती है या आखों की रोशनी चली जाती है. बिहार में जहरीली शराब से मौत का सबसे बड़ा उदाहरण गोपालगंज के खजूरबानी जहरीली शराबकांड जिसमें 19 लोगों ने अपनी जान गंवाईं थी और हाल ही में हुए छपरा जहरीली शराब कांड है, जिसमें 75 लोगों की मौत हुई थी. घटना के बाद पुलिस चौकन्ना होती है और फिर छापेमारी और संस्पेंड की कार्रवाई करके मामला शांत हो जाता है. उसके बाद कहीं और यही घटना दोहराई जाती है, लेकिन सरकार और प्रशासन आज तक जहरीली शराब पर रोक नहीं लगा पाई.