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सरयू ने 20 साल बाद दिखाया रौद्र रुप, रिहायशी इलाको में घुसा बाढ़ का पानी.. लोग पलायन को मजबूर - Increasing water in Saryu river

सरयू नदी में पानी बढ़ने से सिवान में बाढ़ (Flood in Siwan) की स्थिति बन गई है. रिहायशी इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. घर में पानी घुसने से लोग पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Oct 15, 2022, 12:50 PM IST

सिवानः बिहार के सिवान में बाढ़ के हालात बन गए हैं. सरयू नदी ने 20 साल बाद अपना रौद्र रूप दिखाया. हाल के दिनों में सरयू नदी का जलस्तर (Increasing water in Saryu river) बढ़ा है. इस कारण रिहायशी इलाकों में भी पानी घुस गया है. करीब 20 साल बाद बाढ़ का नजारा यहां देखने को मिल रहा है. जिले के कई प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. इस कारण कई इलाकों से लोग पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.

ये भी पढ़ेंः बाढ़ के पानी से घिरे सिवान के कई गांव, ग्रामीणों को सरकार से मदद की आस

कई प्रखंडों में घुसा बाढ़ का पानीः जिले के कई प्रखंडो में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों में दहशत वयाप्त है. रिहायशी इलाकों में पानी घुसने से लोग परेशान हैं और पलायन करने को मजबूर हैं. हालात बद से बदतर होती जा रहा है. वहीं ग्रामीणों की मानें तो 20 साल बाद सरयू नदी अपने ऊफान पर है. इसने दर्जनों गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है. सिसवन, दरौली, गुठनी, रघुनातपुर, आंदर प्रखंड में भी बाढ़ का पानी अब घुसने लगा है. इससे दहशत कायम हो गया है.

पीने के पानी समेत कई चीजों की किल्लतः पिछले तीन दिनों से लगातार बाढ़ का पानी जिले के विभिन्न इलाकों में बढ़ रहा है. इस कारण इन क्षेत्रों में ग्रामीणों को पीने के पानी, पशुओं को चारा, शौचालय को लेकर परेशानी हो रही है. पानी में डूब जाने के कारण सड़क नजर नहीं आने से लोगों को आने जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. दरौली, नरौली, तीरबलुआ, सोनहुला, श्रीकरपुर, सोहगरा समेत पूरा इलाका बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है. कुछ इलाकों में पानी घुसना भी शुरू हो गया है.

कितना है सरयू का जलस्तरः बाढ़ की स्थिति के बाद जहां लोग परेशान हैं. वहीं बाढ़ विभाग के जेई रजनीश कुमार रवि ने बताया कि सरयू का जलस्तर 61.77 सेंटीमीटर है, जो खतरा के निशान से 2.57 से ऊपर है. उन्होंने कहा कि मेरी पूरी टीम इस पर नजर बनाए हुए है. देखते ही देखते सरयू नदी का जलस्तर काफी बढ़ता जा रहा है.

लोग पलायन करने को मजबूरः सरयू में जलस्तर बढ़ने से दर्जनों गांव इसकी चपेट में आने लगे हैं. कई इलाकों में पूरा पानी घुस गया है. वहीं रिहायशी इलाकों में रोज बढ़ते जलस्तर से बुरा हाल है. लोग वक्त रहते सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहते हैं. इसके बाद लोग पशु और अपना सामान लेकर नाव के सहारे ऊंची जगह जा रहे हैं.

बाढ़ से फसलों को नुकसानः सरयू नदी अपने ऊफान पर है. बाढ़ का पानी घुसने से खेती को बहुत नुकसान हो रहा है. बाढ़ खेती के लिए दो हजार हेक्टेयर खेती की जमीन को नुकसान हुआ है. इसमें लगी फसल धान, मक्का, मूंगफली और हरी सब्जियों को भारी नुकसान हुआ हैं. अब रिहाश्यही इलाकों में बढ़ते जलस्तर से गांव वालों को निजी मकान और निजी सम्पतियों को नुकसान होने का डर सता रहा है.

