सिवान: यू ट्यूब पर वीडियो देखने के शौकीन दरौली प्रखंड के प्रभु शर्मा ने सोशल मीडिया से ही आईडिया लेकर एक ऐसा काम शुरू किया, जो कई लोगों के लिये प्रेरणास्त्रोत होने के साथ-साथ स्वरोजगार का विकल्प हो सकता है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखकर प्रभु शर्मा ने बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन शुरू किया. 1 लाख से ज्यादा लागत वाले इस काम में प्रभु शर्मा 2 लाख 40 हजार तक का मुनाफा कमा लेते हैं.
प्रभु शर्मा ने यूट्यूब पर मछलीपालन का वीडियो देखा, जिसके बाद उन्होंने भी बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन शुरू कर दिया. प्रभु ने 60 हजार की लागत से एक 10 हजार लीटर वाला पानी टैंक खरीदा और उसमें लगभग 5000 मांगुर मछली को पालना शुरू किया. उन्होंने बताया कि बायोफ्लॉक तकनीक में टेम्प्रेचर का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है. इसके साथ ही मछलियों के लिए पानी में ऑक्सीजन के लिए बिजली की व्यवस्था भी जरूरी है. प्रभु शर्मा की मछली पालने की कुल लागत 1 लाख 20 हजार हुई और अगर मुनाफे की बात करें तो वो 2 लाख 40 हजार कमाते हैं.
क्या है बायोफ्लॉक तकनीक
मछली पालन में सबसे ज्यादा खर्च दाना पर होता है. इस तकनीक में बायोफ्लोकॉन बैक्टेरिया की मदद से मछलियों के अपशिष्ट को भोजन में बदल दिया जाता है. मछली के दाने में तीस फीसदी तक की बचत होती है. इसके साथ ही मछली को कृत्रिम रूप से ऑक्सीजन दिया जाता है.
'दूसरे प्रदेश में जाने से बेहतर स्वरोजगार'
प्रभु शर्मा का कहना है कि जो लोग कम पैसे कमाने के लिये बिहार से बाहर जाते हैं, उन लोगों से मेहनत भी ज्यादा कराई जाती है और पैसे भी कम मिलते हैं. इसी कारण से मैंने सोचा कि खुद का एक अच्छा व्यापार शुरू किया जाए. फिर मैंने गूगल और यूट्यूब से मछली पालने का तरीका देखकर यह व्यापार शुरू किया. करीब 1लाख 20 हजार की लागत से मैंने यह मछली पालन का व्यापार शुरू किया.
युवाओं को किया प्रेरित
प्रभु ने कहा कि मैंने मांगुर मछली का पालन शुरू किया. मछली पालन के लिये पानी को स्वस्थ्य बनाए रखना, मछलियों के आहार प्रबंधन के साथ ही साथ इनको प्रभावित करने वाले रोगों से बचाव इत्यादि का खास ख्याल रखना जरूरी है. मछली के इस व्यापार में लाखों का फायदा है, इसलिए मैंने ये व्यापार किया. प्रभु शर्मा ने बेरोजगार युवाओं को संदेश देते हुये कहा कि जो लोग अपने राज्य को छोड़कर दूसरी जगह कमाने जाते हैं, वो खुद का अपना व्यवसाय शुरू करें.
क्या कहते है मत्स्य पदाधिकारी
वहीं, जिले के मत्स्य पदाधिकारी जयशंकर ओझा ने कहा कि सरकार द्वारा मछली पालन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. हमारे सहयोगी गांव में जाकर जागरुकता फैला रहे हैं और मछली पालन से होने वाले मुनाफों के बारे में बता रहे हैं.