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Chhath Puja 2022: महापर्व छठ का आज दूसरा दिन, सिवान की फल मंडी में बढ़ी रौनक

देश में खासतौर से बिहार-यूपी और झारखंड में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. चार दिनों तक चलने वाले छठ व्रत (Chhath Puja 2022) का आज दूसरा दिन है. आज से छठ व्रत करने वाली महिलाएं 36 घंटों के कठिन निर्जला उपवास पर चली जाती हैं.

आस्था का महापर्व
आस्था का महापर्व
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Published : Oct 29, 2022, 11:27 AM IST

सिवान: बिहार के सिवान में छठ महापर्व को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ गई है. जिले के मुख्य बाजार में फलों और पूजा के सामानों की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है. छठ में दउरा और सूप की मांग बढ़ जाती है. इसी कारण लोग काफी समय पहले से ही इसकी खरीदारी में जुट जाते हैं. हालांकि जो लोग पहले नहीं खरीद पाते हैं, वह अंतिम समय में खरीदारी करते हैं. वहीं छठ महापर्व को लेकर घाटों की सफाई भी की जा रही है.

ये भी पढ़ें- जहां श्रीकृष्ण के वंशज को मिली थी कुष्ठ रोग से मुक्ति, उस बड़गांव सूर्यधाम में दूर-दूर से छठ करने आते हैं श्रद्धालु

आज है छठ का दूसरा दिन: चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व का आज दूसरा दिन है. दूसरे दिन खरना मनाया जाता है. जिसमें छठ व्रती रात में भगवान की आराधना कर 36 घंटे तक चलने वाले कठोर निर्जल उपवास पर चली जाती है और फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर उपवास खोलती है. छठ महापर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ हुई. जिसके बाद 29 अक्टूबर को खरना, 30 अक्टूबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य और 31 अक्टूबर को प्रातःकालीन सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती महिलाएं पारण करती है. इसी के साथ छठ महापर्व का समापन हो जाता है.

साल में दो बार मनाया जाता है छठ: पंडित रामअवधेश चतुर्वेदी ने बताया कि वर्ष में पष्ठी देवी की पूजा का आयोजन दो बार होता है. पहला चैती पष्ठी पूजन व्रत और दूसरा कार्तिक में डाला पष्ठी पूजन व्रत. कार्तिक में आयोजित होने वाले व्रत का ज्यादा प्रचलन है. इसमे घर में शुद्धि एवं साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है. जिसमें प्रथम दिन नहाय खाय, द्वितीय दिन खरना, तृतीय दिम निर्जला उपवास एवं सायंकालीन अर्घ्य और चतुर्थ दिन सूर्योदय के समय अर्घ्य दान व व्रत के पारण का होता है. यह क्रमशः कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि से शुरू होकर सप्तमी तक चलता है.

बढ़ जाती है फलों और सब्जियों की डिमांड: छठ महापर्व में फलों और सब्जियों की मांग बढ़ जाती है. जिससे कीमतों में भी भारी उछाल देखा जाता है. सामान्य दिनों में मिलने वाले फलों और सब्जियों की कीमत बढ़ी रहती है. छठ में कद्दू, सेब, खीरा, केला, नारियल और अन्य फलों की कीमत आसमान छूं रही है. लेकिन छठ मनाने वाले इसे खरीदने से नहीं चूकते हैं. सामान्य दिनों पर 10 से 20 रुपए प्रति किलो बिकने वाला कद्दू छठ में 100 रुपए के पार चला जाता है. वहीं 30-40 रुपए दर्जन मिलने वाला केला 60 रुपए दर्जन से भी अधिक हो जाता है.


ये भी पढ़ें- छठ पूजा 2022ः आज से होगी 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत, छठ के दूसरे दिन जानें खरना की पूरी विधि

सिवान: बिहार के सिवान में छठ महापर्व को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ गई है. जिले के मुख्य बाजार में फलों और पूजा के सामानों की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है. छठ में दउरा और सूप की मांग बढ़ जाती है. इसी कारण लोग काफी समय पहले से ही इसकी खरीदारी में जुट जाते हैं. हालांकि जो लोग पहले नहीं खरीद पाते हैं, वह अंतिम समय में खरीदारी करते हैं. वहीं छठ महापर्व को लेकर घाटों की सफाई भी की जा रही है.

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आज है छठ का दूसरा दिन: चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व का आज दूसरा दिन है. दूसरे दिन खरना मनाया जाता है. जिसमें छठ व्रती रात में भगवान की आराधना कर 36 घंटे तक चलने वाले कठोर निर्जल उपवास पर चली जाती है और फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर उपवास खोलती है. छठ महापर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ हुई. जिसके बाद 29 अक्टूबर को खरना, 30 अक्टूबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य और 31 अक्टूबर को प्रातःकालीन सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती महिलाएं पारण करती है. इसी के साथ छठ महापर्व का समापन हो जाता है.

साल में दो बार मनाया जाता है छठ: पंडित रामअवधेश चतुर्वेदी ने बताया कि वर्ष में पष्ठी देवी की पूजा का आयोजन दो बार होता है. पहला चैती पष्ठी पूजन व्रत और दूसरा कार्तिक में डाला पष्ठी पूजन व्रत. कार्तिक में आयोजित होने वाले व्रत का ज्यादा प्रचलन है. इसमे घर में शुद्धि एवं साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है. जिसमें प्रथम दिन नहाय खाय, द्वितीय दिन खरना, तृतीय दिम निर्जला उपवास एवं सायंकालीन अर्घ्य और चतुर्थ दिन सूर्योदय के समय अर्घ्य दान व व्रत के पारण का होता है. यह क्रमशः कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि से शुरू होकर सप्तमी तक चलता है.

बढ़ जाती है फलों और सब्जियों की डिमांड: छठ महापर्व में फलों और सब्जियों की मांग बढ़ जाती है. जिससे कीमतों में भी भारी उछाल देखा जाता है. सामान्य दिनों में मिलने वाले फलों और सब्जियों की कीमत बढ़ी रहती है. छठ में कद्दू, सेब, खीरा, केला, नारियल और अन्य फलों की कीमत आसमान छूं रही है. लेकिन छठ मनाने वाले इसे खरीदने से नहीं चूकते हैं. सामान्य दिनों पर 10 से 20 रुपए प्रति किलो बिकने वाला कद्दू छठ में 100 रुपए के पार चला जाता है. वहीं 30-40 रुपए दर्जन मिलने वाला केला 60 रुपए दर्जन से भी अधिक हो जाता है.


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