ETV Bharat / state

क्वारंटाइन सेंटर में पिता के इलाज की गुहार लगाता रहा बेटा, प्रशासन की लापरवाही से हो गई मौत

परिजनों का कहना है कि बीते बुधवार को तबीयत बिगड़ने के बाद पारस नाथ ठाकुर को अस्पताल ना भेजकर सिवान के डीईलू होटल में रखा गया, जहां उनकी मौत हो गई.

siwan
मजदूर की मौत
author img

By

Published : May 17, 2020, 5:50 PM IST

Updated : May 17, 2020, 8:39 PM IST

सिवानः जब इंसान बेबस और लाचार होकर अपनी आखों के सामने अपनों को खो दे तो उसका दर्द क्या होता है, इसका अंदाजा शायद आप नहीं लगा सकते. लेकिन बिहार के सिवान से एक ऐसी ही घटना सामने आई है, जहां एक नौजवान बेटे ने बेबस होकर अपने पिता के तड़पते हुए मरने का वीडियो बनाकर अपनी लाचारी जाहिर की. बेटे की ये बेबसी शायद जिला प्रशासन को नजर नहीं आई और आखिरकार बेटे के सामने क्वारेंटीन सेंटर में बाप ने दम तोड़ दिया.

siwan
मृतक की पत्नी और बेटी

मरीज को नहीं भेजा गया अस्पताल
ये दर्दनाक घटना दरौली प्रखंड के भिटौली गांव के एक प्रवासी मजदूर की है. जिनकी सिवान के डीइलू होटल में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में मौत हो गई. दरअसल मजदूर पारस नाथ ठाकुर अपने बेटे शिबू ठाकुर के साथ मुंबई में रहते थे. दो महीने पहले इनको जॉन्डिस हुआ था. लेकिन लॉकडाउन के चलते उनका सही से इलाज नहीं हो सका था. सरकार से घर आने की छूट मिलते ही पारस नाथ अपने गांव आ गए, जहां इनको पंचायत में बने क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया. बीते बुधवार को तबीयत बिगड़ने के बाद इनको अस्पताल ना भेजकर सिवान के डीईलू होटल में रखा गया. जहां इनकी मौत हो गई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इलाज कराने के लिए परेशान रहा बेटा
बेटे के जरिए बनाए गए वीडियो में साफ दिख रहा है कि मरीज पलंग पर लेटा तड़प रहा है, लेकिन उनको देखने के लिए कोई डॉक्टर या नर्स वहां मौजूद नहीं है. बेटा पिता का इलाज कराने के लिए परेशान था, लेकिन उसे बाहर नहीं निकलने दिया गया. बल्कि प्रशासन की ओर से मारने की धमकी भी दी गई. आखिरकार उसने मजबूर होकर वीडियो बनाया और लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और बेटे के सामने बाप ने दम तोड़ दिया.

ये भी पढ़ेंः बिहार: मजदूरों के दर्द पर कुछ ऐसे लगाया मरहम, अपने ढाबे को बना दिया लंगर

मुखिया ने भी व्यवस्था पर उठाए सवाल
परिजनों का आरोप है कि गांव के सेंटर में तीन दिनों तक बिना जांच और इलाज के रखा गया था. सिवान में भी किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गई. जिससे इलाज के अभाव में इनकी तड़प-तड़प कर मौत हो गई. इस मामले में पंचायत के मुखिया संजय प्रजापति ने भी व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं और कहा कि प्रशासन की लापरवाही की वजह से उनका इलाज नहीं हो सका. वहीं, परिवार के लोग भी प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं.

siwan
डॉक्टर यदुवंश नारायण शर्मा, सीएस

मामले की होगी जांच- सीएस
इस मामले में सिवान सीएस डॉक्टर यदुवंश नारायण शर्मा ने बताया कि सिवान डीईलू में जब मरीज आया था, उस वक्त उसकी हालत काफी खराब थी. अफसोस की हम उन्हें बचा ना सके. जिस गांव के क्वारंटाइन सेंटर से वो आए थे, वहां जांच की जाएगी कि किसकी लापरवाही थी.

सिवानः जब इंसान बेबस और लाचार होकर अपनी आखों के सामने अपनों को खो दे तो उसका दर्द क्या होता है, इसका अंदाजा शायद आप नहीं लगा सकते. लेकिन बिहार के सिवान से एक ऐसी ही घटना सामने आई है, जहां एक नौजवान बेटे ने बेबस होकर अपने पिता के तड़पते हुए मरने का वीडियो बनाकर अपनी लाचारी जाहिर की. बेटे की ये बेबसी शायद जिला प्रशासन को नजर नहीं आई और आखिरकार बेटे के सामने क्वारेंटीन सेंटर में बाप ने दम तोड़ दिया.

siwan
मृतक की पत्नी और बेटी

मरीज को नहीं भेजा गया अस्पताल
ये दर्दनाक घटना दरौली प्रखंड के भिटौली गांव के एक प्रवासी मजदूर की है. जिनकी सिवान के डीइलू होटल में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में मौत हो गई. दरअसल मजदूर पारस नाथ ठाकुर अपने बेटे शिबू ठाकुर के साथ मुंबई में रहते थे. दो महीने पहले इनको जॉन्डिस हुआ था. लेकिन लॉकडाउन के चलते उनका सही से इलाज नहीं हो सका था. सरकार से घर आने की छूट मिलते ही पारस नाथ अपने गांव आ गए, जहां इनको पंचायत में बने क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया. बीते बुधवार को तबीयत बिगड़ने के बाद इनको अस्पताल ना भेजकर सिवान के डीईलू होटल में रखा गया. जहां इनकी मौत हो गई.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इलाज कराने के लिए परेशान रहा बेटा
बेटे के जरिए बनाए गए वीडियो में साफ दिख रहा है कि मरीज पलंग पर लेटा तड़प रहा है, लेकिन उनको देखने के लिए कोई डॉक्टर या नर्स वहां मौजूद नहीं है. बेटा पिता का इलाज कराने के लिए परेशान था, लेकिन उसे बाहर नहीं निकलने दिया गया. बल्कि प्रशासन की ओर से मारने की धमकी भी दी गई. आखिरकार उसने मजबूर होकर वीडियो बनाया और लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और बेटे के सामने बाप ने दम तोड़ दिया.

ये भी पढ़ेंः बिहार: मजदूरों के दर्द पर कुछ ऐसे लगाया मरहम, अपने ढाबे को बना दिया लंगर

मुखिया ने भी व्यवस्था पर उठाए सवाल
परिजनों का आरोप है कि गांव के सेंटर में तीन दिनों तक बिना जांच और इलाज के रखा गया था. सिवान में भी किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गई. जिससे इलाज के अभाव में इनकी तड़प-तड़प कर मौत हो गई. इस मामले में पंचायत के मुखिया संजय प्रजापति ने भी व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं और कहा कि प्रशासन की लापरवाही की वजह से उनका इलाज नहीं हो सका. वहीं, परिवार के लोग भी प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं.

siwan
डॉक्टर यदुवंश नारायण शर्मा, सीएस

मामले की होगी जांच- सीएस
इस मामले में सिवान सीएस डॉक्टर यदुवंश नारायण शर्मा ने बताया कि सिवान डीईलू में जब मरीज आया था, उस वक्त उसकी हालत काफी खराब थी. अफसोस की हम उन्हें बचा ना सके. जिस गांव के क्वारंटाइन सेंटर से वो आए थे, वहां जांच की जाएगी कि किसकी लापरवाही थी.

Last Updated : May 17, 2020, 8:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.