सिवान: बिहार के सिवान में कैंसर के 12 मरीज मिले हैं. वहीं, जांच में 102 मरीज संदिग्ध पाए गए हैं. सदर अस्पताल में जांच के दौरान ये बातें सामने आई है. सिवान सदर अस्पताल में होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के सहयोग से स्कैनिंग कर मरीजों की जांच की जांच की जा रही है. स्कैनिंग कर कैंसर मरीजों की पहचान की जा रही है. अब तक 11 हजार 208 लोगों की स्क्रीनिंग जांच हुई है. जिसमें आंकड़े बिल्कुल चौकानें वाले सामने आए हैं.
ये भी पढ़ें- इलाज के लिए कैंसर मरीजों की बढ़ी संख्या, लॉकडाउन के दौरान भी चलती रहीं ये सेवा
सदर अस्पताल में कैंसर की जांच: कैंसर मरीजों की संख्या आजकल बढ़ती जा रही है. कैंसर का इलाज आज भी पूर्ण रूप से सक्सेस नहीं है. जहां तक सामान्य परिवार की बात अगर करें तो वो आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं होते हैं कि इतना महंगा इलाज करवा सकें. समय पर इलाज नहीं होने के कारण मरीज की मौत हो जाती है. देश या विदेशों में कुछ कैंसर के मरीज अगर अच्छे हुए भी हैं तो उसमें पहले स्टेज के मरीज ही शामिल हैं. दूसरे और तीसरे स्टेज वाले कैंसर मरीजों की संख्या कम होती है.
शुरूआती दौर में नहीं चलता है पता: कैंसर से ज्यादातर मरीजों की मौत हो जाती है. इसका कारण बीमारी के शुरूआती दौर में पता नहीं चलना बताया जाता है. जब बिमारी का पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और कैंसर अपने दूसरे और तीसरे स्टेज में आ चुकी होती है. दूसरे और तीसरे स्टेज वाले 2 प्रतिशत या 3 प्रतिशत मरीज ही बच पाते हैं.
102 मरीज मिले संदिग्ध: आपको बता दें कि सिवान सदर अस्पताल में होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर द्वारा कैंसर मरीजों की पहचान के लिए स्क्रीनिंग की गई. इस जांच के लिए दो डॉक्टर सहित अन्य स्टाफ के साथ एक टीम बनाकर जांच कराई गई. जिसमें कुल 11,280 लोगों की स्क्रीनिंग की गई. जिसमें 102 मरीज संदिग्ध पाए गए और 12 कैंसर मरीज कन्फर्म पाए गए हैं. बता दें कि अस्पताल में स्तन, मुंह एवं गर्भाशय सहित अन्य कैंसर मरीजों की जांच की जा रही है.
स्तन कैंसर के है ज्यादातर मरीज: आपको बता दें कि कैंसर के जो 102 संदिग्ध मरीज मिले हैं, उनमें स्तन के 54, मुंह के 43 और गर्भाशय के 5 मरीज शामिल हैं. वहीं एक दर्जन मरीज कैंसर के पाए गए हैं. विभाग ने बताया कि अगर पहले स्टेज में कैंसर मरीजों की पहचान हो जाये तो 60 प्रतिशत मरीजों को बचाया जा सकता है. देरी में पहचान होने की वजह से 2-3 प्रतिशत मरीज ही बच पाते हैं. जिसको लेकर विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
"जिले में 7 माह में कुल 11 हजार 280 लोगों की जांच और स्कैनिंग जांच की गई है. जिसमें 12 मरीज कैंसर के कंफर्म किए गए हैं. वही 102 संदिग्ध पाए गए हैं. जिनका इलाज चल रहा है."- डॉ सोनी कुमारी, चिकित्सक, भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र