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सिवान में धूमधाम से मनाया जा रहा आस्था का महापर्व छठ, अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया पहला अर्घ्य

बिहार के सिवान में छठ पूजा धूमधाम (Chhath Puja In Siwan) से मनाया जा रहा है. चार दिवसीय महापर्व के तीसरे दिन सूर्यदेव को पहला अर्घ्य दिया गया. सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा.

सिवान में छठ पूजा
सिवान में छठ पूजा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 19, 2023, 8:10 PM IST

सिवान में छठ पूजा

सिवानः लोक आस्था का महापर्व छठ धूमधाम से मनाया जा रहा है. सोमवार को चार दिवसीय महापर्व संपन्न हो जाएगा. रविवार को जिले में विभिन्न घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया. इसके साथ ही लोग सोमवार की तैयारी में जुट गए हैं. छठ पूजा के दौरान घाटों पर श्रद्धालुओं और व्रतियों की भीड़ लगी है. व्रती कमरभर पानी में खड़ी होकर भगवान सूर्यदेव की आराधना की.

छठी मईया का गीत से महौल भक्तिमयः घरों से लेकर घाट तक छठी मईया का गीत बज रहा है. छठी मईया के गीत से माहौल भक्तिमय माहौल हो रहा है. घाटों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है. रविवार को लोग नए-नए परिधान में माथा पर दौरा लेकर छठ घाट पहुंचे. महिला-पुरुष, बच्चे-बुजुर्ग एक साथ मिलकर छठी मईया की आराधना में शामिल हुए.

4 दिनों तक चलता है छठः बता दें कि चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत नहा खाय से होती है. पहले दिन व्रती कद्दू भात का सेवन कर व्रत की शुरुआत करती है. इसके बाद दूसरे दिन खीर पूरी के साथ खरना किया जाता है. खरना के साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है. महापर्व के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय महापर्व संपन्न होता है.

सुख समृद्धि के लिए किया जाता है छठः मान्यता है कि छठ पूजा करने से घरों में सुख समृद्धि आती है. इसके साथ ही संतान प्राप्ति और उसके लंबी उम्र के लिए भी छठ पूजा किया जाता है. कई लोग संतान प्राप्ति के लिए मन्नत मानते हैं. मन्नत पूरी होने पर धूमधाम से छठ व्रत करते हैं.

सिवान में छठ पूजा

सिवानः लोक आस्था का महापर्व छठ धूमधाम से मनाया जा रहा है. सोमवार को चार दिवसीय महापर्व संपन्न हो जाएगा. रविवार को जिले में विभिन्न घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया. इसके साथ ही लोग सोमवार की तैयारी में जुट गए हैं. छठ पूजा के दौरान घाटों पर श्रद्धालुओं और व्रतियों की भीड़ लगी है. व्रती कमरभर पानी में खड़ी होकर भगवान सूर्यदेव की आराधना की.

छठी मईया का गीत से महौल भक्तिमयः घरों से लेकर घाट तक छठी मईया का गीत बज रहा है. छठी मईया के गीत से माहौल भक्तिमय माहौल हो रहा है. घाटों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है. रविवार को लोग नए-नए परिधान में माथा पर दौरा लेकर छठ घाट पहुंचे. महिला-पुरुष, बच्चे-बुजुर्ग एक साथ मिलकर छठी मईया की आराधना में शामिल हुए.

4 दिनों तक चलता है छठः बता दें कि चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत नहा खाय से होती है. पहले दिन व्रती कद्दू भात का सेवन कर व्रत की शुरुआत करती है. इसके बाद दूसरे दिन खीर पूरी के साथ खरना किया जाता है. खरना के साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है. महापर्व के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय महापर्व संपन्न होता है.

सुख समृद्धि के लिए किया जाता है छठः मान्यता है कि छठ पूजा करने से घरों में सुख समृद्धि आती है. इसके साथ ही संतान प्राप्ति और उसके लंबी उम्र के लिए भी छठ पूजा किया जाता है. कई लोग संतान प्राप्ति के लिए मन्नत मानते हैं. मन्नत पूरी होने पर धूमधाम से छठ व्रत करते हैं.

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