"सरयू का जलस्तर 61.77 सेंटीमीटर है, जो खतरा के निशान से 2.57 से ऊपर है. उन्होंने कहा कि मेरी पूरी टीम इस पर नजर बनाए हुए है" - रजनीश कुमार रवि, जेई बाढ़ नियंत्रण विभाग

सिवानः बिहार के सिवान में बाढ़ के हालात बन गए हैं. सरयू नदी ने 20 साल बाद अपना रौद्र रूप दिखाया. हाल के दिनों में सरयू नदी का जलस्तर (Increasing water in Saryu river) बढ़ा है. इस कारण रिहायशी इलाकों में भी पानी घुस गया है. करीब 20 साल बाद बाढ़ का नजारा यहां देखने को मिल रहा है. जिले के कई प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. इस कारण कई इलाकों से लोग पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.

ये भी पढ़ेंः बाढ़ के पानी से घिरे सिवान के कई गांव, ग्रामीणों को सरकार से मदद की आस

कई प्रखंडों में घुसा बाढ़ का पानीः जिले के कई प्रखंडो में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों में दहशत वयाप्त है. रिहायशी इलाकों में पानी घुसने से लोग परेशान हैं और पलायन करने को मजबूर हैं. हालात बद से बदतर होती जा रहा है. वहीं ग्रामीणों की मानें तो 20 साल बाद सरयू नदी अपने ऊफान पर है. इसने दर्जनों गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है. सिसवन, दरौली, गुठनी, रघुनातपुर, आंदर प्रखंड में भी बाढ़ का पानी अब घुसने लगा है. इससे दहशत कायम हो गया है.

पीने के पानी समेत कई चीजों की किल्लतः पिछले तीन दिनों से लगातार बाढ़ का पानी जिले के विभिन्न इलाकों में बढ़ रहा है. इस कारण इन क्षेत्रों में ग्रामीणों को पीने के पानी, पशुओं को चारा, शौचालय को लेकर परेशानी हो रही है. पानी में डूब जाने के कारण सड़क नजर नहीं आने से लोगों को आने जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. दरौली, नरौली, तीरबलुआ, सोनहुला, श्रीकरपुर, सोहगरा समेत पूरा इलाका बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है. कुछ इलाकों में पानी घुसना भी शुरू हो गया है.

कितना है सरयू का जलस्तरः बाढ़ की स्थिति के बाद जहां लोग परेशान हैं. वहीं बाढ़ विभाग के जेई रजनीश कुमार रवि ने बताया कि सरयू का जलस्तर 61.77 सेंटीमीटर है, जो खतरा के निशान से 2.57 से ऊपर है. उन्होंने कहा कि मेरी पूरी टीम इस पर नजर बनाए हुए है. देखते ही देखते सरयू नदी का जलस्तर काफी बढ़ता जा रहा है.

लोग पलायन करने को मजबूरः सरयू में जलस्तर बढ़ने से दर्जनों गांव इसकी चपेट में आने लगे हैं. कई इलाकों में पूरा पानी घुस गया है. वहीं रिहायशी इलाकों में रोज बढ़ते जलस्तर से बुरा हाल है. लोग वक्त रहते सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहते हैं. इसके बाद लोग पशु और अपना सामान लेकर नाव के सहारे ऊंची जगह जा रहे हैं.

बाढ़ से फसलों को नुकसानः सरयू नदी अपने ऊफान पर है. बाढ़ का पानी घुसने से खेती को बहुत नुकसान हो रहा है. बाढ़ खेती के लिए दो हजार हेक्टेयर खेती की जमीन को नुकसान हुआ है. इसमें लगी फसल धान, मक्का, मूंगफली और हरी सब्जियों को भारी नुकसान हुआ हैं. अब रिहाश्यही इलाकों में बढ़ते जलस्तर से गांव वालों को निजी मकान और निजी सम्पतियों को नुकसान होने का डर सता रहा है.

"सरयू का जलस्तर 61.77 सेंटीमीटर है, जो खतरा के निशान से 2.57 से ऊपर है. उन्होंने कहा कि मेरी पूरी टीम इस पर नजर बनाए हुए है" - रजनीश कुमार रवि, जेई बाढ़ नियंत्रण विभाग

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