सिवानः राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर पटना में धरना प्रदर्शन में शामिल हुए सिवान के 20 शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सरकार की नीतियों का विरोध करना, विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करना, बिहार पंचायत, नगर प्रारंभिक, माध्यमिक उच्च माध्यमिक, पुस्तकालयध्यक्ष, नियमावली में प्रावधान आचार संहिता के विपरीत है. इसलिए यह आचार संहिता के उल्लंघन का मामला बनता है.
सिवान के 20 शिक्षकों पर गिरी गाज : इस मामले पर बीईओ को शिक्षकों को 24 घंटे के अंदर निलंबित करते हुए नियोजन इकाई को बर्खास्तगी का पत्र लिखने के लिए आदेश मिला है. आपको बता दें कि दरअसल राज्यकर्मी का दर्जा देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर जो शिक्षक आंदोलन में भाग लेने पहुंचे थे, उनकी पहचान करते हुए लगभग 20 शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया गया है. शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार ने सभी बीईओ से प्रखंडवार अनुपस्थिति की सूची बुधवार को मांगी थी, जो 11 जुलाई को विधानसभा का घेराव करने शिक्षक पटना पहुंचे थे, उन लोगों पर कुल 20 शिक्षकों पर कार्रवाई हुई है.
केके पाठक के आदेश पर हुई कार्रवाई : बता दें कि बीते 11 जुलाई को शिक्षक राज्य कर्मी का दर्जा देने सहित अन्य मांगों को लेकर बिहार के माध्यमिक शिक्षक संघ बिहार राज्य पंचायत, नगर निकाय, प्रारंभिक शिक्षक संघ,और परिवर्तनकारी शिक्षक संघ, के संयुक्त आह्वान पर शिक्षकों ने अपनी मांगों के समर्थन में पटना पहुंचकर विधानसभा का घेराव किया था और पटना के गर्दनीबाग में प्रदर्शन भी किया था.
कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप: इसे लेकर बुधवार को ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को धरना में शामिल शिक्षकों को चिन्हित करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया. यही नहीं इसमें बर्खास्तगी का भी आदेश दिया गया है. के के पाठक के आदेश के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार ने 20 शिक्षकों को चिन्हित कर कार्रवाई शुरू कर दी है, जिसके बाद से शिक्षकों में हड़कंप मच गया है.