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सीतामढ़ी: कोरोना को लेकर ग्रामीणों ने गांव को किया लॉकडाउन, गांव में नहीं हो रही किसी की एंट्री - lockdown

गांव की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है. साथ ही लोग पहरेदारी भी कर रहे हैं.

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Published : Apr 3, 2020, 5:20 PM IST

सीतामढ़ी: कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर गांव वालों ने गांव के बाहर लॉकडाउन का बोर्ड लगा दिया है, और लोगों को इस गांव में लॉकडाउन का पालन करने की बात कही है. हर आने जाने वाले से पूछताछ की जा रही है. गांव के लोगों को भी हाथ धोने के बाद ही गांव में एंट्री होती हैं.

जिले के पुनौरा गांव के लोग बेहद ही सजग दिख रहे हैं. गांव के लोगों ने गांव के सभी सीमाओं को सील कर दिया है. साथ ही गांव के लोग बारी बारी से वहां पहरेदारी में लगे रहते हैं. ग्रामीण आलोक वत्स ने बताया कि गांव वाले आपसी सहयोग से गांव को पूरी तरह सेनेटराइज कराना है. गांव में बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है. वहीं, अगर वह व्यक्ति गांव के किसी व्यक्ति का रिश्तेदार है तो उसकी मेडिकल हिस्ट्री जानने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य में जांच करवाकर ही उसे गांव में प्रवेश करने दिया जाता है.

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गांव के बाहर लगा बोर्ड

साथ ही गांव का कोई व्यक्ति अगर किसी आवश्यक कार्य से बाहर जाता है तो गांव की सीमा पर बने चेक पोस्ट पर उसे हाथों को धूलवाकर ही गांव में प्रवेश करने दिया जाता है. यहां आपको बता दें कि त्रेता युग में राजा जनक की नगरी जनकपुर में जब अकाल पड़ा था. तब पुरोहित के कहने पर राजा जनक ने इसी पुनौरा धाम में हल चलया था. तब धरती के गर्भ से माता सीता के उत्पत्ति हुई थी.

सीतामढ़ी: कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर गांव वालों ने गांव के बाहर लॉकडाउन का बोर्ड लगा दिया है, और लोगों को इस गांव में लॉकडाउन का पालन करने की बात कही है. हर आने जाने वाले से पूछताछ की जा रही है. गांव के लोगों को भी हाथ धोने के बाद ही गांव में एंट्री होती हैं.

जिले के पुनौरा गांव के लोग बेहद ही सजग दिख रहे हैं. गांव के लोगों ने गांव के सभी सीमाओं को सील कर दिया है. साथ ही गांव के लोग बारी बारी से वहां पहरेदारी में लगे रहते हैं. ग्रामीण आलोक वत्स ने बताया कि गांव वाले आपसी सहयोग से गांव को पूरी तरह सेनेटराइज कराना है. गांव में बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है. वहीं, अगर वह व्यक्ति गांव के किसी व्यक्ति का रिश्तेदार है तो उसकी मेडिकल हिस्ट्री जानने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य में जांच करवाकर ही उसे गांव में प्रवेश करने दिया जाता है.

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गांव के बाहर लगा बोर्ड

साथ ही गांव का कोई व्यक्ति अगर किसी आवश्यक कार्य से बाहर जाता है तो गांव की सीमा पर बने चेक पोस्ट पर उसे हाथों को धूलवाकर ही गांव में प्रवेश करने दिया जाता है. यहां आपको बता दें कि त्रेता युग में राजा जनक की नगरी जनकपुर में जब अकाल पड़ा था. तब पुरोहित के कहने पर राजा जनक ने इसी पुनौरा धाम में हल चलया था. तब धरती के गर्भ से माता सीता के उत्पत्ति हुई थी.

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