सीतामढ़ी: जिले के सोनबरसा थाना क्षेत्र के सिंहवाहिनी पंचायत स्थित भगवानपुर राजकीय प्राथमिक विद्यालय में ग्रामीणों ने पिछले 10 दिनों से तालाबंदी कर दी है. ग्रामीणों का आरोप है कि इस विद्यालय में एचएम पद की लड़ाई को लेकर पठन-पाठन के बजाय केवल लड़ाई और राजनीति चल रही है. विद्यालय की दो शिक्षिका रंजीता कुमारी और रेनू कुमारी के बीच 2017 से हीं इस बात को लेकर विवाद चल रही थी. अति हो जाने पर ग्रामीणों ने यह कदम उठाया.
तालाबंदी को लेकर अब पठन-पाठन पूरी तरह से बंद हो गया है. बावजूद इसके विभागीय अधिकारी इस समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं.
ग्रामीणों ने कराया था जमीन मुहैया
ग्रामीणों ने बताया कि इस विद्यालय की स्थापना के लिए उन लोगों ने अपने खून-पसीने का कमाई से जमीन मुहैया कराया था. इसके बाद 2007-08 में विद्यालय भवन का निर्माण कराया गया, ताकि गांव के बच्चों को साक्षर बनाया जा सके. बावजूद इसके, जब ग्रामीणों ने विद्यालय में पढ़ाई नहीं होने और एचएम की राजनीति को लेकर विरोध किया, तब विद्यालय की एक शिक्षिका रंजीता कुमारी ने झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी. तंग आकर ग्रामीणों ने विद्यालय में तालाबंदी कर दिया.
एचएम पद को लेकर विवाद
आपको बता दें कि 2 वर्ष पहले रंजीता कुमारी इस विद्यालय की एचएम थी, जो एक नियोजित शिक्षिका है. वर्ष 2017 में ओडीएफ लाभार्थियों को भुगतान के लिए इस विद्यालय में शिविर का आयोजन किया गया था. उसी दौरान रंजीता पर अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप है. इस बाबत नियोजन इकाई ने उसे निलंबित कर दिया था. उसके बाद रेणु कुमारी को वरीयता के आधार पर एचएम पद की दावेदारी दी गई. बाद में फिर से रंजीता को शिक्षिका का पदभार मिल गया. उसके बाद हीं दोनों में एचएम के पद को लेकर नोंक-झोंक चल रही है.
दोनों शिक्षिका पर अनियमितता का आरोप
नियोजन इकाई, ग्रामीण और विभागीय कागजात के अवलोकन से मिली जानकारी के अनुसार दोनों शिक्षिका पर अनियमितता का आरोप है. इसको लेकर विभाग ने दोनों को स्थानांतरण का आदेश दिया था. यह कार्रवाई अब ठंडी पड़ गई और दोनों में से किसी का स्थानांतरण नहीं हुआ. इस बाबत प्रखंड स्तर के पदाधिकारी ने दूसरी कार्रवाई करते हुए रेनू कुमारी पर मामला दर्ज करवा दिया. वहीं, रंजीता कुमारी के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस आदेश को नियोजन इकाई ने पक्षपातपूर्ण कार्रवाई बताकर गलत ठहरा दिया. नियोजन इकाई के अनुसार रंजीता कुमारी पर भी अनियमितता का आरोप है. उसके विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए.
पंचायत सचिव को धमकी देकर कराया हस्ताक्षर
इस बाबत पंचायत सचिव रमेश मेहता ने बताया कि विभागीय वरीय पदाधिकारी ने पत्र जारी कर दोनों शिक्षिका के स्थानांतरण करने का आदेश दिया था. जब वह पत्रों को दोनों शिक्षिकाओं को देने जा रहे थे, तभी उन्हें पकड़कर जबरन धमका कर एक दूसरे पत्र पर हस्ताक्षर करवाया गया. उसमें सिर्फ रेनू कुमारी के विरुद्ध कार्रवाई की गई थी. इसके बावजूद भी शिक्षा विभाग उदासीन बना हुआ है.
डीएम का बयान
इस संबंध में पूछे जाने पर डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने बताया कि इस घटना के संबंध में उन्हें जानकारी प्राप्त हुई है. वह इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी से जानकारी हासिल कर इसकी जांच कराएगी. दोषियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी.