सिवान: सब्जियों की आसमान छूती कीमतों ने आम लोगों की कमर तोड़ रखी है. महंगाई का असर थाली में परोसे जाने वाले व्यजनों पर भी दिख रहा है. सब्जी विक्रेताओं का भी हाल-बेहाल है. बाजार इतना मंदा चल रहा है कि दुकानदार रोजाना सब्जियों की रेहड़ी लगाते हैं, लेकिन पूरे दिनभर में उनके पास एक्का-दुक्का ग्राहक ही पहुंचते हैं. कई ग्राहक तो सब्जियों का दाम सुन मुंह मोड़कर चले जाते हैं.
महंगाई की मार से सिवान जिले के दुकानदार और खरीदार दोनों का हाल बुरा है. प्याज के भाव तो पनीर के बराबर हो गया है. अन्य मौसमी सब्जियां जैसे परवल, नेनुआ, भिंडी, बैंगन, टमाटर भी इन दिनों महंगे हो चुके हैं. मध्यमवर्गीय परिवार के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. दाम पूछते ही उनका मुंह खुला का खुला रह जाता है.
कीमतों में महीने भर में आया उछाल
ग्राहक कहते हैं कि जो सब्जियां महीने भर पहले 15 से 20 रुपये प्रति किलो मिला करती थी, आज उसकी कीमत में अचानक से उछाल आ गया है. बाजार में कोई भी सब्जी 40 रुपये प्रति किलो से नीचे की नहीं मिल रही है. लोग कहते हैं कि अब उन्होंने सब्जियां खानी ही कम कर दी हैं.
'सब्जी कैसे दिए भईया?'
स्थानीय लोगों की माने तो जहां लहसुन पहले 80 से 100 रुपये किलो मिलता था. अचानक से उसकी कीमत 180 रुपये किलो हो गई है. ऐसे ही प्याज 70 रुपये किलो, बैंगन 60 रुपये किलो, परवल 65 रुपये किलो, भिंडी 40 रुपये किलो और धनिया पत्ता 400 रुपये किलो के भाव से बिक रहा है.
...तो इसलिए बढ़ी प्याज की कीमत
दुकानदार बारिश को कीमतों में बढ़ोत्तरी का कारण बता रहे हैं. प्याज के दाम में हुई बढ़ोत्तरी को लेकर व्यापारियों का कहना है कि महाराष्ट्र के प्रदेशों में आई बाढ़ और भारी बारिश के चलते कीमत प्रभावित हुई है. प्याज के आयात कम होने से इसकी मांग बढ़ गई है. बड़े व्यापारियों ने भी कीमत में तेजी से इजाफा कर दिया. इसलिए फुटकर बाजार में इसकी कीमत में उछाल आया है.
बहरहाल, मौजूदा हालात ऐसे हैं कि आम आदमी के लिए सिर्फ आलू ही एक ऐसी सब्जी है जो उनके बजट के हिसाब से फिट दिख रही है. जानकारों का कहना है कि सब्जी की कीमतों में और इजाफा हो सकता है.